कर्नाटक : आठ बागी विधायकों का इस्तीफा खारिज, स्पीकर ने कहा- तय फॉर्मेट में नहीं

कर्नाटक : आठ बागी विधायकों का इस्तीफा खारिज, स्पीकर ने कहा- तय फॉर्मेट में नहीं
हाईलाइट
  • इस्तीफा खारिज करने की वजह इस्तीफे का तय फॉर्मेट में नहीं होना बताया गया
  • इस्तीफों के खारिज होने के बाद गठबंधन सरकार अल्पमत में आने से बच गई है
  • कर्नाटक में 8 बागी विधायकों का इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष ने खारिज कर दिया

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के 13 विधायकों के इस्तीफों में से 8 को विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने खारिज कर दिया है। इसके खारिज करने की वजह इस्तीफा तय फॉर्मेट में नहीं होना बताया गया है। स्पीकर ने इन विधायकों को अब दोबारा इस्तीफा सौंपने के लिए कहा है। इस्तीफों के खारिज होने के बाद गठबंधन सरकार अल्पमत में आने से बच गई है और उसे थोड़ी राहत मिली है।

कुमार ने कहा, "मेरा उठाया हर कदम इतिहास बन जाएगा, इसलिए मैं गलती नहीं कर सकता। मैं नहीं चाहता कि भविष्य की पीढ़ियां मुझे एक आरोपी की तरह देखे। मुझे जिम्मेदार होना पड़ेगा।" स्पीकर ने पांच विधायक पूर्व गृह मंत्री रामलिंगा रेड्डी, गोपालैयाह, आनंद सिंह, नारायण गौड़ा और प्रताप गौड़ा पाटिल को 12 और 15 जुलाई का अपॉइंटमेंट दिया है। पांचों विधायकों को इस्तीफे के पत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात करना होगा। इसके अलावा 8 अन्य विधायकों को जिसका इस्तीफा खारिज कर दिया गया है को विधानसभा के नियमों के मुताबिक अपना इस्तीफे के पत्र को फिर से तैयार करना होगा।

जब विधानसभा अध्यक्ष से सवाल किया गया कि क्या कांग्रेस के कानूनी प्रकोष्ठ ने उन्हें इस्तीफा स्वीकार नहीं किए जाने के लिए कोई पत्र लिखा है? कुमार ने कहा कि उन्होंने अभी पत्र नहीं देखा है। "मैं शनिवार को ऑफिस से जाने के बाद आज ही आया हूं।" रमेश ने कहा, संविधान या नियम में समय सीमा को लेकर कोई प्रावधान नहीं है। "आज मैं इसे तय करूंगा या अगले दो घंटों में, इसे दो साल बाद करूंगा, ये सभी मेरे लिए अप्रासंगिक प्रश्न हैं। मुझे लोगों की भावनाओं का ध्यान रखना है।"

बता दें कि बागी विधायकों के इस्तीफों के बाद सदन में गठबंधन सरकार के विधायक घटकर 103 हो गए हैं। जबकि भाजपा के पास 105 विधायक हैं और दो निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन है जिन्होंने सोमवार को गठबंधन से समर्थन वापस ले लिया। सभी बागी विधायकों ने महाराष्ट्र में किसी गुप्त जगह पर डेरा डालकर रखा है। कांग्रेस के कई शीर्ष नेता और इसके संकटमोचक डीके शिवकुमार बागी नेताओं के साथ लगातार संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन वह अभी तक कामयाब नहीं हो पाए है। कांग्रेस को उम्मीद हैं की वह बागी विधायकों से बात कर उन्हें मना लेंगे और वापस पार्टी में शामिल करने में सफल होंगे।

Created On :   9 July 2019 12:36 PM GMT

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