31 दिसंबर तक मध्यप्रदेश में नहीं देख पाएंगे कोई भी नई फिल्म, बंद रहेंगे सिनेमाघर

31 दिसंबर तक मध्यप्रदेश में नहीं देख पाएंगे कोई भी नई फिल्म, बंद रहेंगे सिनेमाघर

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मध्य प्रदेश के लोगों के लिए एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से एक बुरी खबर आई हैं। मध्यप्रदेश के लोग 31 दिसंबर तक कोई भी नई थिएटर्स में नहीं देख सकेंगे। पूरे प्रदेश में सिंगल स्क्रीन और मल्टी प्लेक्स थिएटर्स में 31 दिसंबर तक कोई फिल्म रिलीज नहीं की जाएगी। गुरुवार को यह फैसला मुंबई में हुई प्रोड्यूसर्स गिल्ड और सेंट्रल सर्किट सिनेमा एसोसिएशन ने लिया। एसोसिएशन ने ये फैसला जीएसटी के ऊपर एंटरटेनमेंट टैक्स के विरोध में मध्यप्रदेश में चल रही हड़ताल के मद्देनजर रखते हुए लिया। राजधानी भोपाल सिनेमा ऑनर्स एसोसिएशन के सचिव अजीजउद्दीन के मुताबिक एसोसिएशन ने तय किया है कि एमपी में जब तक सरकार एंटरटेनमेंट टैक्स खत्म नहीं करेगी, हड़ताल जारी रहेगी। 

हड़ताल में दोबारा शामिल सिंगल स्क्रीन थिएटर संचालक

मुंबई में हुई प्रोड्यूसर्स गिल्ड और सेंट्रल सर्किट सिनेमा एसोसिएशन के फैसले से सिंगल स्क्रीन थिएटर्स संचालक अघोषित ही दोबारा हड़ताल में शामिल हो गए है।जबकि उन्होंने 5 अक्टूबर को मल्टी प्लेक्स संचालकों से अलग 5 अक्टूबर से चल रही सिनेमा की अनिश्चिकालीन हड़ताल को 14वें दिन यानि की 18 अक्टूबर को खत्म करने का फैसला लिया था। सिंगल स्क्रीन थिएटर्स ने हड़ताल ये कहते हुए वापस लेने ली थी की अब वो दिसंबर के बाद अपनी बात रखेंगे और मांग पूरी नही होने पर हाईकोर्ट जाएंगे। सिंगल स्क्रीन थिएटर्स संचालकों के हड़ताल वापस लेने के बाद भी मल्टी प्लेक्स में हड़ताल जारी रही।सिंगल स्क्रीन मालिकों के हड़ताल खत्म करने से सिनेमा एसोसिएशन दो धड़ों में बंटा हुआ नजर आ रहा था, लेकिन मुंबई में हुई प्रोड्यूसर्स गिल्ड और सेंट्रल सर्किट सिनेमा एसोसिएशन के फैसले से सिंगल स्क्रीन और मल्टी स्क्रीन सिनेमाघरों को चाहते ना चाहते हुए भी एक-जुट लाकर खड़ा कर दिया। 

क्यों हैं सिनेमाघर संचालकों की हड़ताल ?
मध्य प्रदेश के सिनेमाघरों के मालिक 5 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए थे। सिनेमाघरों के मालिक दोहरे टैक्स के विरोध में हड़ताल कर रहे हैं। ये वर्ग सिने एसोसिएशन भोपाल और इंदौर के नगर निगमों द्वारा जारी अधिसूचना का विरोध कर रहा है। हड़ताल की वजह है, नगर निगम का मनोरंजन कर के नाम पर मल्टीप्लेक्स और सिनेमाघरों पर टैक्स लगाना। ये GST के अलावा लिया जाएगा। सिनेमा हॉल और मल्टी प्लेक्स पर राज्य सरकार ने 5, 10 और 15 प्रतिशत के तीन स्लैब में एंटरटेनमेंट टैक्स लगाया है। जबकि, सिंगल स्क्रीन 18 और मल्टी प्लेक्स 28 प्रतिशत जीएसटी और प्रति शो 200 रुपए शो टैक्स देते हैं।  दोहरे टैक्स से परेशान होकर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सभी सदस्यों ने 5 अक्टूबर, 2018 से हड़ताल पर जाने का फैसला लिया था।

विरोध की वजह?

- मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय के जीएसटी के ऊपर एंटरटेनमेंट टैक्स लेने से फिल्म प्रोड्यूसर को डर है कि दूसरे राज्य भी इसे लागू ना कर दें।

- 100 रु. के टिकट पर 18% जीएसटी, ज्यादा के टिकट पर 28%, अगर इसके ऊपर एंटरटेनमेंट टैक्स भी लगाया जाएगा, तो टिकट महंगी होगी और फिल्म देखने वालों की संख्या कम। 

- मप्र में निकाय प्रति शो 200 रु.टैक्स भी ले रहा है, जबकि अधिकांश राज्यों में शो टैक्स नहीं हैं।

अब तक एंटरटेनमेंट टैक्स में कोई संशोधन नहीं
हड़ताल शुरू होने के अगले ही दिन आचार संहिता लगने के कारण अब तक हड़ताल के बाद भी कोई संशोधन नहीं हुआ है।पिछले दिनों सिनेमा हॉल संचालकों ने राज्य की मंत्री माया सिंह से मुलाकात भी की थी लेकिन उस मुलाकात का कोई अर्थ नहीं निकल पाया। 

तीन हफ्तों से कोई भी फिल्म रिलीज नहीं
5 अक्टूबर को हड़ताल के बाद से एमपी में कोई फिल्म रिलीज नहीं हुई। हड़ताल के पहले दिन ही सलमान खान के जीजा आयुष शर्मा की डेब्यू फिल्म लवयात्री रिलीज हुई, लेकिन सलमान के पिता सलीम खान ने अपने होमटाउन इंदौर के व्यापारियों को जीएसटी के ऊपर एंटरटेनमेंट टैक्स के विरोध का समर्थन करते हुए फिल्म रिलीज ना करने का फैसला लिया था। और 31 दिसंबर तक कोई फिल्म रिलीज नहीं।
 

Created On :   19 Oct 2018 5:31 AM GMT

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