दया याचिकाओं पर सुनवाई बिना जाधव को फांसी नहीं
टीम डिजिटल, इस्लामाबाद. कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तानी जेल में बंद कुलभूषण यादव की लंबित दया याचिकाओं पर सुनवाई पूरी होने से पहले उन्हें फांसी नहीं दी जाएगी. यह फैसला गुरुवार को पाक पीएम नवाज शरीफ की अगुवाई में हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में लिया गया. बैठक में सेना और प्रशासन के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस जकारिया ने एक बयान में कहा कि जाधव मामले में भारतीय मीडिया ने 18 मई के इंटरनेशनल कोर्ट के आदेश पर गलत बयानबाजी की. पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगाए. सरकारी अधिकारियों के समर्थन से भारतीय मीडिया ऐसी तस्वीर पेश कर रही है, जैसे इंटरनेशनल कोर्ट में उसकी जीत हुई हो. बयान में कहा गया कि जाधव अभी तक जिंदा है. उसे दया के लिए अर्जी देने का अधिकार है. सैन्य अदालत के फैसले से माफी के लिए पहले वह सैन्य प्रमुख और इसके बाद राष्ट्रपति को अर्जी दे सकता है.
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी जाधव को मार्च 2016 में ईरान से तालिबान ने अगवा करके उन्हें पाकिस्तानी एजेंसियों को सौंप दिया था. सैन्य अदालत में हुई सुनवाई में जाधव पर जासूसी और पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का दोषी ठहराकर मौत की सजा सुनाई गई. इस दौरान उन्हें कानूनी सहायता मुहैया नहीं कराई गई. इन्हीं दलीलों के आधार पर इंटरनेशनल कोर्ट ने जाधव की सजा स्थगित कर दी है. मामले की अगली सुनवाई आठ जून को होनी है.
Created On :   1 Jun 2017 3:18 PM GMT