अब कनिष्क ज्वैलर ने लगाया बैंकों को 824.15 करोड़ का चूना, मॉरिशस भागा डायरेक्टर

Jewellery chain Kanishk Gold defrauds 14 banks to tune of Rs 824 crore
अब कनिष्क ज्वैलर ने लगाया बैंकों को 824.15 करोड़ का चूना, मॉरिशस भागा डायरेक्टर
अब कनिष्क ज्वैलर ने लगाया बैंकों को 824.15 करोड़ का चूना, मॉरिशस भागा डायरेक्टर

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए 12,600 करोड़ के घोटाले के सामने आने के बाद अब 824.15 करोड़ रुपए का एक और घोटाला सामने आया है। घोटाले का आरोप कनिष्क गोल्ड के डायरेक्टर भूपेश कुमार जैन और उनकी पत्नी पर है। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने सीबीआई को लेटर लिखकर इसकी शिकायत की है। शिकायत के बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है। बताया जा रहा है कि घोटाले को अंजाम देने के बाद दोनों पति-पत्नी देश छोड़कर मॉरिशस चले गए है। कनिष्क गोल्ड के फ्रॉड के शिकार 14 बैंक बने है।

2007 में दिया गया था पहला लोन
कनिष्क गोल्ड का रजिस्टर्ड ऑफिस तमिलनाडु के चेन्नई में है। इसके प्रोमोटर्स और डायरेक्टर्स भूपेश कुमार जैन और उनकी पत्नी नीता जैन है। जानकारी के मुताबिक कनिष्क गोल्ड ने 14 सरकारी और निजी बैंकों से 824.15 करोड़ रुपए का लोन लिया था, जिसे अब तक चुकाया नहीं गया है। कर्ज लेने की शुरूआत साल 2007 से की गई थी। साल दर साल बैंकों ने कनिष्क गोल्ड की क्रेडिट लिमिट और कैपिटल लोन लिमिट बढ़ाते चल गई। ब्याज को मिलाकर अब ये कर्ज बढ़कर 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा का हो गया है। इस मामले को लेकर SBI ने CBI को शिकायत की है। 25 जनवरी 2018 को सीबीआई को लिखे एक लेटर में एसबीआई ने आरोप लगाया कि कनिष्क गोल्ड रिकॉर्ड को बदलने की कोशिश कर रहा है और रातोंरात दुकानें बंद की जा रही है। बैंकों के मुताबिक, कंपनी पर 824 करोड़ का कर्ज है और ब्याज मिलाकर यह रकम 1000 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है।

2017 में पहली बार आया डिफॉल्ट सामने
SBI के मुताबिक मार्च 2017 में कनिष्क ज्वैलर का डिफॉल्ट सामने आया था। जब उसने 8 सदस्य बैंकों का ब्याज नहीं चुकाया। इसके बाद अप्रैल 2017 में सभी 14 बैंकों का ब्याज चुकाने में असमर्थता जताते हुए पेमेंट रोक दी। इसके बाद बैंक अधिकारियों ने कंपनी के प्रमोटर और डायरेक्टर से संपर्क किया लेकिन वह नहीं मिले। 25 मई 2017 को कनिष्क के कॉर्पोरेट ऑफिस का दौरा करने बैंकर्स पहुंचे, लेकिन फैक्ट्री और शोरूम दोनों ही बंद थे। भूपेश जैन ने उसी दिन बैंकों को पत्र लिखकर दस्तावेजों में फर्जीवाड़े और सभी स्टॉक को हटाने के बारे में बताया। मद्रास ज्वैलर्स एंड डायमंड मर्चेंट एसोसिएशन के एक सदस्य के मुताबिक कनिश्क गोल्ड लगातार घाटे में जा रही थी और उसके लिए काम जारी रखना संभव नहीं हो पा रहा था। मई 2017 में ही उसने घाटे से बचने के लिए अपने सभी आउटलेट्स बंद कर दिए।

इन बैंको को लगाया चूना
कनिष्क को लोन देने वाले बैंकों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, सिंडीकेट बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, आईडीबीआई बैंक, यूको बैंक, तमिलनाड मर्सेंटाइल बैंक, आंध्र बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और कॉरपोरेशन बैंक शामिल हैं। SBI की शिकायत के बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है।

किस बैंक पर कितना बकाया

  • स्टेट बैंक ऑफ इंडिया: 215 करोड
  • आईसीआईसीआई बैंक: 115 करोड़
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया: 50 करोड़
  • सिडिकेट बैंक: 50 करोड़
  • बैंक ऑफ इंडिया: 45 करोड़
  • IDBI बैंक: 45 करोड़
  • यूको बैंक: 40 करोड़
  • तमिलनाड मर्केंटाइल बैंक: 37 करोड़
  • आंध्रा बैंक: 30 करोड़
  • बैंक ऑफ बड़ौदा: 30 करोड़
  • HDFC बैंक: 25 करोड़
  • सेंट्रल बैंक: 20 करोड़
  • कॉरपोरेशन बैंक: 20 करोड़
     

Created On :   21 March 2018 12:20 PM GMT

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