मनोकामना करना है पूरी तो यहां जानिए हनुमान मंत्र साधना विधि

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मनोकामना करना है पूरी तो यहां जानिए हनुमान मंत्र साधना विधि
मनोकामना करना है पूरी तो यहां जानिए हनुमान मंत्र साधना विधि

डिजिटल डेस्क । कलयुग में हनुमान जी एक ऐसे देव हैं जो भक्तों की मनोकामना को अतिशीघ्र पूर्ण करते हैं। वैसे तो श्री राम भक्त हनुमान भगवान श्री राम के नाम लेने मात्र से ही प्रसन्न हो जाते हैं, लेकिन यदि आप चाहते हैं किसी बड़ी मनोकामना को पूरा करना या फिर किसी बड़े संकट से छुटकारा पाना तो ऐसे में हनुमान जी के प्रिय मंत्र के उनकी साधना करना सबसे अच्छा होता है। हनुमान जी की साधना में साधक के भाव के ऊपर निर्भर करता है कि वो किस प्रकार से स्वयं को हनुमान जी के प्रति समर्पित करता है। अगर आप नियमपूर्वक साधना समय से पूरा करते हैं तो आपकी मनोकामना अवश्य ही पूर्ण होती है। यदि कोई मंत्र साधना में सिद्धि अर्जित करने के उद्देश्य से साधना करता है तो उसे पूर्णरूप से स्वयं को हनुमान जी के प्रति समर्पित करना होगा। यदि आप दृढ़ संकल्प के साथ पूर्ण विधि और नियमों का पालन करते हुए साधना करते हैं तो साधना में सिद्धि अवश्य ही प्राप्त होती है।


हनुमान साधना मंत्र : –


ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्

अथवा

ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं

वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ।।

हमने आपको हनुमान जी के दो मंत्रो के विषय में जानकारी दी है। इनमें से किसी भी एक मंत्र द्वारा आप अपनी साधना पूर्ण कर सकते है। साधना की विधि और नियम इस प्रकार से हैं।

 

हनुमानजी की साधना विधि 

अपने घर में एक ऐसे कक्ष को चुने जिसमें आपको कोई भी तंग न करें। अब इस कक्ष की अच्छे से साफ-सफाई करें। गोमूत्र और गंगाजल मिलाकर पूरे कमरे में छिड़ककर कमरे को पवित्र कर ले। अब कक्ष में पूर्व दिशा की और एक चौकी पर केसरिया रंग का कपड़ा बिछाकर उस चौकी पर हनुमान जी की प्रतिमा और उनका सिद्ध यंत्र स्थापित करें।

चौकी की बायीं तरफ (ईषान कोण) में एक मिट्टी के कलश में पानी भर कर स्थापना करें। एक पानी वाला नारियल इसके ऊपर लाल कपड़ा लपेटकर इसे पानी के कलश के ऊपर रख दें। स्वयं भी केसरियां रंग के वस्त्र धारण कर चौकी के सामने लाल आसन बिछाकर बैठ जाए। अब धुप-दीपक प्रज्वल्लित करें। इसके बाद दाएं हाथ में थोड़ा जल लेकर इस प्रकार संकल्प करें :- 

हे परमपिता परमेश्वर मैं (अपना नाम बोले) गोत्र (अपना गोत्र बोले) आपकी कृपा से हनुमान जी का ये मंत्र सिद्ध कर रहा हूँ, इसमें मुझे सफलता प्रदान करें। ये कहकर हाथ के जल को नीचे जमीन पर छोड़ दें। 

अब हाथ से तीन बार जमीन को स्पर्श करते हुए 3 बार बोलें –  ॐ श्री विष्णवे नमः  

अब आप दाएं हाथ में गोमुखी (एक विशेष प्रकार की कपड़े की थेली) में रुद्राक्ष की माला लेकर पहले एक माला अपने गुरु के नाम की करें। इसके बाद एक माला गणेश जी के इस मन्त्र की करें : ॐ गं गणपतये नमः ||

ये करने के उपरांत आप भगवान श्री राम का स्मरण करें और अब हनुमान जी के उपरोक्त दो मन्त्रों में से किसी भी एक मंत्र द्वारा मंत्र जप आरंभ कर दे। आरंभ के कुछ दिन आप मन्त्र जप बोल कर करें, बाद में मन ही मानसिक मंत्र का उच्चारण करें। आप अपने सामर्थ्य के अनुसार मंत्र जप की संख्या निर्धारित करें।

इस प्रकार ये मंत्र जप आप लगातार 41 दिनों तक करें। 41 दिन पूर्ण होने पर जितना जप किया है। उसके दस प्रतिशत (दासांश) आहुतियां हनुमान जी के मंत्र की दे। पूरे 41 दिन तक हनुमान जी की चौकी की स्थापना ऐसे ही रहने दे। साधना पूर्ण होने पर नारियल,सिन्दूर को कुछ दक्षिणा के साथ हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा आयें।

साधनकाल के समय प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को चोला अर्पित करें और मंगलवार के दिन जब भी समय मिले सुंदरकांड या हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करें। एक डिब्बी में हनुमान जी के चरणों से सिन्दूर लाकर रख लें। प्रतिदिन साधना शुरू करने से पहले उस सिन्दूर से स्वयं को तिलक करें।


हनुमान साधना के नियम : -

  • साधना में मंत्र जप की संख्या एक समान रखे और प्रतिदिन एक ही समय पर मंत्र जप करें।
  • मन में द्रढ़ संकल्प और हनुमान जी के प्रति आपका समर्पण भाव सच्चा होना चाहिए।
  • पूर्णरूप से साधना काल के समय ब्रह्मचर्य का पालन करें।
  • परस्त्री या लड़की को हवस की नजर से देखना साधना को भंग कर सकता है।
  • हर स्त्री या लड़की में माँ और बहन की नजर से देखने का भाव होना चाहिए।
  • यदि आप विवाहित है तो साधना काल के समय अपनी पत्नी से भी संबंध न बनाए।
  • साधना काल से समय साफ़-सफाई का पूर्ण रूप से ध्यान रखे। स्वयं को स्वच्छ व शुद्ध बनाये रखे।
  • साधना काल के समय नीचे जमीन पर ही सोना चाहिए। व्यर्थ में दूसरों के स्पर्श से बचना चाहिए।
  • साधना करते समय केसरियां रंग के वस्त्र धारण करके ही मन्त्र जप करने चाहिए।

 

मंत्र साधना के नियम

इस प्रकार विधि-विधान के अनुसार हनुमान जी की साधना को पूर्ण करते है तो आपकी हर मनोकामना पूर्ण होती है। हर संकट दूर होते है और मंत्र की सिद्धि प्राप्त होती है।हनुमानजी की साधना में यदि आप अपने गले में सिद्ध हनुमान तावीज को धारण करके साधना करते है तो इसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए पहले गले में सिद्ध हनुमान यन्त्र तावीज धारण करें और फिर हनुमानजी की साधना आरंभ करें।

Created On :   18 Dec 2018 7:59 AM GMT

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