डिजिटल डेस्क, कश्मीर। जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में सिक्योरिटी फोर्सेस की तरफ से चलाए जा रहे ऑपरेशन में 2 आतंकी मारे गए हैं। बताया जा रहा है कि ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे। इसके साथ ही आतंकियों के साथ मुठभेड़ में एक SOG जवान जहीर अहमद भी शहीद हो गया है। बताया जा रहा है कि मुठभेड़ के विरोध में कुछ कश्मीरियों ने सिक्योरिटी फोर्सेस पर पथराव भी किया है। रविवार सुबह से ही बांदीपोरा के हाजिन इलाके के मीर मोहल्ला में आतंकियों और सिक्योरिटी फोर्सेस के बीच मुठभेड़ जारी है। 

 

पाकिस्तानी नागरिक हैं आतंकी

 

बताया जा रहा है कि सिक्योरिटी फोर्सेस को हाजिन के मीर मोहल्ला में कुछ आतंकियों के छिपे होने की खबर मिली थी। इसके बाद आर्मी, CRPF और पुलिस ने ज्वॉइंट ऑपरेशन चलाकर आतंकियों को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया। खुद को घिरा देख आतंकियों ने भी फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद सिक्योरिटी फोर्सेस ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिसमें लश्कर के दो आतंकियों को मार गिराया जा चुका है। मारे गए आतंकियों में से एक का नाम अली भाई बताया जा रहा है, जिसकी पहचान पाकिस्तानी नागरिक के रुप में की गई है, जबकि दूसरे की पहचान अभी नहीं की गई है। इसके साथ ही इस मुठभेड़ में SOG का एक जवान जहीर अहमद भी शहीद हो गया है। वहीं अब भी इस इलाके में अभी भी आतंकियों के छिपे होने की आशंका है और मुठभेड़ जारी है। 

 

लोगों ने किया पथराव

 

सिक्योरिटी फोर्सेस की तरफ से चलाए गए इस ऑपरेशन के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए हैं और उनके इस ऑपरेशन में खलल डालने के लिए पत्थरबाजी कर रहे हैं। वहीं सिक्योरिटी फोर्सेस को भी लोगों को काबू करने के लिए टियर गैस का इस्तेमाल करना पड़ा है। 

 

ऑपरेशन ऑलआउट चला रही हैं सिक्योरिटी फोर्सेस

 

जम्मू-कश्मीर में टेररिस्ट एक्टिविटी को बढ़ता देख सिक्योरिटी फोर्सेस ने कश्मीर में ऑपरेशन ऑलआउट चला रखा है और ये काफी हद तक कामयाब भी होता दिख रहा है। अक्टूबर की शुरुआत में आई रिपोर्ट के मुताबिक, सिक्योरिटी फोर्सेस ने इस साल अब तक 150 आतंकियों को मार गिराया है। जबकि बताया जा रहा है कि कश्मीर घाटी में अभी भी 250 से ज्यादा आतंकी एक्टिव हैं। वहीं इस साल घाटी में अब तक 291 आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की, जिसमें से 80 आतंकी कामयाब हुए हैं। 

 

3 अक्टूबर को हआ था BSF कैंप पर हमला

 

बता दें कि 3 अक्टूबर को ही आतंकियों ने श्रीनगर एयरपोर्ट के पास BSF के एक कैंप को निशाना बनाकर हमला किया था। इस हमले में BSF के एक ASI भी शहीद हो गए थे। वहीं सेना ने जवाबी कार्रवाई में 3 आतंकियों को मार गिराया था। पहले से ही इनपुट होने के कारण आतंकी ज्यादा नुकसान नहीं कर पाए थे। शुरुआती जांच में पता चला था कि आतंकी एयरपोर्ट को अपना निशाना बनाना चाहते थे। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। जैश-ए-मोहम्मद आतंकी मौलाना मसूद अजहर का संगठन है। जनवरी 2016 में हुए पठानकोट एयरबेस हमले में भी इसी संगठन का नाम सामने आया था और इस हमले के पीछे मसूद अजहर का हाथ बताया गया था।

Created On :   29 Oct 2017 4:04 AM GMT

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