फाल्गुन पूर्णिमा व्रत आज, जानें महिमा एवं मुहूर्त

Learn the Social and Cultural Importance of Falgun Full Moon
फाल्गुन पूर्णिमा व्रत आज, जानें महिमा एवं मुहूर्त
फाल्गुन पूर्णिमा व्रत आज, जानें महिमा एवं मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में फाल्गुन पूर्णिमा का धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। इस दिन सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखने से जातक कष्टों से मुक्त होता है और उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा भी होती है। वहीं इस तिथि को होलीका दहन किया जाता है। फाल्गुन माह में आने वाली पूर्णिमा तिथि को फाल्गुन पूर्णिमा कहा जाता है। आइए जानते हैं इस बार फाल्गुन पूर्णिमा कब से कब तक रहेगी। 

कब से कब तक?

. 20 मार्च 2019 को प्रातः 9:44 से आरम्भ ।  

. 21 मार्च 2019 को रात्रि 19:28 पर पूर्णिमा समाप्त।

व्रत और पूजा विधि

हर माह की पूर्णिमा पर उपवास और पूजन की परंपरा लगभग समान है। फाल्गुन पूर्णिमा पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा की जाती है।

होलिका दहन का धार्मिक महत्व और नियम

1- पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करें और व्रत का संकल्प करें।

2- प्रातः सूर्योदय से लेकर सांध्य काल में चंद्र दर्शन तक व्रत रखें। रात्रि में चंद्रमा की पूजा करें।

3- इस दिन स्नान, दान और भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें।

4- नारद पुराण के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को लकड़ी व उपलों को एकत्रित कर हवन करें। हवन के बाद विधिपूर्वक होलिका पर लकड़ी और उपलों को डालकर उसे जला दें।

5- होलिका की परिक्रमा करते हुए हर्ष और उत्सव मनाएं।

6- होलिका दहन के समय भगवान विष्णु व भक्त प्रह्लाद का स्मरण करना चाहिए। होलिकादहन के साथ ही होलाष्टक भी समाप्त हो जातें हैं।  

फाल्गुन पूर्णिमा की संक्षेप में कथा
नारद पुराण में फाल्गुन पूर्णिमा को लेकर एक कथा है। यह कथा राक्षस हरिण्यकश्यपु और उसकी बहन होलिका की है। राक्षसी होलिका भगवान विष्णु के परम भक्त और हरिण्यकश्यपु के पुत्र प्रह्लाद की हत्या करने के लिए अग्नि स्नान करने बैठी थी लेकिन ईश्वर की कृपा से भक्त प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका स्वयं ही अग्नि में भस्म हो गई। पुराणिक काल से ही यह मान्यता है कि फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लकड़ी व उपलों से होलिका का निर्माण करना चाहिए और शुभ मुहूर्त में विधि विधान से होलिका दहन करना चाहिए।
 

Created On :   11 March 2019 9:49 AM GMT

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