बाथरूम में तेंदुए को देख उड़े होश, ट्रैंक्यूलाइज कर निकाला बाहर

leopard entered in the bathroom of a house near higna nagpur
बाथरूम में तेंदुए को देख उड़े होश, ट्रैंक्यूलाइज कर निकाला बाहर
बाथरूम में तेंदुए को देख उड़े होश, ट्रैंक्यूलाइज कर निकाला बाहर

डिजिटल डेस्क,  हिंगना। नागपुर के हिंगना स्थित लता मंगेशकर अस्पताल के पास एक मकान के बाथरूम में तेंदुए के घुस जाने से लोगों के होश उड़ गए। अमरावती रेस्क्यू टीम ने ‘ऑपरेशन तेंदुआ’ शुरू किया। स्टिक से इंजेक्शन देकर तेंदुए को बेहोश किया गया, तब कहीं जाकर करीब 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तेंदुआ पकड़ा गया। वन विभाग के अधिकारी तेंदुए को अपने साथ ले गए।  

 

काफी देर तक बैठा था छत पर

सूत्रों के अनुसार, हिंगना स्थित लता मंगेशकर अस्पताल के पास पुलिस नगर में एक तेंदुआ, सॉफ्टवेयर कंपनी में कार्यरत ए.जी. बायस्कर के पड़ोस में काफी समय से बंद पड़े मकान की छत पर बैठा था। शौच के लिए जा रहे एक युवक ने सुबह करीब 8 बजे तेंदुए को छत पर देखा। घटनास्थल पर मौजूद कुछ लोगों का कहना था कि रविवार तड़के करीब 5.30 बजे परिसर में श्वानों की काफी तेज भौंकने की आवाजें सुनाई दी थी। करीब 8 बजे बायस्कर के मकान में तेंदुए के घुसने की जानकारी मिली। उसे देखने के लिए आस-पास की बस्तियों के लोग बड़ी संख्या में जमा हो गए।

 

 

तेंदुआ बायस्कर के बाथरूम में बैठा था। हो-हल्ला के बाद भी जब टस से मस नहीं हुआ, तो बायस्कर परिवार घर से बाहर आ गया। पुलिस और वन विभाग काे सूचना दी गई। करीब आधा घंटे बाद घटनास्थल पर वन अधिकारी व पुलिस विभाग का दल पहुंचा। तेंदुआ बाथरूम में ऐसी जगह बैठा था कि वहां पर न तो पिंजरा लगाया जा सकता था और न ही कोई जाल फेंका जा सकता था। वन विभाग के अधिकारियों ने दो बार उसे इंजेक्ट करने का प्रयास किया, लेकिन असफल रहे। काफी देर बाद सफलता मिली और उसे बेहोश कर पकड़ लिया गया। एमआईडीसी के थानेदार सुनील महाडिक ने बताया कि तेंदुए को वन विभाग के अधिकारी- कर्मचारी अपने साथ लेकर चले गए।

 

शोरगुल सुनकर नहीं निकल रहा था बाहर

बाथरूम के बाहर शोरगुल अधिक होने के कारण तेंदुआ बाहर नहीं निकल रहा था। वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों ने बाथरुम की खिड़की से स्टिक के जरिए इंजेक्शन देकर उसे बेहोश किया। शाम करीब 4.40 बजे तेंदुए को बाहर निकाला गया। पुलिस और वन विभाग का ‘ऑपरेशन तेंदुआ’ सुबह 8.30 से शाम 4.40 बजे तक चला। यह तेंदुआ जिस बस्ती पुलिसनगर में घुसा था वह बस्ती काफी घनी है। इस परिसर से  कुछ ही दूरी पर हिंगना वन परिक्षेत्र अंतर्गत आने वाला झिल्पी का जंगल है। 

 

शिकार की तलाश में बस्ती तक पहुंचा तेंदुआ

वन विभाग के अधिकारियों द्वारा कयास लगाया जा रहा है कि संभवत: यह तेंदुआ शिकार की तलाश में राह भटकर बस्ती की ओर आ गया। श्वानों के शोरगुल से यह मकान को सुरक्षित जगह मानकर वहां छुप गया होगा। वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बाथरूम के पास पिंजरा या जाल नहीं लगाया जा सकता था,  स्टिक के जरिए इंजेक्शन दिया गया। कुछ वर्ष पहले बेसा के बेलाहरि गांव में इसी तरह एक मकान में तेंदुआ घुसा था। नागपुर के आस-पास के जंगलों के पास सीमेंट के बढ़ते मकान, फार्महाउस, रो हाउस के निर्माणकार्य जंगली जानवरों के भटकाव का कारण बन रहे हैं।

Created On :   16 April 2018 6:46 AM GMT

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