रिश्वत लेते क्लर्क गिरफ्तार, विभागीय कर्मी से जीपीएफ की राशि निकालने मांगे थे रुपये

Lokayukta jabalpur arrested clerk for taking bribe
रिश्वत लेते क्लर्क गिरफ्तार, विभागीय कर्मी से जीपीएफ की राशि निकालने मांगे थे रुपये
रिश्वत लेते क्लर्क गिरफ्तार, विभागीय कर्मी से जीपीएफ की राशि निकालने मांगे थे रुपये

डिजिटल डेस्क, कटनी। लोकायुक्त जबलपुर की टीम ने लोक निर्माण विभाग के कर्मचारी से तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लिपिक अनिल पाठक को गिरफ्तार किया है। लोकायुक्त ने यह कार्यवाही मंगलवार दोपहर लगभग एक बजे लोक निर्माण विभाग ई एंड एम के जबलपुर स्थित कार्यालय में की है। 

परेशान कर रहा था लिपिक

लोकायुक्त डीएसपी जे.पी.वर्मा ने बताया किउप संभाग कटनी में पदस्थ  इलेक्ट्रिक हेल्पर राजकुमार भूमिया ने जीपीएफ से एक लाख रुपये की राशि निकालने के लिए आवेदन दिया था। उक्त राशि निकालने के एवज में कार्यपालन यंत्री लोक निर्माण विभाग ई एंड एम कार्यालय जबलपुर में पदस्थ सहायक ग्रेड 3 अनिल पाठक द्वारा तीन हजार रुपये की मांग की गई। इलेक्ट्रिक हेल्पर राजकुमार भूमिया इसकी शिकायत लोकायुक्त एसपी जबलपुर से की। शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त एसपी जबलपुर अनिल विश्वकर्मा ने टीम गठित कर कार्यवाही के निर्देश दिए। मंगलवार दोपहर एक बजे सहायक ग्रेड 3 अनिल पाठक ने जबलपुर स्थित कार्यालय में जैसे ही रिश्वत की रकम ली टीम ने उसे धर दबोचा। लोकायुक्त टीम ने आरोपी लिपिक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया। लोकायुक्त की इस कार्यवाही से लोक निर्माण विभाग में हड़कम्प मच गया। टीम में डीएसपी जे.पी. वर्मा सहित निरीक्षक मंजू किरण तिर्की, आरक्षक दिनेश दुबे, अमित गावड़े, शरद पांडेय, आरक्षक चालक जीत सिंह शामिल थे।

मकान बेचने के नाम पर 35 लाख की धोखाधड़ी

माधवनगर थाना क्षेत्र में धोखाधड़ी करने वाले आरोपी के विरुद्ध शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला कायम किया है। आरोपी ने मकान बेचने के नाम पर रुपए लिए थे लेकिन बाद में सौदे से मुकर गया था। लंबा समय गुजरने के बाद भी जब आरोपी ने न तो मकान दिया न ही रुपए वापस किए तो मामला थाने की चौखट चढ़ गया। जानकारी अनुसार माधवनगर थानांतर्गत निवासी देवेंंद्र मंगलानी के मकान में विकास अग्रवाल किराए से रहता था। जनवरी वर्ष 2018 में विकास अग्रवाल व देवेंद्र मंगलानी के बीच में मकान खरीदने का सौदा हुआ। मकान की कीमत तय होने के बाद विकास अग्रवाल ने अपने बैंक खाते से देंवेंद्र मंगलानी के खाते में 35 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। कुछ दिनों तक तो देवेंद्र मंगलानी मकान की रजिस्ट्री कराने में आज-कल करता रहा और उसके बाद वह मकान विक्रय करने से मुकर गया। आरोपी ने रुपए लेने की बात से भी पल्ला झाड़ लिया। धोखाधड़ी का शिकार हुए विकास अग्रवाल ने मामले की शिकायत थाने में की जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 420 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया है।

Created On :   27 Aug 2019 2:13 PM GMT

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