संकट में जेट एयरवेज, 13 अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर स्थगित की फ्लाइट

संकट में जेट एयरवेज, 13 अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर स्थगित की फ्लाइट

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। वित्तीय संकट से जूझ रही निजी क्षेत्र की एयरलाइन जेट एयरवेज ने 13 और अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें स्थगित कर दी है। इसके साथ ही सात अन्य अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर फेरों की संख्या भी घटाई गई है। इनमें ज्यादातर दिल्ली और मुंबई से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान भरने वाली फ्लाइट हैं। जिन मार्गों पर उड़ानें अस्थायी तौर पर स्थगित की गई हैं, उनमें पुणे-सिंगापुर (सप्ताह में 7) और पुणे-अबू धाबी (सप्ताह में 7) भी शामिल हैं। एयरवेज ने ये उड़ाने 30 अप्रैल तक के लिए स्थगित की है। 

 

 

जेट एयरवेज ने अप्रैल के आखिरी तक 13 और अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानें स्थगित करने की घोषणा की है। दिल्ली से अबू धाबी (सप्ताह में नौ), दम्माम (सप्ताह में 14), ढाका (11), हांगकांग और रियाद (सप्ताह में सात-सात) फ्लाइट स्थगित की गई हैं। इसके अलावा जेट ने बेंगलुरु से सिंगापुर मार्ग पर भी उड़ानें स्थगित की हैं। इस मार्ग पर एयरलाइन रोजाना दो उड़ानों का परिचालन करती है। सूत्रों के मुताबिक, इन मार्गों पर उड़ानें 30 अप्रैल तक स्थगित रहेंगी। 

 

 

बता दें कि जेट एयरवेज पहले ही मुंबई-मैनचेस्टर मार्ग पर उड़ानें स्थगित करने की घोषणा कर चुकी है। धन की कमी और किसी तरह के राहत पैकेज (बेलआउट) नहीं मिलने की वजह से नरेश गोयल के नियंत्रण वाली एयरलाइन अपने 600 दैनिक उड़ान परिचालन को घटाकर चौथाई स्तर पर ला चुकी है। उसके 119 विमानों में से सिर्फ 33 प्रतिशत ही परिचालन में हैं। 

 


एयरवेज ने दिल्ली- बैंकॉक, दिल्ली-सिंगापुर, मुंबई- बैंकॉक और मुंबई- सिंगापुर की फ्लाइट की फेरों की संख्या कम कर दी है। अब ये फ्लाइट्स एक दिन में तीन बार की जगह सिर्फ एक बार उड़ान भरेंगी, जबकि मुंबई-दोहा और मुंबई कुबैत रूट पर दिन में दो बार की जगह एक बार फ्लाइट उड़ान भरेगी।

 

 

दूसरी ओर जेट एयरवेज के पायलटों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु से कंपनी को बचाने के लिए जल्द कदम उठाने की मांग की है। जेट एयरवेज के भारतीय पायलटों की रजिस्टर्ड ट्रेड यूनियन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (NAG) ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर कहा है, एयरलाइंस के बर्बाद होने से हजारों लोग बेरोज़गार हो जाएंगे। इसके अलावा हवाई किराया भी बढ़ जाएगा। बता दें कि कुछ दिन पहले पायलटों ने चेतावनी दी थी कि, 31 मार्च तक उनकी पिछली सैलरी नहीं मिली, तो वो 1 अप्रैल से हड़ताल पर चले जाएंगे। 

उड़ाने कम होने से बढ़ा हवाई किराया
वहीं जेट एयरवेज के कई विमान सेवा से हटा लिए जाने के कारण एक महीने में घरेलू उड़ानों की 10 लाख सीटें कम हो गई हैं। इससे घरेलू उड़ानों के मामले में सबसे तेजी से बढ़ते बाजार की भारत की छवि धूमिल हुई है। प्रति महीने सीटों की संख्या के अनुमानित आंकड़े से पता चला है कि, फरवरी महीने में घरेलू उड़ानों की कुल सीटें 13 लाख घटकर 1 करोड़ 34 लाख रह गईं हैं, जो जनवरी में 1 करोड़ 47 लाख थी। इसकी मुख्य वजह जेट एयरवेज के कई विमानों का उड़ान नहीं भरना है। गौरतलब है कि जेट एयरवेज लीज की रकम नहीं चुका पाने की वजह से अब तक 84 विमान सेवा से हटा चुकी है। वहीं, स्पाइसजेट को 12 बोइंग 737 मैक्स विमानों को हटाना पड़ा है। उड़ानों की कमी के कारण हवाई किराया भी बढ़ गया है। 

Created On :   23 March 2019 7:05 AM GMT

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