मप्र के दामाद के हाथ में आ सकती है हिमाचल की कमान

Jagat Prakash Nadda will be the CM candidate of Himachal Pradesh
मप्र के दामाद के हाथ में आ सकती है हिमाचल की कमान
मप्र के दामाद के हाथ में आ सकती है हिमाचल की कमान

धर्मेंद्र पैगवार

डिजिटल डेस्क, भोपाल।
हिमाचल प्रदेश चुनाव में सबसे चौंकाने वाला परिणाम भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम सिंह धूमल की हार है। वे सुजानपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी से हार गए। उनकी हार के बाद अब भाजपा के सामने मुख्यमंत्री के रूप में नया नाम तय करने की चुनौती है। धूमल के राजनीतिक प्रतिद्वंदी माने जाने वाले जगत प्रकाश नड्डा की अब किस्मत खुल सकती है। वे केंद्र में स्वास्थ्य मंत्री हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव रह चुके हैं। संगठन की राजनीति में वे तीन दशक से ज्यादा समय से सक्रिय हैं। उनके बारे में खास बात ये कि वे मप्र के दामाद हैं। मप्र के जबलपुर से सांसद रही जयरी बनर्जी की बेटी डॉ. मल्लिका से उनकी शादी हुई है। हिमाचल चुनाव से मप्र का एक ओर कनेक्शन ये है कि मप्र से राज्ययसभा साांसद और चुनाव प्रभारी थे। इसी तरह हिमाचल प्रदेश की डलहोजी सीट से सातवीं बार कांग्रेस से विधायक बनीं आशा कुमारी भोपाल की बेटी हैं, वे भोपाल यूनिवर्सिटी की प्रेसिडेंट भी रह चुकी हैं। वे पूर्व मुख्यसचिव स्वर्गीय एमएस सिंहदेव की बेटी हैं। इसी तरह  घुमारवीं विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते राजेंद्र गर्ग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के भोपाल में संगठन मंत्री रहे हैं। वे इमामीगेट सोमवारा स्थित कार्यालय में रहते थे। 

नड्डा भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे हैं तब मप्र में शिवराज सिंह चौहान मोर्चा के अध्यक्ष थे। नड्डा मूल रूप से विद्यार्थी परिषद के प्रोडक्ट हैं और मल्लिका बनर्जी से उनकी मुलाकात भी परिषद के कार्यक्रमों में ही हुई। गुजरात में जातिवाद की राजनीति का विरोध कर रही भाजपा ने हिमाचल में ठाकुर वोटों को देखते हुए प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया था। कांग्रेस के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार वीरभद्र सिंह के भी ठाकुर होने के कारण धूमल को मौका दिया गया था। अब नड्डा को यदि मौका मिलता है तो वे ब्राहमण हैं। लॉ स्नातक हैं और संगठन और सरकार दोनों में काम करने का अनुभव है। हिमाचल में पार्टी के पास शांताकुमार का भी नाम है, वे मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन वे सीधे तौर पर नरेंद्र मोदी के कुछ फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं। ऐसे में भाजपा संगठन नड्डा य सांसद अनुराग ठाकुर के नाम पर विचार कर सकता है। अनुराग ठाकुर भी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। हालांकि धूमल के समधी और अनुराग के ससुर गुलाब सिंह ठाकुर भी भाजपा के उम्मीदवार के रुप में विधानसभा चुनाव हार गए हैं। इस कारण अनुराग का दावा कमजोर हो गया है। उनके अलावा प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती भी सीएम पद के दावेदार हैं।



ये सीएम कैंडिडेट भी हारे हैं चुनाव 

सीएम पद के उम्मीवार के रूप में हारने वाले प्रेम कुमार धूमल पहले व्यक्ति नहीं हैं, लेकिन वे पिछले तीन साल में भाजपा के सीएम उम्मीदवार के रूप में हारने वाले तीसरे नेता जरूर बन गए हैं। नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी को सीएम कैंडिडेट बनाया था। बेदी न केवल खुद विधानसभा चुनाव बुरी तरह हार गई थी, बल्कि भाजपा भी दिल्ली में बुरी तरह हार गई थी। गोवा में लक्ष्मीकांत पारसेकर भाजपा के सीएम पद के उम्मीदवार थे, लेकिन वे भी चुनाव हार गए थे। अब धूमल हार गए हैं। हालांकि मप्र में 1998 में विक्रम वर्मा नेता प्रतिपक्ष रहते धार से चुनाव हार गए थे। भाजपा ने उस वक्त किसी को भी सीएम कैंडिडेट घोषित नहीं किया था, लेकिन नेता प्रतिपक्ष होने के कारण वर्मा को ही इस पद का दावेदार माना जा रहा था।

Created On :   18 Dec 2017 10:10 AM GMT

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