महागठबंधन में दरार : लालू ने नहीं बुलाया, नीतीश बोले- मुझे चापलूसी नहीं आती
डिजिटल डेस्क, पटना। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के द्वारा अपनी 'बीजेपी हटाओ-देश बचाओ' रैली के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी को निमंत्रण नहीं भेजा गया है। वहीं कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि जिनका एक सिद्धांत होता है, वही आदमी एक फैसला लेता है। इसी बात को लेकर नीतीश कुमार जवाब देते हुए कहा है कि सिद्धांत मैं नहीं, कांग्रेस बदल रही है। मुझे चापलूसी नहीं आती है।
मामले में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्याम रजक ने कहा, 'यह रैली राजद पार्टी की है, इसमें सिर्फ अन्य विपक्षी दल के अध्यक्ष समपदाधिकारी नेता को ही आमंत्रित किया है, ना कि पूरी पार्टी को। और हम वहां क्यों जाएं, वहां राजद का झंडा होगा, उसका ही बैनर होगा, फिर वहां हमारा क्या काम है।'
मैं खुशामद करने वाला व्यक्ति नहीं हूं
वहीं सीएम नीतीश कुमार ने कहा, 'मैं सिद्धांत के साथ नहीं बदला बल्कि कांग्रेस बदल गई है। आज कांग्रेस को भिड़ना किससे चाहिए और वह भिड़ किससे गई? सिद्धांत मैं नहीं, कांग्रेस बदल रही है।' नीतीश ने यह भी कहा, 'मैं खुशामद करने वाला व्यक्ति नहीं हूं और न ही किसी का पिछलग्गू हूं। जो होना होगा, वह होकर रहेगा। हमारा सिद्धांत एक है और वह अटल है। काम में विश्वास रखता हूं।' सीएम रविवार को जेडीयू ऑफिस में स्टेट एग्जीक्यूटिव की मीटिंग को एड्रेस कर रहे थे। बता दें कि राज्य में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस की अलायंस सरकार है।
जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने आज यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कि हम लोग उक्त रैली में निश्चित तौर पर भाग लेंगे, अगर राजद हमारे नेता नीतीश कुमार जी को आमंत्रित करेगी।
लालू की भाजपा हटाओ, देश बचाव रैली
मिडिया में आई खबरों के अनुसार महागठबंधन सरकार में शामिल जदयू आगामी 27 अगस्त को राजद की पटना में प्रस्तावित भाजपा हटाओ, देश बचाव रैली में भाग नहीं लेगा। राजद और कांग्रेस के नोटबंदी का विरोध किए जाने के बाद जदयू द्वारा इसका समर्थन किए जाने से इन दलों के बीच मतभेद राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का जदयू द्वारा समर्थन किए जाने से और भी गहरा गया था।
गौरतलब है कि इससे पहले भी नीतीश कुमार ने कई बार विपक्ष से अलग हटकर भाजपा का समर्थन किया है, जो लालू यादव को नागवार गुजरा है। पहला मामला तब का है जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भोज रखा था, जिसमें नहीं जाकर नीतीश ने पीएम मोदी के साथ चाय पीना बेहतर समझा। उसके बाद नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति के एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देकर सबकुछ स्पष्ट कर दिया। बता दें कि भाजपा भी कई मौकों पर नीतीश के साथ खड़ी नजर आई है।
Created On :   2 July 2017 1:45 PM GMT