दसवीं की परीक्षा में फिर से मिलेंगे इंटरनल मार्क,  होगी भाषा-समाज शास्त्र की लिखित परीक्षा 

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दसवीं की परीक्षा में फिर से मिलेंगे इंटरनल मार्क,  होगी भाषा-समाज शास्त्र की लिखित परीक्षा 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में शैक्षणिक वर्ष 2019-20 से कक्षा 9वीं और 10वीं के विद्यार्थियों की भाषा और समाज शास्त्र विषय की 80 अंक की लिखित परीक्षा होगी। जबकि 20 अंक इंटरनल मूल्यांकन के जरिए दिए जाएंगे। महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा मंडल की कक्षा 10 वीं की इस साल के परीक्षा परिणाम में गिरावट आने के बाद राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को मौखिक परीक्षा के जरिए 20 अंक (इंटरनल मार्क) फिर से देने का फैसला किया है। गुरुवार को प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री आशीष शेलार ने कहा कि शैक्षणिक वर्ष 2019-20 से कक्षा 11 वीं और शैक्षणिक वर्ष 2020-21 से कक्षा 12वीं के लिए अंतिम मूल्यांकन 650 के बजाय 600 अंकों का होगा। मौजूदा समय में पर्यावरण शास्त्र विषय के लिए दिए जाने वाले 50 अंक के बदले प्राप्त अंकों के श्रेणी में रूपांतरित किया जाएगा। इसके साथ ही पर्यावरण शास्त्र विषय में जल सुरक्षा विषय को पहली बार शामिल किया जाएगा। 

पाठ्यक्रम में शामिल हुई मोदी की परिकल्पना 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कि परिकल्पना के तहत जलसुरक्षा विषय पाठ्यक्रमों में शामिल करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य है। कक्षा 9 वीं और कक्षा 12 वीं के पाठ्यक्रम में जलसुरक्षा विषय को शामिल किया गया है। शेलार ने कहा कि कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक के लिए विषय योजना व मूल्यांकन योजना पर पुर्नविचार करने के लिए शिक्षण आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठित की गई थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर यह संशोधित फैसला लिया गया है। 

कक्षा 9 वीं और कक्षा 10 वीं के लिए चार प्रावधान 

सरकार के शासनादेश में कक्षा 9 वीं और कक्षा 10 वीं के लिए चार प्रावधान किए गए हैं। इसमें लिखित मूल्यांकन के साथ विद्यार्थियों की अलग-अलग क्षमता को मापने और लगातार प्रगति के मूल्यांकन के लिए इंटरनल मूल्यांकन को शामिल किया गया है। अब 10 वीं कि परीक्षा में पाठ्यक्रम से बाहर के कोई सवाल नहीं पूछे जाएंगे। भाषा विषय के इंटरनल मूल्यांकन में सीबीएसई की तर्ज पर श्रवण (सुनने) व भाषण कौशल्य का समावेश किया गया है। इसके अन्य विषयों के इंटरनल मूल्यांकन में गृहकार्य, बहुपर्यायी सवाल समेत अन्य उपक्रमों का प्रावधान किया गया है। 

कक्षा 11 वीं और कक्षा 12 वीं के लिए  

शासनादेश के अनुसार कक्षा 11 वीं और 12 वीं में लिखित मूल्यांकन के साथ विद्यार्थियों की लगतार प्रगति के लिए इंटरनल मूल्यांकन का समावेश किया गया है। इंटरनल मूल्यांकन शैक्षणिक वर्ष के अंत में न करते हुए पूरे साल भर में करने की छूट होगी। इस संबंध में नियोजन कनिष्ठ महाविद्यालय और उच्च माध्यमिक स्कूल के स्तर पर किया जा सकेगा। कक्षा 11 वीं कि वार्षिक परीक्षा पूरी तरह से कक्षा 11 वीं और 12 वीं की परीक्षा संपूर्ण पाठ्यक्रम पर आधारित होगी। इसके साथ ही सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर लिखित परीक्षा में कम से कम 25 प्रतिशत बहुपर्यायी और वस्तुनिष्ठ प्रश्नों का समावेश होगा। 


 

Created On :   8 Aug 2019 2:06 PM GMT

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