'हुंकार रैली' पर अड़े मेवाणी, कहा- 'बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है'
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गुजरात विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी मंगलवार को "युवा हुंकार रैली" करने के लिए जिद पर अड़े हुए हैं। मेवाणी की ये रैली पार्लियामेंट स्ट्रीट से पीएम आवास तक होनी वाली थी, लेकिन प्रशासन ने 26 जनवरी की सुरक्षा के मद्देनजर रैली करने की इजाजत नहीं दी। इसके बावजूद मेवाणी अपने समर्थकों के साथ रैली करने पर अड़े हुए हैं। इससे पहले मेवाणी ने ट्वीट कर बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा है कि बीजेपी अब बिस्तर बांध ले, क्योंकि राज अब जाने को है।
मेवाणी ने ट्वीट कर बीजेपी को दी चुनौती
बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है,
— Jignesh Mevani (@jigneshmevani80) January 9, 2018
जुल्म काफ़ी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है ।#YuvaRally #hunkar #युवा_हुंकार_रैली_9_जनवरी
"युवा हुंकार रैली" से पहले दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने मंगलवार सुबह ट्वीट कर बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है। मेवाणी ने ट्वीट कर कहा "बांध ले बिस्तर बीजेपी, राज अब जाने को है। जुल्म काफी कर चुके, पब्लिक बिगड़ जाने को है।" वहीं जेएनयू स्टूडेंट यूनियन की फॉर्मर वाइस प्रेसिडेंट शहला रशीद ने अपने इरादे जाहिर करते हुए ट्वीट किया है कि "डीसीपी सर, रैली तो वहीं करेंगे।"
डीसीपी ने किया था ये ट्वीट
No permission granted so far by Delhi Police to hold proposed protest at Parliament Street in view of NGT orders. Organisers have been constantly advised to go to alternate site which they are reluctant to accept. @PTI_News @ANI @htTweets @TOIIndiaNews @NavbharatTimes @DDNational
— DCP New Delhi (@DCPNewDelhi) January 8, 2018
जिग्नेश मेवाणी की हुंकार रैली को परमिशन नहीं दिए जाने की जानकारी देते हुए डीसीपी ऑफिस की तरफ से सोमवार रात को एक ट्वीट किया गया था। इस ट्वीट में डीसीपी ने कहा था कि "एनजीटी के आदेश को मद्देनजर रखते हुए पार्लियामेंट स्ट्रीट पर होने वाली रैली को दिल्ली पुलिस की तरफ से परमिशन नहीं दी गई है।" इस ट्वीट में उन्होंने ये भी बताया था कि "इस रैली को दूसरी जगह करने की सलाह भी दी गई है, लेकिन वो इसे मानने को राजी नहीं हैं।"
NCT का क्या है ऑर्डर?
दरअसल, पिछले साल 5 अक्टूबर को एक पिटीशन पर सुनवाई करने के बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने जंतर-मंतर पर होने वाली किसी भी तरह की रैली और धरना प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी। एनजीटी ने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा था कि इससे "एनवायरमेंटल लॉज़" का हनन होता है। एनजीटी ने जंतर-मंतर पर रैली, धरना प्रदर्शन, लोगों के जमा होने, भाषण देने और लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था।
मोदी सरकार के खिलाफ है हुंकार रैली
दरअसल, जिग्नेश मेवाणी की युवा हुंकार रैली मोदी सरकार की नीतियां और मुस्लिम-दलितों पर अत्याचार के खिलाफ की जा रही है। सामाजिक न्याय के नाम पर होने वाली इस रैली को "युवा हुंकार रैली" नाम दिया गया है। ये रैली मंगलवार दोपहर 12 बजे से पार्लियामेंट स्ट्रीट से शुरू होनी थी। हालांकि, इस रैली को दिल्ली पुलिस ने परमिशन नहीं दी है। इसके बावजूद मेवाणी समर्थक यहां पहुंच रहे हैं। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।
कौन-कौन होगा रैली में शामिल?
जिग्नेश मेवाणी की "हुंकार रैली" में असम के ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट अखिल गोगोई, स्टूडेंट लीडर उमर खालिद और शहला रशीद शामिल होंगे। इसके साथ-साथ उत्तरप्रदेश की भीम आर्मी भी इस रैली में शामिल हो सकती है। ये रैली दलितों और मुसलमानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ रखी गई है। इसके साथ ही इस रैली में भीम आर्मी के फाउंडर चंद्रशेखर की रिहाई की मांग भी की जाएगी।
Created On :   9 Jan 2018 5:26 AM GMT