‘लालू जी, सेवादार तो छूट गया, अब किससे मालिश करवाइएगा’

Lalu Prasad Yadav Two Aides Come Out From Ranchi Jail Jdu Sarcastism
‘लालू जी, सेवादार तो छूट गया, अब किससे मालिश करवाइएगा’
‘लालू जी, सेवादार तो छूट गया, अब किससे मालिश करवाइएगा’

डिजिटल डेस्क, पटना। चारा घोटाले के मामले में रांची की जेल में बंद लालू प्रसाद यादव की सेवा के लिए फर्जी तरीके से जिन दो सेवादोरों को जेल भेजा गया था उनकी रिहाई हो गई है। इसके बाद जेडी (यू) के प्रवक्ता और विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने राजद पर हमला करना शुरू कर दिया है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि लालू यादव ने जेल में भी फर्जीवाड़ा कर दिया।

नीरज कुमार ने लालू पर तंज कसते हुए कहा, "अब किससे मालिश करवाइएगा। फर्जीवाड़ा करना आपका कृत्य रहा है। अपने कार्यकर्ताओं से फर्जीवाड़ा कर उनकी जमीन लिखवाना और फर्जी मामला दर्ज करवाकर अपने स्वार्थ के लिए जेल पहुंचाना आपके सामाजिक न्याय के ढकोसला नीति को प्रदर्शित करता है।"

बता दें कि लालू पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी मामले बनवाकर दो कार्यकर्ताओं को अपनी सेवा करने के लिए जेल पहुंचाया था।

जेडी (यू) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा, लालू प्रसाद का यही काम रहा है। उनकी राजनीति इसी झूठ पर आधारित है। गौरतलब है कि फर्जी मामले में जेल पहुंचे दो कार्यकर्ताओं मदन यादव और लक्ष्मण का मामला तूल पकड़ने के बाद पुलिस ने इसकी जांच की जिसमें मामला सत्य पाया गया।

उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले के एक अन्य मामले में लालू यादव ने जज से कम सजा देने की मांग की। लालू ने कहा, जज साहब हमने ढाई साल से ज्यादा सजा मत दीजियेगा। इस पर नीरज कुमार ने कहा, "लालू जी पाप व्यक्ति को कभी नहीं छोड़ता। जेल में आप अपने पापों का प्रायश्चित करिए। आपके पापों के हिसाब से ही सजा सुनाई गई है। अदालत में फर्जीवाड़ा नहीं होता।"

क्या है चारा घोटाला
चारा घोटाला पहली बार साल 1996 में सामने आया, जब बिहार के पशुपालन विभाग में करोड़ों रुपए के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। ये घोटाला तकरीबन 950 करोड़ रुपए का है। बता दें कि चारा घोटाले में 3 मामले हैं और इन तीनों मामलों में लालू प्रसाद यादव आरोपी हैं। अगर इन तीनों में से किसी एक में भी लालू यादव को कोर्ट ने दोषी ठहराया तो उन्हें तुरंत जेल जाना पड़ सकता है। सीबीआई पहले ही लालू को इस मामले में अपनी जांच में दोषी करार दे चुकी है।

बता दें कि केंद्र सरकार गरीब आदिवासियों को अपनी योजना के तहत गाय, भैंस, मुर्गी और बकरी पालन के लिए आर्थिक मदद मुहैया करा रही थी। इस दौरान मवेशी के चारे के लिए भी पैसे आते थे। लेकिन गरीबों के गुजर-बसर और पशुपालन में मदद के लिए केंद्र सरकार की तरफ से आए पैसे का गबन कर लिया गया था। 

Created On :   11 Jan 2018 12:35 PM GMT

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