MP : विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु, नीलांशु चतुर्वेदी की शपथ के बाद लगे 'जय श्रीराम' के नारे

Madhya Pradesh Assembly  winter session started Today
MP : विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु, नीलांशु चतुर्वेदी की शपथ के बाद लगे 'जय श्रीराम' के नारे
MP : विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरु, नीलांशु चतुर्वेदी की शपथ के बाद लगे 'जय श्रीराम' के नारे

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र सोमवार को राष्ट्रगीत वन्दे मातरम के साथ शुरु हुआ। इसके बाद सतना जिले की चित्रकूट विधानसभा से निर्वाचित कांग्रेस विधायक नीलांशु चतुर्वेदी ने विधानसभा की सदस्यता की शपथ ग्रहण की और सदस्यों की नामावली में हस्ताक्षर करने के बाद अपना स्थान ग्रहण किया। शपथ लेने के बाद सदन में कांग्रेस पक्ष ने "जय-जय श्रीराम" के नारे लगाए। इसके बाद निधन उल्लेख हुआ जिसमें पक्ष एवं विपक्ष के सदस्यों ने अपनी बात रखी तथा अंत में स्पीकर सीतासरन शर्मा ने दो मिनट मौन रखवाया और शोकस्वरुप दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सोमवार को सदन की कार्यवाही मात्र एक घंटा दो मिनट ही चली

दिवंगत व्यक्तिओं को श्रद्धांजलि
निधन उल्लेख के अंतर्गत स्पीकर ने 17 दिवंगत व्यक्तियों के नामों का उल्लेख किया। इनमें शामिल थे विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा, राम सिंह यादव, पूर्व विधायक प्रभुदयाल गेहलोत, शालिग्राम श्रीवास्तव, रामरतन चतुर्वेदी, रामखेलावन, धनसुखलाल भाचावत, विजय नारायण राय, रतन सिंह भावर, पूर्व केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम लाल कौशिक, संतोष मोहन देव, प्रियरंजन दास मुंशी, माखनलाल फोतेदार, पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सुल्तान अहमद, सांवरलाल जाट, तसलीम उद्दीन तथा भारतीय वायु सेना के पूर्व एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह।

सीएम शिवराज रहे अनुपस्थित
सत्तापक्ष की ओर से मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि वर्तमान विधानसभा के सदस्य महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा और राम सिंह यादव के साथ-साथ अन्य जिन महानुभावों के निधन का अध्यक्ष ने उल्लेख किया है, उनका निधन वास्तव में समाज,प्रदेश और देश के लिए क्षति है। कालूखेड़ा जी इस सदन के वरिष्ठ सदस्य थे। उन्होंने छह बार विधानसभा में अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। वे मेरे एक अच्छे मित्र थे। उन्होंने प्रदेश के विभिन्न निगम, मंडलों में अपने कार्यकाल के दौरान एक सुदृढ़ प्रशासनिक दृष्टिकोण के साथ अनेक लोक हितकारी निर्णय लिए। मिलनसार व्यक्ति होने के साथ-साथ जनसामान्य के कल्याण के लिए भी वे सदैव मुखर रहे।

कालूखेड़ा अनेक खेल संघों, सामाजिक संगठनों से भी संबध्द रहे। यह भी कहा जा सकता है कि वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। विधानसभा में अनेक समितियों में अपने सभापतित्वकाल में उन्होंने अत्यंत परिश्रम से कार्य करते हुए अपनी एक अमिट छाप छोड़ी थी। यहां तक कि जब उन्हें हृदयाघात हुआ तब वे लोक लेखा समिति की बैठक में भोपाल आए हुए थे। ऐसे बहुमुखी प्रतिभा के धनी कालूखेड़ा जी के निधन से निश्चित रुप से एक शून्य पैदा हुआ है। वे स्वयं के साथ-साथ अपने दल की ओर से श्रध्दासुमन अर्पित करते हैं।

नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि महेंद्र सिंह कालूखेड़ा जो हर सत्र में यहीं पर उपस्थित रहते थे, आज उनके ना रहने पर कांग्रेस पार्टी और प्रदेश के तमाम किसान जो दूध उत्पादन से जुड़े थे। उनके ना रहने पर अति क्षति हुई है। महेंद्र सिंह कालूखेड़ा कांग्रेस विधायल दल के एक प्रथम विधायक थे और उनका योगदान समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए रहता था और वह निरंतर किसानों की भलाई के लिए अपनी बात सदन के अंदर और सदन के बाहर रखते थे। बहुत ही कम उम्र में वह आज हमारे बीच में नहीं हैं, मैं सदन की तरफ से और कांग्रेस विधायक दल की तरफ से उनके ना रहने पर जो क्षति हुई है, उस पर संवेदना व्यक्त करता हूं। राम सिंह यादव का जन्म 1 जनवरी 1943 में शिवपुरी में हुआ वह भी हमारे कांग्रेस विधायक दल के वर्तमान सदस्य थे, एक सरपंच के पद से उन्होंने राजीति की शुरूआत की थी। फिर विधानसभा के सदस्य के रूप में वह यहां उपस्थित हुए और 14वीं विधानसभा में हमारी पार्टी के ही विधायक थे। वह भी आज हमारे बीच में नहीं हैं उनकी कमी हम सबको महसूस हो रही है।

इसके बाद बसपा विधायक सत्यप्रकाश सखवार ने कहा कि कालूखेड़ा एवं यादव एवं अन्य महानुभवों के चले जाने के कारण इनके परिवारजनों को गहरा दु:ख हुआ है, हम सबको भी गहरा दु:ख हुआ है। यह प्रकृति का नियम है कि इस परिवर्तनशील संसार में जो भी आया है उसे जाना पड़ता है। इस संसार में कोई भी अजर-अमर नहीं है। संयोग कितना भी लम्बा क्यों न हो, एक दिन वियोग में बदलता है और वियोग दु:ख का कारण है। इसलिए इन विभूतियों के हमारे बीच से चले जाने से उनके परिवारजनों के साथ हम सभी भी को बहुत दु:ख हुआ है। इन्होंने अपने सामाजिक जीवन में राजनीतिक जीवन में बहुत गहरी छाप छोड़ी थी और अपने कर्तव्य के बल पर उन्होंने इतिहास के पन्नों पर नाम लिखाया है, जो हमेशा यादव किए जाते रहेंगे। इस मौके पर वे उनके सम्मान में उनके चरणों में श्रृध्दा सुमन अर्पित करता हैं तथा श्रृध्दांजलि अर्पित करते हैं।

विधानसभा उपाध्यक्ष राजेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि वे महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा और राम सिंह यादव तथा अन्य दिवंगत आत्माओं को श्रृध्दांजलि देते हैं। कालूखेड़ा बहु आयामी व्यक्तित्व के धनी थे। अगर देखा जाये तो यह भी संयोग है कि उनका जन्म गुजरात में हुआ, शिक्षा उनकी राजस्थान में हुई और उनकी कर्मभूमि मप्र रही और इससे भी ज्यादा मुंगावली जिला शिवपुरी है, इसके बाद जावरा जिला रतलाम है। इन दोनों जगहों से वे विधायक रहे और गुना से सांसद रहे। आज वे समझते हैं कि बहुत कम लोग इतनी अलग-अलग जहगों से चुनकर आ सकते हों। निश्चित ही उनमें कुछ ऐसी काबिलियत तो जरुर थी। मेरा उनका बड़ा पुराना परिचय था और वे एक बहुत ही कुशल संसदविद् थे और बड़े प्रभावी ढंग से अपनी बात यहां रखा करते थे। 

इसके बाद कांग्रेस विधायक केपी सिंह कक्काजू ने अपनी बात रखी। तत्पश्चात स्पीकर ने सदन में दो मिनट मौन रखवाया तथा दिनभर के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

Created On :   27 Nov 2017 11:59 AM GMT

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