उत्तर प्रदेश: गर्भ में पलने वाले बच्चें अब होंगे संस्कारी, कानपुर विश्वविद्यालय शुरू करेगा कोर्स

Kanpur University will enrich children from the womb itself
उत्तर प्रदेश: गर्भ में पलने वाले बच्चें अब होंगे संस्कारी, कानपुर विश्वविद्यालय शुरू करेगा कोर्स
उत्तर प्रदेश: गर्भ में पलने वाले बच्चें अब होंगे संस्कारी, कानपुर विश्वविद्यालय शुरू करेगा कोर्स

डिजिटल डेस्क, कानपुर। उत्तर प्रदेश की माताओं के कोख में पलने वाले बच्चे अब संस्कारी होंगे। कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ने इसकी मुहिम छेड़ने की तैयारी पूरी कर ली है। गर्भस्थ शिशुओं को संस्कारवान बनाने के लिए माताओं को गुर सिखाने की शिक्षा दी जाएगी। पहली जनवरी से शुरू होने वाले इस पाठ्यक्रम में गर्भस्थ महिलाओं के साथ अविवाहित लड़कियों को भी प्रवेश दिया जाएगा।

छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएमजेएमयू) की कुलपति प्रो़ नीलिमा गुप्ता ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि आजकल इस महत्वपूर्ण विषय पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। लोगों की जागरूकता के लिए यह कोर्स शुरू कर रहे हैं। अभी शुरू में पाठ्यक्रम की अवधि तीन व छह माह की रहेगी। पढ़ाई पूरी होने के बाद सर्टिफिकेट दिया जाएगा। हालांकि प्रवेश के लिए गर्भवती के साथ ही सामान्य महिलाएं भी आवेदन कर सकती हैं। इसमें 12वीं के बाद प्रवेश के लिए आवेदन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि इसी माह अकादमिक परिषद की बैठक में यह पाठ्यक्रम पास कराने के बाद एक जनवरी से इसकी कक्षाएं शुरू हो जाएंगी। अभी शुरुआत में सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया, जिससे लोगों में जागरूकता आ जाए। कुलपति ने बताया कि इस पाठ्यक्रम को शुरू करने का मकसद है कि गर्भवती महिलाएं आने वाली पीढ़ी का भविष्य ठीक रखने और उनको संस्कारी बनाने के प्रति जागरूक हों। उन्होंने बताया, इसमें गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल कालेज के प्रोफसर गेस्ट लेक्चरर होंगे। इसके अलावा हमारे यहां के पैरामेडिकल संस्थान के शिक्षक भी इसमें पढ़ाएंगे। उन्हीं की देखरेख में संचालित होगा।

इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस के कोऑर्डिनेटर डा़ॅ प्रवीण कटियार ने बताया कि सीएसजेएमयू राज्य का पहला विश्वविद्यालय होगा, जहां इस पाठ्यक्रम की पढ़ाई होगी। यह कोर्स यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ सांइसेज में चलाया जाएगा। तीन माह के कोर्स का नाम सर्टिफिकेट कोर्स इन गर्भ संस्कार और 6 माह वाला एडंवास सर्टिफिकेट कोर्स इन संस्कार के नाम से संचालित होगा। गर्भवती महिलाओं को गर्भ में संस्कार देने की पूरी तैयारी है। उन्होंने बताया कि नए साल में गर्भ संस्कार की पढ़ाई शुरू हो जाएगी।

दरअसल, 11 सितंबर को हुए 34वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने गर्भ संस्कार शुरू कराने की बात कही थी। उस दौरान उन्होंने अपने भाषण पर जोर देते हुए कहा था कि छात्राएं आगे चलकर मां बनेंगी। भागदौड़ भरी और तनावपूर्ण जिंदगी का उनकी संतान पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर वे संस्कारों की जानकारी रखेंगी तो निश्चित तौर पर उनकी संतान पर अच्छा प्रभाव पड़ेगा। उन्हीं के निर्देश के बाद विश्वविद्यालय इस पर पहल करने जा रहा है।

 

Created On :   3 Dec 2019 4:30 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story