स्टेट बार में स्वार्थ की राजनीति, महाधिवक्ता नजर रखें - चेयरमेन ने  जताई नाखुशी, एजी से मॉनीटरिंग का आग्रह किया

Keep an eye on selfish politics in the State Bar, Advocate General - Chairman expresses unhappiness,
स्टेट बार में स्वार्थ की राजनीति, महाधिवक्ता नजर रखें - चेयरमेन ने  जताई नाखुशी, एजी से मॉनीटरिंग का आग्रह किया
स्टेट बार में स्वार्थ की राजनीति, महाधिवक्ता नजर रखें - चेयरमेन ने  जताई नाखुशी, एजी से मॉनीटरिंग का आग्रह किया

डिजिटल डेस्क जबलपुर । बार काउंसिल ऑफ इण्डिया ने मप्र स्टेट बार काउंसिल की मौजूदा गतिविधियों पर कड़ी नाराजगी जताई है। चेयरमेन मनन मिश्रा ने कहा है कि कुछ वर्तमान सदस्यों के अलावा राज्य के कई अधिवक्ताओं से उन्हें ऐसी शिकायतें मिल रहीं हैं कि चुनाव के दौरान स्टेट बार के पदाधिकारियों के साथ कुछ अधिकारी व कर्मचारी स्वार्थों की खातिर अपने अधिकारों का मनमाना उपयोग कर रहे हैं। श्री मिश्रा ने राज्य के महाधिवक्ता शशांक शेखर से आग्रह किया है कि वे स्टेट बार के 2 दिसंबर को होने वाले चुनाव निष्पक्षता व पारदर्शिता से कराएं।
मॉडल कोड ऑफ कण्डक्ट शून्य घोषित
 महाधिवक्ता को भेजे पत्र में बार काउंसिल के चेयरमेन श्री मिश्रा ने इस साल होने वाले चुनावों के लिए वर्ष 2013 के मॉडल कोड ऑफ कण्डक्ट अपनाए जाने पर भी एतराज जताया है। श्री मिश्रा ने उन मॉडल कोड ऑफ कण्डक्ट्स को शून्य घोषित किया है। जमकर चल रही है मनमानी: पत्र में कहा गया है कि कथित मॉडल कोड ऑफ कण्डक्ट बनाने में कुछ पदाधिकारियों व कर्मचारियों का स्वार्थ रहा है। यह इसलिए किया गया ताकि इसकी आड़ में कुछ वकीलों को अयोग्य घोषित करके उन्हें चुनाव लडऩे से वंचित किया जा सके।
बिना फैसला अयोग्यता असंभव
श्री मिश्रा का कहना है कि किसी भी अधिवक्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई व चुनाव लडऩे की अनुमति देना बार काउंसिल का काम है। किसी भी वकील को चुनाव के लिए अयोग्य तब तक नहीं माना जा सकता, जब तक उसके खिलाफ अयोग्यता का फैसला पारित न हो जाए। कुछ को फायदा पहुंचाया जा रहा: पत्र के अनुसार 6 माह के एक्सटेंशन के दौरान कुछ मौजूदा सदस्यों को फायदा पहुंचाने के लिए तरह-तरह के प्रस्ताव और परिपत्र जारी किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं, ऐन मौके पर चुनाव अधिकरण का भी गठन कर दिया गया, जो अनुचित है।
स्वार्थों से प्रेरित नियम नामंजूर 
 एडवोकेट्स एक्ट की धारा 8ए के तहत बनाए जा रहे नियमों व पारित हो रहे प्रस्तावों पर भी श्री मिश्रा ने नाखुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि स्वार्थों से प्रेरित होकर बनाए गए नियमों को मंजूर नहीं किया जा सकता।
नए चुनाव अधिकरण का गठन
 श्री मिश्रा ने बार काउंसिल के चुनावों से संबंधित विवादों के निराकरण के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस एसके मुकर्जी की अध्यक्षता में चुनाव अधिकरण का गठन किया है।
 

Created On :   2 Nov 2019 7:51 AM GMT

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