उत्तराखंड में कमरे में मिला डायनासोर की तरह दिखने वाला कंकाल

look like Dinosaur skeleton found in a closed room in Uttarakhand
उत्तराखंड में कमरे में मिला डायनासोर की तरह दिखने वाला कंकाल
उत्तराखंड में कमरे में मिला डायनासोर की तरह दिखने वाला कंकाल

डिजिटल डेस्क, देहरादून। डायनासोर को लेकर कई कहानियां हैं। इन पर फिल्में भी वक्त-वक्त पर बनती रहीं हैं, और इन पर होने वाली रिसर्च में डायनासर के अवषेश मिले हैं, जोकि दावा करते है कि एक समय ऐसा भी था जब मानव की जगह धरती पर केवल डायनासोर हुआ करते हैं। अब एक बार फिर डायनासोर के धरती पर होने के सबूत मिले हैं, वो भी भारत में। देश के उत्तराखंड राज्य के जसपुर में बिजली घर के बंद कमरे से डायनासोर के बच्चे जैसा कंकाल मिला है। बिजली घर का ये कमरा पिछले 12 सालों से बंद पड़ा था और जब सफाई के लिए इसे खोला गया तो कंकाल एक बिजली उपकरण के नीचे दबा मिला। कंकाल की लंबाई 2 फीट से ज्यादा है, जबकि पूंछ की लंबाई करीब 29 सेमी है। वन विभाग के अफसरों के मुताबिक उन्होंने आज तक इस तरह का कंकाल नहीं देखा है। दिखने में ये बिल्कुल डायनासोर के बच्चे जैसा ही लग रहा है। इस कंकाल को किसी अन्य जानवार से तुलना करने पर भी ये समझ पाना मुश्किल है कि अगर ये डायनासोर का नहीं है तो ये और किस जानवार का हो सकता है?

जांच के लिए कंकाल को FRI देहरादून की लैब में भेजा जाएगा। जसपुर बिजलीघर में करीब 12 साल से बंद एसडीओ के कमरे की रविवार को सफाई की जा रही थी। सफाई कर रहे युवक जावेद को कबाड़ निकालने के दौरान एक बिजली उपकरण के नीचे कंकाल नजर आया। पूरा कंकाल निकाला गया तो वो डायनासोर के बच्चे जैसा नजर आया। उसने इसकी सूचना बिजली कर्मियों बलराम, नपेंद्र, हरजीत को दी। कंकाल को देखकर हैरान रह गए बिजली कर्मियों ने तत्काल पुलिस और वन विभाग को बुला लिया।

वन विभाग कर्मचारियों ने कंकाल की छानबीन के बाद इसे अपने कब्जे में ले लिया। कंकाल 2 फीट से अधिक लंबा है वन कर्मियों के सामने पुलिस ने कंकाल की नपाई की। कंकाल का जबड़ा 9 सेमी, पूंछ 28 सेमी, धड़ 28 सेमी, गर्दन 5 सेमी, मुंह 8 सेमी, पिछली टांगें 29 सेमी, अगली टांगें 14 सेंटीमीटर लंबी हैं। कंकाल पतरामपुर सेक्शन के वन दरोगा अनिल चौहान ने बताया कि वो वन विभाग में 39 साल से नौकरी कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा कंकाल पहली बार देखा है।

डायनासोर विलुप्त हो चुके हैं। इसे डायनासोर तो नहीं कह सकते लेकिन उत्तराखंड के जंगलों में इस आकृति का कोई भी जीव नहीं पाया जाता। कंकाल की पूंछ संदेह पैदा कर रही है। यह किसी पक्षी प्रजाति का भी हो सकता है। कंकाल की कार्बन डेटिंग के सहारे जांच की जाएग।

भारत में पहले भी मिल चुके हैं डायनोसोर के सबूत

-ये पहली बार नहीं है जब डायनासोर के कंकाल भारत में मिला है इससे पहले भी गुजरात के कच्छ में 15 करोड़ साल पुराने डायनासोर के अवशेष पाए गए थे।

-कच्छ के अलावा जैसलमेर में भी डायनासोरों की उपस्थिति रहने की जानकारी मिली थी। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के भूगर्भशास्त्र विभाग एवं प्राणी विज्ञान विभाग के वैज्ञानिकों ने थार की भूमि पर डायनासोर के पैरों के निशान खोज निकाले गए हैं। वैज्ञानिकों ने जैसलमेर जिले के थईयात क्षेत्र में मध्य जुरासिक काल के यूब्रोंटस ग्लेनरोसेंसिस कहे जाने वाले ।

Created On :   20 Nov 2017 4:19 AM GMT

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