B,Day Spl : बैंडिट क्वीन से मिली 'सीमा बिस्वास' को बॉलीवुड में पहचान, ऐसे शूट किए 'रेप सीन'

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B,Day Spl : बैंडिट क्वीन से मिली 'सीमा बिस्वास' को बॉलीवुड में पहचान, ऐसे शूट किए 'रेप सीन'
B,Day Spl : बैंडिट क्वीन से मिली 'सीमा बिस्वास' को बॉलीवुड में पहचान, ऐसे शूट किए 'रेप सीन'

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आज हम बॉलीवुड की एक ऐसी अदाकारा की बात कर रहे हैं। जिन्होंने अपनी पहली ही फिल्म में इतना चुनौती भरा किरदार निभाया कि वह दर्शकों के दिलो दिमाग पर चढ़ गया। भारतीय सिनेमा को "बैंडिट क्वीन" जैसी फिल्म देने वाली सीमा बिस्वास आज अपना 53वां जन्मदिन सेलिब्रेट कर रही हैं। सीमा बिस्वास का जन्म असम के नालबाड़ी में हुआ था। सीमा बिस्वास ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अपनी शिक्षा पूरी की थी। हालांकि वो कभी भी एक्ट्रेस नहीं बनना चाहती थीं। परिवार की माली हालत अच्छी नहीं थी, इसके बाद भई सीमा के पिता ने बड़ी मुश्किल से उन्हें नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा भेजा था।

 

वकील बनना चाहती थीं सीमा विश्वास
सीमा बिस्वास एनएसडी से पढ़ाई पूरी करने के बाद वो लॉ करना चाहती थीं। एनएसडी जाने के बाद उन्होंने अपने परिवार से कभी पैसे नहीं मांगे थे। उनका कहना था कि जब आपके अपने आपको सपनों की ओर उड़ान भरने की आजादी दें और आप की काबीलियत पर इतना भरोसा करें तो उनसे कुछ और मांगना अपराध लगता है। सीमा बिस्वास को सिर्फ भत्ते के रूप में 750 रुपए में ही महीना निकलना होता था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सेब खाकर भी वह अपना गुजारा कर लेती थीं।

 

 


 

  • सीमा बिस्वास को एनएसडी में स्मिता पाटिल कहा जाता था।
  • सीमा को कांजे नोबूमित्सू के "रशोमोन" प्ले में एक छोटे से रोल के लिए चुना गया था।
  • बैंडिट क्वीन के निर्देशक शेखर कपूर को सीमा का अनप्रोफेशनल पोर्टफोलियो पसंद आया था। जिसके बाद उन्होंने सीमा को बैंडिट क्वीन के कास्ट किया। 
  • 1994 में फूलन की जिंदगी पर बनी फिल्म बैंडिट क्वीन में बोल्ड सीन की वजह से सीमा बिस्वास ने खूब सुर्खियां बटोरीं थी।
  • फिल्म "बैंडिट क्वीन" में सीमा के किरदार की हर कलाकार ने सराहना की। आज भी लोग उन्हें फूलन देवी के नाम से जानते हैं।
  • सीमा असम में पली-बढ़ी थीं तो उनकी हिंदी कमजोर थी। संवादों को याद करने के लिए वे सैकड़ों बार रिहर्सल करती थीं।
  • साल 2003 में निखिलेश शर्मा से शादी की थी, लेकिन ये रिश्ता 4 साल के बाद ही टूट गया। सीमा ने निखिलेश से तलाक ले लिया है।

 

 

रेप सीन के बाद रोती थीं सीमा
इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से भी नवाजा गया था। बता दें कि जब उन्हें इस फिल्म के लिए कास्ट किया गया था तो वह फूलन देवी के बारे में कुछ नहीं जानती थीं। वो किरदार को समझने के लिए फूलन देवी से मिलना चाहती थीं लेकिन फूलन जेल में थीं। उन्होंने बताया कि फिल्म बैंडिट क्वीन में कई सारे न्यूड सीन थे। इसके चलते बहुत विवाद हुआ था। विवादों के कारण उन्हें रात-रात भर रोना पड़ा था। इस सीन को शूट करते समय डायरेक्टर और कैमरामैन के अलावा सभी का अंदर आना मना था।

 

रियल फूलन देवी ने भी किया था फिल्म का विरोध
खुद फूलन देवी ने भी इस फिल्म का विरोध किया था। हालांकि बाद में कोर्ट की स्वीकृति के बाद फिल्म रिलीज हुई थी। सीमा बिस्वास ने शेखर कपूर से कहा था कि फिल्म से न्यूड सीन को हटा दिया जाए। इस पर शेखर कपूर ने कहा था कि फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है। फिल्म में लोगों की असंवेदनशीलता को दिखाने के लिए इस सीन को रखना जरूरी है। वहीं सीमा बिस्वास का कहना है कि हॉलीवुड के कई एक्टर्स फिल्म के उस सीन के लिए उनकी बहुत इज्जत करते हैं, लेकिन भारत में लोग उन्हें बुरी नजर से देखते हैं। फिल्म के दौरान उन्होंने खुद को बाकी समाज से अलग कर लिया था और धौलपुर के एक गेस्ट हाउस के कोने में बैठकर घंटों तक अपने किरदार के बारे में सोचती रही थीं। बैंडित क्वीन की शूटिंग के दौरान दो दिनों तक उन्होंने न कुछ खाया था और न ही कुछ पिया था, क्योंकि फूलन ने भी ऐसा ही कुछ किया था, जब वे जंगलों में रह रही थीं।

 

 


पिता ने की बैंडित क्वीन के किरदार की तारीफ
सीमा बिस्वास ने बताया था कि उनको उनका सबसे बड़ा अवॉर्ड तब ही मिल गया जब उनके पिता ने कहा कि "कुछ भी कहो मीरा, ऐसा स्ट्रॉन्‍ग और मुश्किल किरदार मेरी बेटी के अलावा कोई नहीं निभा सकता।" सीमा ने ‌हिंदी फिल्मों के अलावा कई मराठी, मलयालम, तमिल, पंजाबी, बंगाली और इंग्लिश फिल्मों में भी काम किया है। सीमा बिस्वास को डर्क शेट वाले किरदारों के लिए जाना जाता है। खासकर उन फिल्मों सीमा बिस्वास को जरूर कास्ट किया जाता है जिनमें नक्सलवाद से संबंधित दृश्य रहते हैं।

 


 

सीमा बिस्वास के नाम रहे ये अवार्ड

  • सीमा को नेशनल अवॉर्ड के अलावा साल 2000 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड
  • साल 2006 में दीपा मेहता की फिल्म "वॉटर" के लिए बेस्ट एक्ट्रेस जेनी अवॉर्ड
  • 1996 में बैंडिट क्वीन के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 
  • 2013 मिडनाइट चिल्ड्रन मध्यरात्रि के बच्चे सहायक भूमिका में के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कनाडियन स्क्रीन अवार्ड 
  • एक अग्रणी भूमिका में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए जिनी अवार्ड- जल (2006)


    सीमा बिस्वास ने की ये फिल्में

2008 अमल, 2008 भोपाल, 2007 ब्रेकिंग न्यूज़, 2007 कमागता मरू, 2007    रिस्क, 2006 शून्य, 2006 विवाह, 2006 ज़िन्दगी रॉक्स, 2005 मुंबई गॉडफ़ादर, 2005 द व्हाइट लैंड, 2005 कहानी गुड़िया की, 2005 वाटर, 2004 काया, 2004 हनन, 2004 एक हसीना थी, 2004 दोबारा, 2003 भूत, 2003 बूम, 2003 पिंजर, 2002 घाव, 2002 कंपनी, 2002 दीवानगी, 2001 ध्यासपर्व-मराठी फ़िल्म, 1999 बिंदास्त, 1999    समर, 1998 हज़ार चौरासी की माँ, 1996 खामोशी, 1994 बैन्डिट क्वीन

Created On :   14 Jan 2018 11:06 AM GMT

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