केदारनाथ में मिला था कीमती आईफोन, साल भर खोज कर जालंधर में उसके मालिक को भेजा

Iphone was found in kedarnath, searched for a year and sent to its owner in jalandhar
केदारनाथ में मिला था कीमती आईफोन, साल भर खोज कर जालंधर में उसके मालिक को भेजा
केदारनाथ में मिला था कीमती आईफोन, साल भर खोज कर जालंधर में उसके मालिक को भेजा

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। शहर के युवा व्यापारी और रामलीला मंडल छोटी बाजार के कोषाध्यक्ष सुभाष साहू ने इमानदारी का बेहतर नमूना पेश किया है। दरअसल सुभाष को पिछले साल केदारनाथ धाम में एक आईफोन पड़ा मिला था। मोबाइल मिलते ही उन्होंने करीब एक घंटा तक वहां खड़े रहकर इंतजार किया कि कोई ढूंढते हुए आए तो वे उसे लौटा सकें। लेकिन इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया तो वे मजबूरन मोबाइल छिंदवाड़ा ले आए। मोबाइल चार्ज करके रखा ताकि किसी का फोन आए तो वे उन्हें बता सकें कि मोबाइल सेट उनके पास है। उक्त सेट पर कोई फोन नहीं आया क्योंकि मोबाइल गुमते ही महज 15 मिनट के भीतर सिम लॉक करा दी गई थी। यहां आकर उन्होंने मोबाइल मालिक का पता लगाने के प्रयास शुरू किए। एप्पल के इंदौर और नागपुर स्टोर में जाकर आईफोन के असल मालिक का पता लगाने की कोशिश की। उक्त सेंटरों में आईफोन मिसिंग की तो सूचना थी लेकिन असल मालिक का पता नहीं था। करीब साल भर गुजरने के बाद लालबाग के एक मोबाइल शॉप संचालक ने सिम के जरिए असल मालिक का पता लगा लिया। आईफोन जालंधर निवासी सुरेंदर कुमार मरवाह के नाम रजिस्टर्ड था। सुभाष के मुताबिक मरवाह से संपर्क किया गया।

खरीदने की पेशकश ठुकराई

सुभाष के मुताबिक आईफोन 8 की बाजार में कीमत 88 हजार है। जब वे सेट लेकर नागपुर पहुंचे तो वहां के एक व्यक्ति ने उनसे 60 हजार रुपए में सेट खरीदने का प्रस्ताव रखा। जिसे उन्हें यह कहकर ठुकरा दिया कि बेचना होता तो वे असल मालिक का पता लगाने क्यों भटकते। 

व्यापारियों के माध्यम से भेजा

सुभाष के मुताबिक बड़ी माता मंदिर समिति अध्यक्ष पप्पू सोनी के जालंधर और अमृतसर के व्यापारियों से संपर्क था। वे यहां आते हैं। उन्हीं के हाथों आईफोन सुरेंद्रकुमार मरवाह को भेजा गया। 3 अगस्त को  मरवाह के हाथों में मोबाइल पहुंच गया। जिसका फोटो उन्होंने सेंड किया है। 

मैंने तो उम्मीद ही छोड़ दी थी

रिटायर्ड बैंक एम्प्लाई जालंधर निवासी सुरेंदर मरवाह ने भास्कर से चर्चा में कहा कि आईफोन पाकर खुश हूं, खुशी बयां करने मेरे पास शब्द नहीं है। केदारनाथ में आईफोन मिस होने पर मैंने एनाउंस कराया था, नहीं मिला तो उम्मीद छोड़ दी थी। आज के दौर में सुभाष जैसे बंदे कम होते हैं। मैंने उन्हें दिल से शुक्रिया कहा है। यदि मैं उनकी जगह होता तो मैं भी यही करता।
 

Created On :   5 Aug 2019 9:15 AM GMT

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