विदेशों में भी हैं 'मां बिरासिनी देवी' के भक्त, जल रहे हैं 15 हजार ज्योति कलश

Maa birasini devis Bhakt have in all world, see all pics of devi maa
विदेशों में भी हैं 'मां बिरासिनी देवी' के भक्त, जल रहे हैं 15 हजार ज्योति कलश
विदेशों में भी हैं 'मां बिरासिनी देवी' के भक्त, जल रहे हैं 15 हजार ज्योति कलश

डिजिटल डेस्क चंदिया उमरिया । विंध्य में मैहर के बाद माता शक्ति के रूपों में प्रसिद्ध मां बिरासिनी की ख्याति भारत ही नहीं वरन शक्तिशाली देश अमेरिका तक पहुंच चुकी है। एक दो नहीं बल्कि हर साल अप्रवासी माता के दरबार में कलश जला रहे हैं। खासकर चैत्र नवरात्र में यहां शक्ति की भक्ति चरम पर है। अभी तक मंदिर में 15 हजार 175 जवारा कलश बोये जा चुके हैं। सात दिनों के भीतर नगर में 70 हजार श्रद्धालु माता के दर्शन कर चुके हैं। आज अष्टमी में 10-15 हजार लोगों के पहुंचने की तैयारी है।
महिसासुर मर्दनी रूप में विराजी मां बिरासनी देवी की आदमकद प्रतिमा पूरे मध्यप्रदेश में विरले है। प्रबंध समिति के मुताबिक नवरात्र बैठकी से पंचमी तक 15,175 कलश स्थापित हुये हैं, जो कि पिछले वर्ष से ज्यादा हैं। पंजीयन शुल्क के माध्यम से 19 लाख 6237 रुपए की राजस्व आय शासन को मिल चुकी है । यही नहीं चढ़ावे तथा दानपेटी खुलने पर यह आंकड़ा 50-60 लाख रुपए तक जा सकता है।
माता बनी रक्षा कवच, तब से चल रहा आजीवन कलश
यूं तो बिरासिनी माता का जवारा जुलूस पूरे मध्यप्रदेश में प्रसिद्ध है लेकिन बीते कुछ सालों से जवारा कलश में विदेश के लोग भी आस्था दिखा रहे हैं। पुजारी पं. मूलशंकर गौतम बताते हैं अमेरिका में रह रहे ऋषि मेहता पत्नी रितु मेहता पिछले 3-4 साल से आजीवन घी कलश जलवा रहे हैं। मेहता दंपति की मन्नत माता के दरबार से पूर्ण हुई थी। इसके अलावा महानगर कलकत्ता, मुंबई, उत्तरप्रदेश, कर्नाटक, बिजनौर राजस्थान सहित अन्य बड़े प्रदेश के लोग आस्था का दीप जलाने यहां पहुंचते हैं।
नवाचार ने दिलाया रोजगार
जिले में चैत्र की नवरात्री बिरासिनी मंदिर में विशेष रहती है। इसे खास बनाने के लिए प्रबंध समिति द्वारा इस बार नवाचार किये गये हैं। प्रतिदिन अलग-अलग मीनू के हिसाब से माता को भोग लगाकर विशाल भण्डारा बांटा जा रहा है। भण्डारे की खास बात यह भी है कि प्रसाद वितरण के साथ आदिवासी गांव के दो दर्जन ग्रामीणों को रोजगार मिला है। प्रसाद वितरण के लिए सुंदरी, तिवनी, सुंदरदादर गांव से दोना पत्ता मंगवाया गया है। समूह के माध्यम से प्रतिदिन खपत होने वाले पत्तों से लोग रोजगार पा रहे हैं। औसतन 6-8 हजार लोग प्रतिदिन माता का प्रसाद गृहण करते हैं। यही नहीं माता के दर्शन के लिए शिशुवती महिलाओं के लिए दुग्ध पान की अलग से व्यवस्था है। शुद्ध व गर्म दूध बच्चों को वितरित करने के लिए नि:शुल्क बांटा रहा है।
इनका कहना है
इस बार नवाचार करते हुए नौ दिनों तक भण्डारा व बच्चों को दुग्ध पान की व्यवस्था कराई गई है। मंदिर में हर साल अप्रवासी भारतीय के कलश जलाये जाते हैं। पूरी प्राक्रिया पारदर्शी तरीके से संचालित है।
आरबी देवांगन, तहसीलदार व सदस्य प्रबंध समिति बिरसिंहपुर पाली।

 

Created On :   24 March 2018 12:32 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story