मध्य प्रदेश को लगतार 5वीं बार मिला कृषि कर्मण पुरस्कार

Madhya pradesh got krishi karman award continously 5th times
मध्य प्रदेश को लगतार 5वीं बार मिला कृषि कर्मण पुरस्कार
मध्य प्रदेश को लगतार 5वीं बार मिला कृषि कर्मण पुरस्कार
हाईलाइट
  • प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में मध्यप्रदेश के दो किसान जिला होशंगाबाद के पन्नारी गाँव की श्रीमती अरूणा जोशी को प्रति हेक्टेयर 104.60 क्विंटल और जिला नरसिंहपुर के कनवास गाँव के नरेश पटेल को प्रति हेक्टेयर 99.8 क्विंटल गेहूँ उत्पादन के लिए पुरस्कृत किया गया।
  • प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा प्रदेश के तीन जिले आगर-मालवा
  • सिंगरौली और अलीराजपुर में कृषि विज्ञान केन्द्र का शिलान्यास रिमोट से किया ग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्लीमध्यप्रदेश को शनिवार को वर्ष 2015-16 के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार से नवाजा गया है। नई दिल्ली में कृषि उन्नत मेले में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विभिन्न श्रेणियों के लिए यह पुरस्कार वितरित किया। मध्यप्रदेश का पुरस्कार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रहण किया। पुरस्कार में प्रशस्ति-पत्र, ट्राफी और दो करोड़ की पुरस्कार राशि प्रदान की गयी। मध्यप्रदेश को यह पुरस्कार दस लाख टन से अधिक गेहूँ के उत्पादन के क्षेत्र में प्रदान किया गया है। मध्यप्रदेश को लगातार पाँचवीं बार कृषि कर्मण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। सर्वप्रथम वर्ष 2011-12, 2012-13 और 2014-15 में मध्यप्रदेश को कुल खाद्यान्न की श्रेणी में तथा वर्ष 2013-14 और वर्ष 2015-16 में गेहूँ उत्पादन के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया गया। 

साथ ही सेन्ट्रल जोन के अंतर्गत मध्यप्रदेश के दतिया जिले को उन्नत खेती और समग्र विकास के लिये पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा प्रदेश के तीन जिले आगर-मालवा, सिंगरौली और अलीराजपुर में कृषि विज्ञान केन्द्र का शिलान्यास रिमोट से किया गया। प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में मध्यप्रदेश के दो किसान जिला होशंगाबाद के पन्नारी गाँव की श्रीमती अरूणा जोशी को प्रति हेक्टेयर 104.60 क्विंटल और जिला नरसिंहपुर के कनवास गाँव के नरेश पटेल को प्रति हेक्टेयर 99.8 क्विंटल गेहूँ उत्पादन के लिए पुरस्कृत किया गया।

प्रदेश में गेहूँ उत्पादन में अप्रत्याशित वृद्धि
मध्यप्रदेश में गेहूँ उत्पादन के मामले में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वर्ष 2004-05 में गेहूँ का उत्पादन 73 लाख 27 हजार मीट्रिक टन था, जो वर्ष 2016-17 में बढक़र 219 लाख 18 हजार मीट्रिक टन हो गया है। गेहूँ की उत्पादकता वर्ष 2004-05 में 18.21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर थी, जो वर्ष 2016-17 में बढक़र 34.13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर हो गई है। प्रदेश ने गेहूँ उत्पादन के मामले में पंजाब और हरियाणा को पीछे छोड़ दिया है। मध्यप्रदेश के शरबती गेहूँ और डयूरम गेहूँ ने देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी अपनी पहचान बनाई है। मध्यप्रदेश का शरबती गेहूँ देशभर में प्रसिद्ध है।

प्रदेश की कृषि विकास दर देश में सर्वाधिक
मध्यप्रदेश में कृषि विकास दर में पिछले पाँच वर्षों में 18 प्रतिशत रही है, जो पूरे देश में सर्वाधिक है। मध्यप्रदेश में किसानों की आय पाँच वर्ष में दोगुनी करने के लिये रोड-मेप तैयार कर लिया गया है। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछलीपालन, वानिकी, सिंचाई विस्तार, रेशम, कुटीर और ग्रामोद्योग विभाग ने रोड-मेप पर कार्य शुरू कर दिया है। मध्यप्रदेश बीज प्रमाणीकरण के मामले में भी श्रेष्ठ स्थान पर है। प्रदेश में वर्तमान में 40 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज पैदा किया जा रहा है। पुरस्कार वितरण समारोह में केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला, गजेन्द्र शेखावत और श्रीमती कृष्णा राज, प्रदेश के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, प्रमुख सचिव कृषि डॉ0 राजेश राजौरा, कृषि उत्पादन आयुक्त पीसी मीणा और कृषि संचालक मोहन लाल मीणा मौजूद थे।

Created On :   18 March 2018 10:11 AM GMT

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