डिजिटल डेस्क, जम्मू। शोपियां मामले में गरमाती राजनीति के बीच जम्मू-कश्मीर में महबूबा सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य सरकार ने पिछले 9 सालों में पत्थरबाजी की वारदातों में शामिल 9730 लोगों के खिलाफ केस वापस लेने को मंजूरी दे दी है। यह मामले 2008 से 2017 के बीच दर्ज किए गए थे। सीएम महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को यह जानकारी दी है।

विधानसभा में एक लिखित प्रश्न के जवाब में महबूबा ने बताया कि राज्य सरकार ने कश्मीरी लोगों पर दर्ज हुए 9730 मामले वापस लेने का निर्णय लिया है। इनमें पिछले दो साल के दौरान पत्थरबाजी की छोटी-मोटी घटनाओं में शामिल 4000 से ज्यादा लोगों को माफी की सिफारिश की गई है। इसमें सरकार कुछ शर्तों के साथ पत्थरबाजी की 1745 मुकदमे भी वापस लेने के लिए तैयार है। महबूबा ने इसके साथ पिछले 2 सालों में हुए पत्थरबाजों की गिरफ्तारी और दर्ज मामलों का भी आंकड़ा विधानसभा में रखा। उन्होंने बताया..

  • साल 2016 में 2904 मामले दर्ज किए गए और 8570 लोगों को पथराव करने की घटनाओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया।
  • 2017 में पत्थरबाजी के 869 मामले दर्ज किए गए और इस संबंध में 2720 लोगों को गिरफ्तार किया गया। 
  • 2016-17 के दौरान 2330 लोगों को श्रीनगर में गिरफ्तार किया गया।
  • 2046 लोगों को बारामुला में और 1385 लोगों को पुलवामा में हिरासत में लिया गया।
  • 1123 लोगों को कुपवाड़ा में और 1118 को अनंतनाग में  गिरफ्तार किया गया।
  • 783 लोगों को बड़गाम में, 714 को गांदेरबल में और 694 को शोपियां में अरेस्ट किया गया।
  • 548 लोगों को बांदीपोरा में, 547 को कुलगाम में और 2 लोगों को डोडा जिले में गिरफ्तार किया गया। 

 

जम्मू-कश्मीर सरकार का यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब शोपियां में तीन नागरिकों की मौत के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक मेजर समेत 10 गढ़वाल राइफल के सैनिकों को आरोपी बनाया हुआ है। इस मामले पर बीजेपी और पीडीपी नेताओं के बीच भी मतभेद सामने आए हैं।

 

Created On :   3 Feb 2018 2:05 PM GMT

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