स्टिंग: ट्रेनों के एसी कोच में मिलती है शराब , जानिए कैसे जुड़े हैं तार

It is a legal offense to drink liquor while travelling in train
स्टिंग: ट्रेनों के एसी कोच में मिलती है शराब , जानिए कैसे जुड़े हैं तार
स्टिंग: ट्रेनों के एसी कोच में मिलती है शराब , जानिए कैसे जुड़े हैं तार
हाईलाइट
  • ट्रेनों के एसी कोच में मिलती है शराब
  • दैनिक भास्कर ने किया स्टिंग ऑपरेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। ट्रेन में शराब लेकर चढ़ना या पी कर यात्रा करना कानूनन अपराध है, मगर कुछ ट्रेनों के एसी कोच में सारे नियमों को धता बताकर धड़ल्ले से शराब उपलब्ध करवाई जा रही है। रेलवे स्टॉफ की मिलीभगत से यह कारोबार फल-फूल रहा है। इस मामले में लगातार यात्रियों की शिकायत भी रेलवे के पास पहुंच रही है। आरपीएफ नागपुर मंडल की आयुक्त ने भी स्वीकारा कि उनके पास इस तरह की शिकायतें आ रही हैं। मगर इसके सबूत नहीं मिल रहे। दैनिक भास्कर ने मामले को उजागर करने के लिए एक स्टिंग ऑपरेशन कर इस पूरे कारोबार की हकीकत जानी।

ऐसे किया स्टिंग
रिपोर्टर ने यात्री बनकर दो ट्रेन के एसी कोच में अटेंडर से शराब लाने की बातचीत की। इस पर दोनों ने मुंहमांगी रकम मांगी। जैसे ही संवाददाता ने हामी भरी, वह एसी कोच में मनमाफिक ब्रांड की शराब लेकर आने को तैयार हो गए। पैसा अधिक क्यों मांग रहे हैं? यह पूछने पर अटेंडर ने कारोबार से जुड़े अन्य लोगों को कमीशन बांटने की बात कही। भास्कर के पास उक्त रिकॉर्डिंग उपलब्ध है।

ट्रेन : अंडमान एक्सप्रेस
स्थान: नागपुर रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्म नंबर-1
समय: गुरुवार दोपहर 2.30
नागपुर रेलवे स्टेशन पर चेन्नई से दिल्ली जाने वाली अंडमान एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म नं.1 पर आई। हम स्लीपर कोच से होते हुए एसी कोच में गए, जहां केबिन में दो अटेंडर बैठे थे। हमने उनसे ‘दारू’ मांगी। तमिल भाषी होने के कारण वे हमारी बात को समझ नहीं पा रहे थे। इशारों और अंग्रेजी के माध्यम से वो हमारी बात को कुछ हद तक समझ पाए। एक अटेंडर अन्ना ( सभी इसी नाम से संबोधित कर रहे थे) का कहना था कि उसके पास तो ‘दारू’ नहीं है, पर वो दूसरे अटेंडर से दिलवा देगा। दूसरा अटेंडर संतरों के बीच ‘दारू’ छुपा लाया इसी बीच ट्रेन चल दी। हम ट्रेन से उतर गए।
 

ट्रेन: विदर्भ एक्सप्रेस (गोंदिया से मुंबई)
स्थान: नागपुर रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म नंबर-3
समय: गुरुवार शाम 5 बजे
रिपोर्टर- भैया, कोच में दारू मिल जाएगी क्या?
अटेंडर- हां, मिल जाएगी, मगर पैसे लगेंगे।
रिपोर्टर- बकार्डी होगी क्या?
अटेंडर- आप जो बोलेंगी वो मंगा देंगे।
रिपोर्टर- आपके पास नहीं है?
अटेंडर- मेरे पास अभी नहीं है, पर अगले स्टेशन पर मंगवा दूंगा।
अटेंडर- कितना मंगवाना है कोच में?
रिपोर्टर- क्वार्टर कितने रुपए का दोगे?
अटेंडर- 450 लगेगा मैडम।
रिपोर्टर- यह तो बहुत ज्यादा है। 350 में दे देना।
अटेंडर- नहीं पूरेगा मैडम। बाहर वालों को भी देना होता है। सब कुछ संभालना पड़ता है। इधर, लाने वाले को देना होता है। स्टेशन पर आरपीएफ, जीआरपीएफ सबको देना होता है सबका कमीशन फिक्स है। मेरे को 50 रु. ही बचता है। चलो आप 400 दे देना। 
रिपोर्टर- कब तक मंगवा दोगे?
अटेंडर- 7 बजे तक आपका काम हो जाएगा।
रिपोर्टर- थोड़ा जल्दी मंगवा दो।
अटेंडर- समझो मैडम...वर्धा में बंद है। चांदूर में... आपको मंगवा कर दे दूंगा। आप मेरा मोबाइल नं. ले लो। इस पर कॉल कर लेना। मैं मंगवा दूंगा।

हमें भी शिकायतें मिल रही हैं..   
पिछले कुछ दिनों से हमें लगातार इस तरह की शिकायतें मिल रही हैं कि ट्रेनों के एसी कोच में शराब पहुंचाई जा रही हैं। हालांकि अभी तक इसके सबूत नहीं मिले। हमारी ओर से इस पर लगातार कार्रवाई भी की जा रही है। यदि अटेंडर इसमें शामिल हैं तो हम उन पर भी कार्रवाई करेंगे। पूरे मामले में अब आगे विशेष मुहिम चलाएंगे।
-ज्योति कुमार सतीजा, मंडल सुरक्षा आयुक्त, मध्य रेलवे नागपुर मंडल, आरपीएफ

Created On :   15 Dec 2018 8:26 AM GMT

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