ITD कंपनी ने मेट्रो के डैमेज सेगमेंट को नहीं बदला, 60-70 लाख बचाने के चक्कर में सुरक्षा से खिलवाड़

ITD company does not change Metros Damage Segment in nagpur
ITD कंपनी ने मेट्रो के डैमेज सेगमेंट को नहीं बदला, 60-70 लाख बचाने के चक्कर में सुरक्षा से खिलवाड़
ITD कंपनी ने मेट्रो के डैमेज सेगमेंट को नहीं बदला, 60-70 लाख बचाने के चक्कर में सुरक्षा से खिलवाड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  60-70 लाख रुपए बचाने के लिए मेट्रो की ठेकेदार कंपनी शहर की जनता की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रही है। ITD कंपनी ने मेट्रो के डैमेज सेगमेंट को नहीं बदला। डैमेज सेगमेंट की ही मरम्मत की जा रही है जो खतरनाक हो सकता है। इस संबंध में ठेकेदार कंपनी के साथ ही मेट्रो के संबंधित अधिकारियों की भी चुप्पी से सवाल खड़े हो रहे  हैं। ITD कंपनी के एमडी थाईलैंड से बुधवार को डैमेज सेगमेंट का निरीक्षण करने आ रहे हैं। इसे लेकर संबंधित अभियंताओं और अधिकारियों में हड़कंपमचा हुआ है। 

क्या है मामला
मेट्रो के रीच-4 (सीताबर्डी के मुंजे चौक से प्रजापति चौक) का निर्माण कार्य मुंबई की ITD द्वारा किया जा रहा है। 30 सितंबर को सेंट्रल एवेन्यू स्थित दारोडकर चौक पर सेगमेंट को ऊपर चढ़ाते वक्त केबल ज्यादा खींचने से दरार पड़ गई थी। दरार पड़ने के कारण सेगमेंट से सीमेंट के टुकड़े सड़क पर गिरे। हालांकि सड़क बंद रहने और सेगमेंट के नीचे पहले से लोहे के स्ट्रक्चर लगे होने के कारण कोई नुकसान नहीं हुआ। दो पिलरों के बीच सेगमेंट को केबल से जोड़ा जाता है। 

दरारों को सीमेंट से भर दिया
सेगमेंट में दरार पड़ने के बाद तुरंत काम बंद करते हुए मरम्मत शुरू की गई। क्षतिग्रस्त दोनों सेगमेंट के कार्नर को थोड़ा-थोड़ा काटकर बीच में सीमेंट का मसाला डाला गया। सेगमेंट सही तरीके से लगाया गया है या नहीं, इसकी जांच के लिए लोड टेस्टिंग की जाती है। लोड टेस्टिंग के बाद ही पता चल पाएगा कि सेगमेंट मेट्रो का भार सह पाएगा या नहीं। कोई हादसा होने पर शहर की जनता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेेगा।

लाखों रुपए का बोझ बढ़ेगा
सिविल अभियंताओं का कहना है कि सेगमेंट क्षतिग्रस्त होने पर संभावित खतरे से बचने के लिए पूरे सेगमेंट को नीचे उतारकर अच्छी गुणवत्ता के नए सेगमेंट लगाए जाने चाहिए। नए सेगमेंट लगाने पर 60 से 70 लाख रुपए का बोझ जेब पर पड़ता। इससे बचने के लिए क्षतिग्रस्त सेगमेंट की ही मरम्मत कर काम चलाने की कोशिश की जा रही है। 

नहीं हटाया लोहे का स्ट्रैक्चर
सही तरीके से केबल द्वारा स्ट्रैसिंग होने के बाद सेगमेंट का सारा भार पिलरों पर आता है। सेगमेंट की मरम्मत के बाद भी पिछले दो माह से लोहे का स्ट्रक्चर हटाया नहीं गया है, जो गुणवत्ता के प्रति संदेह पैदा करता है।  

उठने लगे सवाल
आखिर इस गुणवत्ताहीन निर्माणकार्य के चलते कई सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसका खामियाजा नागपुर की जनता को ही भुगतना पड़ेगा। सेगमेंट क्या मेट्रो का लोड सह पाएगा? स्ट्रैसिंग वर्क (केबल द्वारा सेंगमेंट को एक साथ पिरोने का काम) सही तरीके से नहीं किया गया? सेगमेंट चढ़ाने का काम अनुभवी अभियंता ने किया या नौसिखिए ने? जब सेगमेंट का मरम्मत कार्य पूर्ण हो गया तो ट्रसल (लोहे के स्ट्रक्चर) को क्यों न हीं हटाया जा रहा? सेंगमेंट के क्रांकीट की क्वालिटी सही है क्या? क्या स्ट्रैसिंग केबल गुणवत्तापूर्ण था? 

उठाए जाएंगे कदम
सुरक्षा हमारी प्राथमिकता रही है, है और भविष्य में भी रहेगी। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। सेगमेंट बदलने की जरूरत होने पर बदले भी जाएंगे। इस संबंध में तकनीकी विशेषज्ञ ही अपनी राय दे पाएंगे। 
-अखिलेश हलवे, पीआरओ, महा मेट्रो

Created On :   28 Nov 2018 8:23 AM GMT

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