सूना-सूना रहता है बम्बू शॉप, करोड़ों रुपए किए गए खर्च

lack of consumers on bamboo shop built by government in nagpur
सूना-सूना रहता है बम्बू शॉप, करोड़ों रुपए किए गए खर्च
सूना-सूना रहता है बम्बू शॉप, करोड़ों रुपए किए गए खर्च

डिजिटल डेस्क,नागपुर। वन विभाग द्वारा बांस की विविध प्रजातियों को विकसित करने तथा बांस से अनेक प्रकार के उत्पाद तैयार कर ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों खर्च कर बांबू रिसर्च एन्ड ट्रेनिंग सेंटर को शुरू किया गया है। लेकिन यह शॉप सूना-सूना ही रहता है। यहां खरीदार न आने से सरकार के करोड़ों रुपए फंस गए हैं। उल्लेखनीय है कि 4 दिसंबर 2014 को इस प्रकल्प की नींव रखी गई थी तथा एक ट्रस्ट बनाकर बांस के उत्पाद तैयार करने व बेचने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन अब तक इस प्रकल्प को अपेक्षा के अनुरूप विकसित नहीं किया जा सका है।

इस कालखंड में जहां राज्यभर में अनेक बांबू शॉप शुरू किए जाने चाहिए थे वहां केवल एक शॉप शुरू की जा सकी है। 2 फरवरी 2018 को उपराजधानी के सिविल लाइंस इलाके में शुरू इस बांबू शॉप को प्रतिसाद नहीं मिल पा रहा है। इस बांबू शॉप के जरिए अब तक मात्र 30-35 हजार रुपए का ही माल बेचा जा सका है। नागपुर के कुछ कारीगरों ने इस बांबू शॉप में अपने उत्पाद बेचने का अनुरोध किया है जिसके चलते शहर के विविध इलाकों में तैयार बांस के उत्पाद इस बांबू शॉप में बेचने के लिए रखे गए हैं। 

ट्रेनिंग सेंटर में 20 विद्यार्थी 
बांबू रिसर्च एन्ड ट्रेनिंग सेंटर, चिचपल्ली द्वारा शिक्षा सत्र 2017-18 में डिप्लोमा इन बांबू टेक्नॉलाजी कोर्स शुरू किया गया है। महाराष्ट्र स्टेट बोर्ड आॅफ टेक्निल एजूकेशन से संबद्घ इस सेंटर में फिलहाल 20 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। इस पाठयक्रम को शुरू कर राज्य सरकार बांबू के संवर्धन के साथ ही वृहत पैमाने पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में प्रयासरत है। चिचपल्ली के बांबू रिसर्च एन्ड ट्रेनिंग सेंटर में बांबू की विशेष प्रजातियों को तेजी से विकसित करने तथा बांस के उत्पादों के उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी प्रयास किए जा रहे हैं। 

Created On :   19 May 2018 12:34 PM GMT

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