केदारनाथ की कमजोर कहानी, बोरिंग म्यूजिक, फिल्म में सारा के अलावा सब फीका

Kedarnath review: Weak story but  Sara impressed with her acting
केदारनाथ की कमजोर कहानी, बोरिंग म्यूजिक, फिल्म में सारा के अलावा सब फीका
केदारनाथ की कमजोर कहानी, बोरिंग म्यूजिक, फिल्म में सारा के अलावा सब फीका

फिल्म- केदारनाथ

निर्देशक- अभिषेक कपूर

स्टारकास्ट- सुशांत सिंह राजपूत, सारा अली खान, पूजा गौर, नितीश भारद्वाज

रेटिंग्स- 3 स्टार

 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। सैफ अली खान और अमृता सिंह की बेटी सारा अली खान फिल्म "केदारनाथ" के साथ बॉलीवुड में डेब्यू कर रहीं हैं। केदारनाथ 7 दिसंबर को रिलीज हो गई है। अभिषेक कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत सारा के अपोजिट रोल में हैं। चलिए जानते हैं केदारनाथ का रिव्यू। 

 

क्या है कहानी?

केदारनाथ की कहानी एक हिन्दू पंडित की बेटी मंदाकिनी उर्फ़ मुक्कु (सारा अली खान) से शुरू होती है जो की बेहद जिद्दी, खुशमिजाज और अल्हड़ हैं। मुक्कु को एक मुस्लिम पिट्ठू (तीर्थयात्रियों को कंधे पर उठानेवाला) मंसूर (सुशांत सिंह राजपूत) से प्यार हो जाता है। दो अलग धर्म के लोगों का प्यार वादी के लोगों को पसंद नहीं आता और फिर इस प्यार को तोड़ने की भरपूर जद्दोजहद शुरू हो जाती है। इस पूरी कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब मंदाकिनी और मंसूर के प्यार को तोड़ने के लिए पंडितों और पिट्ठुओं के बीच जंग छिड़ जाती है और इसी बीच कुदरत भी अपना कहर बरपा देती है।


 

क्यों देख सकते हैं फिल्म?

फिल्म को सबसे पहले इसे सारा अली खान के लिए देखिए। मूवी को  देखने के बाद जो चीज सबसे ज्यादा आपके दिमाग पर छाप छोड़ती है वो है सारा अली खान। सारा नैचुरली जितनी खूबसूरत और बेबाक हैं परदे पर भी उनकी खूबसूरती और बेबाकपन साफ़ झलकता है। फिल्म देखकर लगता ही नहीं की ये उनकी पहली फिल्म है। फिल्म के एक एक सीन में सारा कॉन्फिडेंटऔर दमदार दिखीं। इसके अलावा सुशांत सिंह राजपूत ने भी इस पूरी फिल्म में काफी मेहनत की है। सुशांत ने शारीरिक तौर पर काफी मेहनत की है। फिल्म में वो एक पिट्ठू के किरदार में हैं।

फिल्म में सारा और सुशांत के बीच कई ऐसे खूबसूरत लम्हे फिल्माए गए हैं, जिसे देखकर कभी-कभी सारा में उनकी मां अमृता सिंह की झलक दिखाई देती है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी भी काफी अच्छी है। वादी की खूबसूरती को तुषार कांती रॉय ने कैमरे और ड्रोन से जिस खूबसूरती से फिल्माया गया है वो काबिले तारीफ है। फिल्म में वीएफएक्स का काफी अच्छे से उपयोग किया गया है। क्लाइमेक्स में जिस तरह से वीएफएक्स के जरिए केदारनाथ की तबाही दिखाई गई है उसे देखकर 2013 में केदारनाथ में हुई भयंकर तबाही आपको फिर याद आ जाएगी।

 

एक्टिंग

सारा अली खान ने अपनी बॉलीवुड डेब्यू के मुताबिक बेहतरीन एक्टिंग की है। जिस सीन में वो होती हैं, उस सीन में अपनी पूरी जान डाल देती हैं। सारा ने अपनी एक्टिंग से बता दिया है कि वो जितनी खूबसूरत हैं उतनी ही अच्छी एक्टर भी हैं। जिस तरीके से वो कैमरे को फेस कर रही थीं ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये उनकी पहली फिल्म है।

वहीं सुशांत सिंह की बात करें तो उन्होंने भी इस फिल्म में अच्छा काम किया है। सुशांत की मेहनत फिल्म में साफ दिखी, लेकिन सुशांत इससे पहले फिल्म "एम एस धौनी" में इतनी कमाल की एक्टिंग कर चुके हैं कि अब उनसे एक्सपेक्टेशन काफी बढ़ गई है।


 

कमजोर कड़ियां

फिल्म की कमजोर कड़ी की बात करें तो वो है इसकी कहानी। केदारनाथ की कहानी पस्त है। साथ ही फिल्म में जरूरत के मुताबिक, गाने ही नहीं हैं। "नमो नमो" गाने के अलावा अमित त्रिवेदी कोई खास कमाल नहीं दिखा पाए हैं। क्योंकि इस फिल्म में लव स्टोरी दिखाई गई है तो उस हिसाब से फिल्म में कोई रोमांटिक गाना नहीं है। वहीं दूसरी ओर फिल्म की कहानी काफी प्रिडिक्टेबल है और क्लाइमेक्स भी थोड़ा बेहतर हो सकता था।  
 

Created On :   7 Dec 2018 5:50 AM GMT

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