अब मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में मानसिक बीमारियां भी की जाएंगी कवर

Insurance company will cover mental illness under medical insurance policy
अब मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में मानसिक बीमारियां भी की जाएंगी कवर
अब मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में मानसिक बीमारियां भी की जाएंगी कवर
हाईलाइट
  • IRDA ने कहा- मानसिक बीमारी को भी शारीरिक बीमारियों की तरह माना जाए।
  • अब इंश्योरेंस कंपनियां मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में मानसिक बीमारी को भी कवर करेंगी।
  • इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) का नया आदेश।
  • मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों और हीन भावनाओं को मिटाने की के लिए बड़ा कदम।


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मानसिक बीमारियों से जुड़े मिथकों और हीन भावनाओं को मिटाने के लिए इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (IRDA) ने बड़ा कदम उठाया है। अब मानसिक बीमारियों को भी मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर किया जाएगा। इंश्योरेंस सेक्टर के नियम-कायदे तय करने वाली संस्था इरडा ने इंश्योरेंस कंपनियों को मानसिक बीमारी को भी मेडिकल इंश्योरेंस पॉलिसी में कवर करने को कहा है। 

 

मानसिक बीमारी को भी शारीरिक बीमारी माना जाए- इरडा

इरडा ने कहा है मानसिक बीमारी को भी शारीरिक बीमारियों की तरह ही माना जाए। इरडा ने एक सर्कुलर जारी करके कहा कि, इंश्योरेंस कंपनियां मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए जल्द से जल्द मेडिकल इंश्योरेंस का प्रोविजन बनाएं। विश्व स्तर पर कंपनियां मानसिक बीमारियां 2-3 साल के इंतजार के बाद कवर करती हैं। इरडा मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 का अनुसरण करता है। एक्ट के सेक्शन 21 (4) के अनुसार इंश्योरेंस कंपनियों को शारीरिक बीमारियों की तरह ही मानसिक बीमारियों के इलाज के लिए मेडिकल इंश्योरेंस के प्रावधान बनाने चाहिए। 

 

2018 से प्रभावी हुआ था मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017  

29 मई 2018 से मेंटल हेल्थकेयर एक्ट 2017 प्रभावी हुआ था। इस एक्ट के अनुसार मेंटल हेल्थकेयर में एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति का अनैलेसिस और डायग्नोसिस शामिल होता है। इसमें उनका इलाज और पुनर्वासन भी जुड़ा होता है। 

 

सम्मान जनक जीवन जी सकेंगे मानसिक बीमारी से जूझ रहे लोग

सिग्ना टीटीके हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर ज्योति पुनिया ने बताया इससे मानसिक बीमारियों से जूझ रहे लोगों को सम्मान जनक जीवन जीने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा इससे जागरूकता फैलेगी और मानसिक बीमारियों से पीड़ित लोगों को स्वीकृति मिलेगी। 
 

Created On :   17 Aug 2018 7:20 AM GMT

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