शौर्य चक्र विजेता पर टिप्पणी कर घिरीं महबूबा, राज्यपाल बोले- वो इसी किस्म के सपोर्ट से सत्ता में आईं थी

शौर्य चक्र विजेता पर टिप्पणी कर घिरीं महबूबा, राज्यपाल बोले- वो इसी किस्म के सपोर्ट से सत्ता में आईं थी
शौर्य चक्र विजेता पर टिप्पणी कर घिरीं महबूबा, राज्यपाल बोले- वो इसी किस्म के सपोर्ट से सत्ता में आईं थी
शौर्य चक्र विजेता पर टिप्पणी कर घिरीं महबूबा, राज्यपाल बोले- वो इसी किस्म के सपोर्ट से सत्ता में आईं थी
हाईलाइट
  • उधर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसे निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को खुश करने का तरीका करार दिया है।
  • जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की सेना के अफसर पर की गई टिप्पणी की चौतरफा आलोचना हो रही है।
  • राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने महबूबा की इस टिप्पणी को चुनावी स्टंट करार दिया है।

डिजिटल डेस्क, पुलवामा। जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की सेना के अफसर पर की गई टिप्पणी की चौतरफा आलोचना हो रही है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने महबूबा की इस टिप्पणी को चुनावी स्टंट करार दिया है। उधर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने भी इसे निर्वाचन क्षेत्र में लोगों को खुश करने का तरीका करार दिया है। बता दें कि मुफ्ती ने राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर रोहित शुक्ला पर एक युवक को सैन्य कैंप में बुलाकर एनकाउंटर करने की धमकी देने का आरोप लगाया था।

क्या कहा राज्यपाल ने?
राज्यपाल ने कहा कि "चुनाव का वक्त है, उनकी पार्टी टूट रही है, खराब हाल में है। वो इसी किस्म के सपोर्ट से सत्ता में आई थी। उनको सीरियसली लेने की जरुरत नहीं। हमारे सुरक्षा बलों का किसी महबूबा मुफ्ती जी के बयान से मनोबल नहीं गिरने दिया जाएगा।

 

 

क्या कहा केंद्रीय मंत्री ने?
जितेंद्र सिंह ने कहा, इन नेताओं को एक आतंकवादी के मुठभेड़ में मारे जाने पर अपनी सहानुभूति व्यक्त करने की जल्दी है। लेकिन ड्यूटी पर शहीद होने वाले किसी जवान के लिए इनके मुंह से सहानूभूति का एक शब्द भी नहीं निकलता। उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों को ये दोहरापन दिख रहा है। चुनाव नजदीक है इसीलिए वह एक निश्चित निर्वाचन क्षेत्र के लोगों को खुश करने की कोशिश कर रही हैं। सिंह ने कहा, महबूबा मुफ्ती का यह तरीका काम करने वाला नहीं है क्योंकि पिछले चुनाव की तरकीब इस चुनाव में काम नहीं करने वाली।

 

 

क्या कहा था महबूबा मुफ्ती ने?
मेहबूबा मुफ्ती ने बुधवार को श्रीनगर के महाराजा हरि सिंह अस्पताल में कहा था कि "मेजर शुक्ला ने तौसीब नाम के एक युवक को सैन्य कैंप में बुलाकर उसकी पिटाई की और उसपर गले में बंदूक डालकर खड़े होने का दबाव बनाया, जिससे कि वह उसकी फोटो ले सकें। मेजर शुक्ला ने तौसीब को धमकी थी कि अगर वह बंदूक को गले में डालकर फोटो नहीं खिंचाता है तो वह अपनी बंदूक उसके गले में डालकर उसका एनकाउंटर कर देंगे।"

शौर्य स्मारक से सम्मानित है मेजर
बता दें कि मेजर शुक्ला सेना के वहीं अफसर है जिन्होंने बीते साल हिज्बुल मुजाहिदीन के मोस्ट वॉन्टेड कमांडर समीर टाइगर को एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इसके अलावा भी वह कश्मीर घाटी में हुए कई बड़े ऑपरेशंस का हिस्सा रह चुके हैं। मेजर शुक्ला विशिष्ट प्रदर्शन के लिए शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है।  

Created On :   6 Feb 2019 1:14 PM GMT

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