साढ़े 3 हजार रुपए में महीने भर तक भरपेट भोजन नहीं कर पा रहे आदिवासी छात्र, DBT के विरोध में लगे नारे

Legislators demanded cancellation of DBT,  tribal students cant fulfill their food needs
साढ़े 3 हजार रुपए में महीने भर तक भरपेट भोजन नहीं कर पा रहे आदिवासी छात्र, DBT के विरोध में लगे नारे
साढ़े 3 हजार रुपए में महीने भर तक भरपेट भोजन नहीं कर पा रहे आदिवासी छात्र, DBT के विरोध में लगे नारे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। साढ़े 3 हजार रुपए में महीनेभर तक आदिवासी विद्यार्थी एक टाइम नाश्ता और दो टाइम खाना कैसे करेगा। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के विधायक सरस सोनोने के नेतृत्व में विधायकों ने डीबीटी रद्द करने की मांग की। इस मौके पर विधायकों ने कहा कि शासकीय आदिवासी होस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों को सरकार ने राशि देने का ऐलान किया था। इसमें आदिवासी विद्यार्थियों को महीने भर तक एक टाइम नाश्ता और दो टाइम भोजन करना होगा। लेकिन महंगाई के इस दौर में इतने कम पैसों में एक टाइम नाश्ता और दो टाइम भोजन करना मुश्किल है। 

सरकार ने योजना को डीबीटी (डायरेक्ट बेनेफिशयरी ट्रांसफर) का नाम दिया है। क्योंकि यह रकम सीधे विद्यार्थी के बैंक खाते में जमा होती है। विधायकों ने इसे तुरंत रद्द करते हुए पहले की योजना को शुरू करने की मांग की है। पहले आदिवासी होस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों को एक टाइम नाश्ता और दो वक्त खाना मिलता था। हालांकि इसका खर्च सरकार उठाती थी। जबकि डीबीटी लागू होने से और केवल 35000 रुपए खातों में रकम आ रही है। इस रकम से नाश्ता और दो टाइम भोजन करना मुश्किल हो रहा है। 

विधानसभा परिसर में इसे रद्द करने के लिए विधायक शरद सोनोने ने मांग उठाई। तो विधायक प्रकाश सुर्वे तुकाराम काते ने भी इसका समर्थन किया। विधायकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए डीबीटी रद्द करने की मांग की। विधायकों ने नारे लगाए, साथ ही हाथ में तख्तियां पकड़ी थी। जिस पर लिखा था शासकीय आदिवासी विद्यार्थी गृह में डीबीटी रद्द करो। नारेबाजी लगते ही विधायक वारिस पठान और इम्तियाज अली ने भी समर्थन किया। दोनों विधायकों ने कहा कि सरकार द्वारा केवल दी जा रही रकम से भोजन करना संभव नहीं है। पहले की तरह छात्रावास से ही विद्यार्थियों को नाश्ते और भोजन की सुविधा मिलनी चाहिए।

Created On :   17 July 2018 9:18 AM GMT

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