सिंधु जल विवाद : भारत और पाकिस्तान ने दोस्ती के लिए बढ़ाया एक और कदम

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सिंधु जल विवाद : भारत और पाकिस्तान ने दोस्ती के लिए बढ़ाया एक और कदम
सिंधु जल विवाद : भारत और पाकिस्तान ने दोस्ती के लिए बढ़ाया एक और कदम
हाईलाइट
  • पाकिस्तान भी भारत को सिंधु नदी के निचले तट के कोटरी बांध परियोजना के निरीक्षण की अनुमति देने को तैयार हो गया।
  • भारत ने किशनगंगा प्रॉजेक्ट और झेलम नदी बेसिन के निरीक्षण की पाकिस्तान की मांग को स्वीकार कर लिया है।
  • सिंधु जल विवाद को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान अब नई राह पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं।

डिजिटल डेस्क, इस्लामाबाद। भारत और पाकिस्तान ने दोस्ती के लिए एक और कदम बढ़ाया है। सिंधु जल विवाद को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान अब नई राह पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं। भारत ने किशनगंगा प्रॉजेक्ट और झेलम नदी बेसिन के निरीक्षण की पाकिस्तान की मांग को स्वीकार कर लिया है। इससे पहले पाकिस्तान भी भारत को सिंधु नदी के निचले तट के कोटरी बांध परियोजना के निरीक्षण की अनुमति देने को तैयार हो गया।

पाकिस्तान की मीडिया के अनुसार पिछले हफ्ते लाहौर में हुई स्थाई सिंधु आयोग की बैठक में यह फैसला लिया गया है। मीडिया रिपोर्ट में लिखा गया है कि बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने निरीक्षण को लेकर सहमति जताई है। यह प्रक्रिया 2014 से ही लंबित थी। भारत और पाकिस्तान के बीच लाहौर में 29 और 30 अगस्त को स्थाई सिंधु आयोग की बैठक हुई थी। बता दें कि इमरान खान के पाकिस्तान का पीएम बनने के बाद इसे भारत और पाक के बीच पहली आधिकारिक बातचीत माना जा रहा है। बता दें कि इससे पहले पाकिस्तान के नए वजीरे-ए-आजम इमरान खान ने केरल में आई बाढ़ को लेकर संवेदना संदेश जारी करते हुए भारत सरकार को पाकिस्तान की ओर से मानवीय मदद भेजने का प्रस्ताव दिया था।

सितंबर के अंतिम हफ्ते में पाक आयुक्त करेंगे दौरा
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने भारत से किशनगंगा प्रॉजेक्ट समेत झेलम तट क्षेत्र की परियोजनाओं के निरीक्षण के लिए विशेष दौरे की मांग की थी। सिंधु जल के भारतीय आयुक्त ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। अब सिंधु जल के पाकिस्तानी आयुक्त (PCIW) सितंबर के अंतिम हफ्ते में दोनों प्रोजेक्ट्स का दौरा करेंगे। सबसे पहले वे झेलम बेसिन का दौरा करेंगे, इसके बाद किशनगंगा प्रॉजेक्ट का निरीक्षण करेंगे।

भारतीय आयुक्त करेंगे कोटरी बांध का निरीक्षण
सिंधु जल के भारतीय आयुक्त (ICIW) सिंधु के निचले क्षेत्र का दौरा कर कोटरी बांध का निरीक्षण करेंगे। कोटरी बांध पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सिंधु नदी पर जमशोरो और हैदराबाद के बीच में स्थित है। इसका निर्माण 1955 में पूरा हुआ था। सिंचाई और बाढ़ से बचाव के लिए इसका इस्तेमाल सिंधु नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।

इस तरह हुआ था सिंधु जल समझौता
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान ने 9 साल की बातचीत के बाद 1960 में सिंधु जल समझौते पर हस्ताक्षर किया था। इस समझौते में वर्ल्ड बैंक मध्यस्थ की भूमिका में है। इस समझौते के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा तय हुआ, जो भारत से पाकिस्तान जाती हैं। इस संधि के तहत 6 नदियों के पानी का बंटवारा कुछ इस तरह हुआ था कि तीन पश्चिमी नदियों (झेलम, चिनाब, सिंधु) के पानी के बहाव को बिना बाधा पाकिस्तान को देना था। संधि में तय मानकों के मुताबिक भारत में पश्चिमी नदियों के पानी का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इनका करीब 20 फीसदी हिस्सा भारत के लिए है। बाकी तीन पूर्वी नदियों (रावी, व्यास और सतलज) के पानी पर भारत को पूरा हक दिया गया है।

Created On :   4 Sep 2018 7:46 PM GMT

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