झारखंड चुनाव : बागी सरयू को मिला नीतीश का साथ, असमंजस में भाजपा

Jharkhand elections: rebel Sarayu gets support from Nitish, BJP in dilemma
झारखंड चुनाव : बागी सरयू को मिला नीतीश का साथ, असमंजस में भाजपा
झारखंड चुनाव : बागी सरयू को मिला नीतीश का साथ, असमंजस में भाजपा

डिजिटल डेस्क, रांची। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सरयू राय ने अपनी पार्टी से बगावती तेवर अपना लिया है। लेकिन बिहार में भाजपा के गठबंधन सहयोगी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ उन्हें मिल गया है। जद (यू) ने राय के लिए प्रचार करने की इच्छा भी व्यक्त कर दी है।

बिहार में भाजपा के साथ मिलकर सरकार चला रहे नीतीश कुमार की पार्टी ने हालांकि झारखंड में अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है, परंतु राय के साथ नीतीश की पार्टी की खुलेआम गलबहियां भाजपा को कितना रास आती है, यह देखने वाली बात होगी। दीगर बात है कि भाजपा ने भी अब तक राय के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है।

उल्लेखनीय है कि झारखंड सरकार में खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री रहे सरयू जमशेदपुर(पूर्वी) से मुख्यमंत्री रघुबर दास के खिलाफ बतौर निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। और जद (यू) ने उस सीट पर सरयू राय को समर्थन देने का निर्णय लिया है। राय भी संभावना जता चुके हैं कि नीतीश कुमार की दोस्ती के कारण ही उन्हें भाजपा ने टिकट नहीं दिया।

जद (यू) के सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को रांची में कहा, सरयू राय भ्रष्टाचार के खिलाफ पहले से लड़ाई लड़ते रहे हैं। उनका वर्तमान कदम भी भ्रष्टाचार के विरुद्ध है। चूंकि नीतीश कुमार की भी सोच भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की है, इसलिए पार्टी ने चुनाव में उनका समर्थन करने का निर्णय लिया है।

उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि सरयू राय प्रचार में आने का आग्रह करेंगे, तो नीतीश सहित पार्टी के तमाम बड़े नेता उनके समर्थन में जमशेदपुर आएंगे, और इसके लिए पार्टी भी उनसे आग्रह करेगी।

गौरतलब है कि जद (यू) ने इस सीट से अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी थी, परंतु सरयू राय के चुनाव मैदान में उतरने के साथ ही पार्टी ने अपना इरादा बदल दिया और राय को समर्थन देने का फैसला किया है।

भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने इस मामले पर बस इतना कहा, भाजपा और जद (यू) का गठबंधन बिहार में है, झारखंड में नहीं है। जद (यू) किसे समर्थन देता है और किसे नहीं देता है, यह उसका आंतरिक मामला है।

गौर करने वाली बात यह है कि भाजपा भी अब तक राय पर कार्रवाई करने से बच रही है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुआ कहते हैं कि अभी प्रत्याशियों के नाम वापस लेने की अंतिम तिथि आनी है।

जमशेदपुर (पूर्वी) में दूसरे चरण के तहत सात दिसंबर को मतदान होना है, और 21 नवंबर तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं।

बहरहाल, झारखंड में अपनी खोई जमीन की तलाश कर रहे जद (यू) के लिए सरयू राय एक चुनावी हथियार मिल चुके हैं। झारखंड में सरयू राय के भाजपा से अलग होने के बाद नीतीश की राय से दोस्ती उफान पर है।

सूत्रों का कहना है कि जद (यू) अध्यक्ष नीतीश कुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सरयू राय के लिए काम करने का निर्देश दिया है। सूत्रों का दावा है कि सरयू राय के लिए नीतीश जमशेदपुर में जनसभाओं को संबोधित करेंगे ही, जद (यू) के नेता भी सरयू राय की मदद के लिए जमशेदपुर पहुंचेंगे।

उल्लेखनीय है कि जमशेदपुर (पूर्वी) से निर्दलीय चुनाव मैदान में खड़े सरयू राय को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन का भी साथ मिला है। सोरेन ने दो दिन पहले ही सभी विपक्षी दलों से राय को समर्थन देने की अपील की थी। लेकिन सोरेन के गठबंधन सहयोगी कांग्रेस के हिस्से की इस सीट यानी जमशेदपुर (पूर्व) से कांग्रेस का उम्मीदवार अभी मैदान में बना हुआ है, और सोरेन की अपील पर कांग्रेस की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। इसके साथ ही झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) का प्रत्याशी भी यहां से चुनाव मैदान में हैं।

 

Created On :   20 Nov 2019 7:30 AM GMT

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