गणपति बप्पा ने क्याें लिए ये 5 अवतार, यहां जानें...

Lord Ganesha has taken five avatars To destroy monsters, read
गणपति बप्पा ने क्याें लिए ये 5 अवतार, यहां जानें...
गणपति बप्पा ने क्याें लिए ये 5 अवतार, यहां जानें...

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गणपति बप्पा बुद्धि के देव और सबके कष्ट हरने वाले हैं। उनके अनेक रूपों का वर्णन हमें गणेश पुराण मिलता है यहां हम आपको उनके पांच रूपों के बारे में बताने जा रहे हैं। 


वक्रतुंड
राक्षस मत्सरासुर के दमन के लिए वक्रतुंड का अवतार हुआ था। मत्सरासुर शिव भक्त था जिसके बाद उसने शिव की उपासना करके वरदान पा लिया था। देवता लगातार उसके अत्याचारों से परेशान होने लगे। इसके बाद शिव के कहने पर उन्होंने गणपति की आराधना की और बप्पा ने वक्रतुंड अवतार लेकर उसका संहार किया। गणपति के इस अवतार की अत्यंत ही रोचक कथा पढ़ने मिलती है। 

 

एकदंत 
महर्षि च्यवन अत्यंत ही शक्तिशाली थे। उन्होंने अपने तपोबल से मद की रचना की। वह उनका पुत्र कहलाया। बाद में उसने दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य से दीक्षा प्राप्त की। शुक्राचार्य ने उसे हर तरह की विद्या सिखाई। इससे वह भी अत्यधिक बलवान हो गया। देवताओं पर अत्चार बढ़ गए। इसके बाद उन्होंने गणपति की आराधना की। बप्पा ने एकदंत स्वरूप धारण कर उसे पराजित किया। इस रुप में बप्पा का एक दांत बड़ पेट है वे हाथ में पाश व परशु लिए हुए हैं।  


गजानन
धनकुबेर माता पार्वती और शिव दर्शनों के लिए एक बार कैलाश पहुंचा। पार्वती को देख कुबेर के मन में काम लोभ आ गया। जिससे लोभासुर ने जन्म लिया। वह भी शुक्राचार्य की शरण में पहुंचा। जहां उसे शिव से शक्ति प्राप्त करने का ज्ञान मिला। उसने शिव का तप किया और उन्हें प्रसन्न कर वरदान प्राप्त कर लिया। इसके बाद उसने सभी लोकों पर आधिपत्य जमा लिया। फिर देवगुरू के कहने पर गणेश की उपासन की गई। इसके बाद बप्पा ने गजान रूप में उसे पराजित किया। 
 

लंबोदर
लंबा है उदर जिसका अर्थात लंबोदर। क्रोधासुर सूर्य का उपासक था। उसने भी अन्य दैत्यों की भांति वरदान प्राप्त कर लिया। इसके बाद वह ब्रम्हांड जीतने निकल पड़ा। जिससे देवता भयभीत हो गए, किंतु गणपति ने उसे रोक लिया। उनके इस रूप को लंबोदर कहा गया। उन्होंने क्राेधासुर के अंदर भक्ति जाग्रत की और वह सबकुछ छोड़कर पाताल की ओर प्रस्थान कर गया। 

इसके अतिरिक्त भी बप्पा को हम अनेक नामों से जानते हैं जैसे विनायक, विकट, संकटहर्ता, दुखभंजन इत्यादि।

Created On :   20 Dec 2017 1:04 AM GMT

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