इंटरव्यू देने आई युवती से इंटरव्यूअर ने जबरन हाथ मिलाने की कोशिश की, 3 लाख जुर्माना

Interviewer tried to shake hands with the girl, who gave interview in Sweden
इंटरव्यू देने आई युवती से इंटरव्यूअर ने जबरन हाथ मिलाने की कोशिश की, 3 लाख जुर्माना
इंटरव्यू देने आई युवती से इंटरव्यूअर ने जबरन हाथ मिलाने की कोशिश की, 3 लाख जुर्माना
हाईलाइट
  • फराह ने इंटरव्यूअर से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया।
  • स्वीडन के प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इंटरव्यूअर ने जानबूझकर ऐसी हरकर की।
  • स्वीडन में 24 वर्षीय फराह एक कंपनी में इंटरव्यू देने गई थीं।

डिजिटल डेस्क, स्टॉकहोम। स्वीडन में एक इंटरव्यूअर को इंटरव्यू देने आई युवती से जबरदस्ती हाथ मिलाने की कोशिश करना महंगा पड़ गया। युवती ने अदालत का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने कंपनी पर 3 लाख रुपए का जुर्माना ठोक दिया। स्ट़ॉकहोम के उपासला काउंटी में रहने वालीं 24 वर्षीय फराह यहां की एक कंपनी में इंटरव्यू देने गई थीं। इंटरव्यू के दौरान इंटरव्यूअर ने उनसे हाथ मिलाने के लिए कहा। फराह ने इंटरव्यूअर से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया। इंटरव्यूअर ने फराह से हाथ मिलाने के लिए कई बार कहा, लेकिन फराह ने हाथ नहीं मिलाया। इंटरव्यू खत्म होने के बाद फराह को नौकरी पर नहीं रखा गया। फराह ने स्थानीय अदालत में कंपनी के खिलाफ केस दायर कर दिया। अदालत ने कंपनी को 40 हजार क्रोनर (करीब तीन लाख रुपए) फराह को देने का आदेश दिया है। फराह ने बताया कि वह अल्पसंख्यक थी, इसके बाद भी उसने हार नहीं मानी। उसका मकसद किसी को दुख पहुंचाना नहीं है, लेकिन वह खुद की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ भी नहीं सह सकती है। स्वीडन के प्रशासनिक अधिकारियों के मुताबिक इंटरव्यूअर ने जानबूझकर ऐसी हरकर की। स्वीडन में किसी की भी धार्मिक स्वतंत्रता से खिलवाड़ नहीं किया जा सकता है। 

 

कंपनी का तर्क, भेदभाव खत्म करने ऐसा किया
बता दें कि यूरोप के कुछ देशों में हाथ मिलाने की परंपरा है। कुछ मुस्लिम महिलाएं पुरुषों से हाथ मिलाना पसंद नहीं करतीं हैं। इसी वजह से कई कंपनियों और सार्वजनिक निकायों में भेदभाव विरोधी नियम बनाए गए हैं। कंपनी के अधिकारियों ने अदालत में तर्क दिया कि उनकी कंपनी में पुरुष और महिला कर्मचारियों में भेदभाव नहीं करती है, इसलिए हाथ मिलाने का रिवाज अपनाया जाता है। ऐसे में महिला किसी पुरुष कर्मचारी से हाथ मिलाने से इनकार नहीं कर सकती। कंपनी की दलील पर कोर्ट ने कहा कि पुरुषों और महिलाओं में बराबरी के लिए कंपनी सिर्फ हाथ मिलाने को पैमाना नहीं मान सकती है। अपने धर्म के मुताबिक युवती ने हाथ मिलाने से इनकार किया और यूरोप का मानवाधिकार कानून हर नागरिक की धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान करता है।

Created On :   17 Aug 2018 8:27 AM GMT

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