पीठ से सुनाई देता है समुद्र घोष, देखें तिरुपति बालाजी का दुर्लभ VIDEO
By - Bhaskar Hindi |10 Oct 2017 2:28 AM GMT
पीठ से सुनाई देता है समुद्र घोष, देखें तिरुपति बालाजी का दुर्लभ VIDEO
डिजिटल डेस्क, तिरूमला। दक्षिण भारत में स्थित भगवान तिरुपति बालाजी का विश्व प्रसिद्ध मंदिर अपने आप में अनोखा एवं अद्भुत है। ये जितना रहस्यात्मक है, उतनी ही मान्यताएं भी इसके साथ जुड़ी हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर में मन्नत पूरी होने के बाद बाल दान किए जाते हैं, जिसकी वजह से इसका नाम बालाजी पड़ा है।
मंत्रों के बीच स्नान
इस वीडियो में भगवान बालाजी के केसर स्नान के दर्शन कराने जा रहे हैं। भगवान विष्णु के इस स्नान की विधि अत्यंत कठिन है। जिसे मंत्रों के बीच संपन्न किया जाता है। इस स्नान पूजन के दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी ही यहां मौजूद रहते हैं। कहा जाता है कि इस विधि के दौरान बालाजी भगवान के दर्शन करना अति दुर्लभ क्षण है।
जुड़ी हैं मान्यताएं
- ऐसी मान्यता है कि तिरुमला में बालाजी अपनी पत्नी पद्मावती सहित निवास करते हैं।
- आश्चर्यचकित करने वाली बात तो यह है कि बालाजी महाराज मंदिर में दाहिने कोने में खड़े हैं, लेकिन उन्हें देख कर ऐसा लगता है मानों वे गर्भगृह के मध्य भाग में खड़े हों।
- बालाजी महाराज की मूर्ति की पीठ पर कान लगाकर सुनने से समुद्र घोष सुनाई देता है और उनकी पीठ को चाहे जितनी बार भी क्यों न साफ कर लिया जाए वहां बार बार गीलापन आ जाता है।
- तिरुपति मंदिर के मुख्य द्वार के दाहिने आेर एक छड़ी है। कहा जाता है कि इसी छड़ी से बालाजी की बाल रूप में पिटाई हुई थी, जिसके चलते उनकी ठोड़ी पर चोट आई थी।
- मान्यता है कि बालरूप में एक बार बालाजी को ठोड़ी से रक्त आया था। इसके बाद से ही बालाजी की प्रतीमा की ठोड़ी पर चंदन लगाने का चलन शुरू हुआ।
- तिरुपति बालाजी मंदिर में बालाजी महाराज को रोजाना धोती और साड़ी से सजाया जाता है।
- इस वर्ष 31 अक्टूबर को देव प्रबोधिनी एकादशी है, कहते हैं इस दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं और सारे शुभ काम शुरू होते हैं। हालांकि इस वर्ष गुरू व शुक्र अस्त होने के कारण शुभ कार्यों के प्रारंभ होने में विलंब होगा, किंतु इससे पूर्व यहां हम आपको इस वीडियो के जरिए बालाजी के दुर्लभ दर्शन कराने जा रहे हैं।
Created On :   10 Oct 2017 6:57 AM GMT
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