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लखनऊ: पासपोर्ट विवाद में हिंदू-मुस्लिम कपल को मिली क्लीन चिट
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले 14 दिनों से चले आ रहे पासपोर्ट विवाद का अंत हो गया है। हिंदू-मुस्लिम कपल तन्वी सेठ और मोहम्मद अनस सिद्दीकी को लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय ने विदेश मंत्रालय के नए नियमों के तहत पासपोर्ट जारी कर दिए हैं। क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा के मुताबिक पुलिस के द्वारा तन्वी व अनस के पते का सत्यापन न होना कोई प्रतिकूल प्रकरण नहीं पाया गया है। उन्होंने कहा कि नई व्यवस्था के तहत अब पासपोर्ट बनाने के लिए सिर्फ दो सूचनाओं का सत्यापन होना जरूरी है।
- पहला आवेदक की नागरिकता
- दूसरा आवेदक पर कोई क्रिमिनल केस न हो।
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, तन्वी और अनस भारत के नागरिक हैं और दोनों पर कोई आपराधिक केस दर्ज नहीं है। दोनों ही लखनऊ व नोएडा में रह चुके हैं। ऐसे में पुलिस ने पते पर न रहने की जो प्रतिकूल रिपोर्ट फाइल की, उसके आधार पर पासपोर्ट निरस्त नहीं किया जाएगा। कपल के खिलाफ न ही कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय ने तन्वी व अनस को पासपोर्ट देना सही माना है। इसके लिए आधार कार्ड व बैंक की पासबुक को प्रामाणिक माना है।
पासपोर्ट अधिकारी गलत साबित हुआ
पुलिस ने बताया कि दोनों के आधार कार्ड एवं पासबुक सत्यापन में सही पाए गए हैं। आवेदक आधार कार्ड दस्तावेज के रूप में अटैच करके पासपोर्ट हासिल कर सकता है। वहीं आंतरिक जांच में पाया गया है कि दंपती से धर्म के बारे में अप्रासंगिक सवाल पूछने वाला लखनऊ का पासपोर्ट अधिकारी गलत था। बता दें, नोएडा की रहने वाली तन्वी सेठ अपना पासपोर्ट बनवाने उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पासपोर्ट सेवा केंद्र पहुंची थी। इस दौरान तन्वी ने पासपोर्ट अधीक्षक विकास मिश्रा पर धर्म के नाम पर उन्हें अपमानित करने का आरोप लगाया था।
ट्रोलर्स ने सुषमा स्वराज पर साधा था निशाना
यह मामला गरमाने के बाद से ही ट्विटर पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ट्रोल किया जाने लगा था। सुषमा स्वराज को लेकर कई तरह के ट्वीट किए गए, जिसमें अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा था। विवाद बढ़ता देख 10 दिन बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सुषमा स्वराज का बचाव भी किया था।
Created On :   4 July 2018 4:25 PM GMT