भारत-अमेरिकी संबंधों का मकसद 'चीन को चुनौती' नहीं : यूएस कमांडर

Indo-US relationship not to contain China : Admiral Harry Harris
भारत-अमेरिकी संबंधों का मकसद 'चीन को चुनौती' नहीं : यूएस कमांडर
भारत-अमेरिकी संबंधों का मकसद 'चीन को चुनौती' नहीं : यूएस कमांडर

एजेंसी, ब्रिस्बेन। भारत-अमेरिकी सम्बंधों में मजबूती 'चीन को चुनौती' देने के लिए नहीं बल्कि दोनों देशों की अपनी प्राथमिकताओं पर आधारित है। कई लोग मानते हैं कि अमेरिका-चीन की बढ़ती ताकत को रोकने के लिए भारत से अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है, जो कि सरासर गलत है। भारत-अमेरिका परस्पर हितों को देखते हुए एक-दूसरे के करीब आए हैं। यह बात यूएस पैसिफिक कमांड के कमांडर एडमिरल हैरी हैरीस ने ब्रिस्बेन के ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पॉलिसी इन्स्टीट्यूट में कल बुधवार को कही।

एडमिरल हैरी ने कहा, 'मैंने जब पैसिफिक कमांड की कमान अपने हाथों में ली तो मैंने इंडिया के साथ अमेरिकी रिश्तों को मजबूत करने के लिए प्रयास किए। यह दोनों देशों के आपसी हितों को देखते हुए किए गए थे।' हैरिस ने कहा कि भारत के साथ अमेरिका का गहरा सहयोग साझा मूल्यों और साझा चिंताओं पर आधारित है। उन्होंने कहा, 'मैंने ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के लोकतांत्रिक गठबंधन के स्पष्ट लाभों के बारे में भी बात की है, जो इन देशों के बीच सुरक्षा सहयोग बढ़ाएगा।

इस दौरान साऊथ चाइना सी पर चीन के अडिग रूख और कृत्रिम आइलैंड पर भी एडमिरल ने अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका के सामने चुनौती खड़ी कर रखी है। एडमिरल ने कहा कि चीन नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय आदेश को खत्म करने के लिए अपनी सैन्य और आर्थिक ताकत का इस्तेमाल कर रहा है। उन्होंने कहा कि साऊथ चाइना सी के रिसोर्सेज पर चीन के क्लेम को वियतनाम, ताइवान, फिलिपींस, मलेशिया और ब्रुनेई जैसे देशों ने चुनौती दी है। एडमिरल ने कहा कि अमेरिका इस विवाद का शांतिपूर्ण हल चाहता है।

Created On :   29 Jun 2017 10:44 AM GMT

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