लोन प्रोसिजर पर बोला HC- गरीबों से पूछताछ, अमीरों से क्यों नहीं?

Madras High Court slams Bank for refusing Education loan of a poor girl
लोन प्रोसिजर पर बोला HC- गरीबों से पूछताछ, अमीरों से क्यों नहीं?
लोन प्रोसिजर पर बोला HC- गरीबों से पूछताछ, अमीरों से क्यों नहीं?

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। मद्रास हाईकोर्ट ने बैंकों के लोन देने की प्रोसेस पर सवाल उठाते हुए बैंकों को फटकार लगाई है। एक गरीब स्टूडेंट की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा है कि "बैंक अरबपति कारोबारियों और गरीबों को लोन देने के लिए अलग-अलग क्राइटेरिया अपनाते हैं। गरीबों से पूछताछ की जाती है, जबकि अमीरों से बिना कोई सवाल किए उनका लोन पास कर दिया जाता है।" बता दें कि एक लड़की ने 5 साल पहले इंडियन ओवरसीज बैंक में एजुकेशन लोन के लिए एप्लाय किया था, लेकिन बैंक ने उसे लोन देने से इनकार कर दिया था।

गरीबों से पूछताछ, अमीरों से कुछ नहीं

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक इंजीनियरिंग स्टूडेंट की पिटीशन पर सुनवाई करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने बैंकों को फटकार लगाते हुए कहा कि "एक तरफ तो बैंक बिना सिक्योरिटी के अरबपति कारोबारियों को लोन दे देते हैं या लेटर ऑफ अंडरस्टैंडिंग (LoU) जारी कर देते हैं। इसके बाद जब घोटाला सामने आता है, तो बैंक लोन की रिकवरी के लिए एक्शन लेता है। वहीं दूसरी तरफ जब कोई मिडिल क्लास या गरीब लोगों को लोन देने की बात आती है, तो बैंक अलग क्राइटेरिया अपनाते हुए उनसे सारे पेपर्स मांगते हैं और पुख्ता जांच की बाद बड़ी मुश्किल से लोन पास करते हैं।"

बैंक पर लगाया 25 हजार रुपए का जुर्माना

हाईकोर्ट की जस्टिस केके शशिधरन और जस्टिस पी वेलमुरुगन की डबल बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) पर लड़की को लोन नहीं देने के कारण 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, 2012 में इस गरीब लड़की ने लोन पास नहीं करने पर IOB के खिलाफ मद्रास हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की थी, उस वक्त कोर्ट की सिंगल बेंच ने लड़की के पक्ष में फैसला सुनाया था। इसी फैसले के खिलाफ बैंक ने मद्रास हाईकोर्ट में पिटीशन फाइल की थी, जिसे कोर्ट की डबल बेंच ने खारिज कर दिया। कोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि "केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने गरीब स्टूडेंट को एजुकेशन लोन देकर शिक्षा पाने में उनकी मदद करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन बैंक ऐसा नहीं करके उनके निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं।"

क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, 2011-12 के एकेडमिक सेशन में इंजीनियरिंग कोर्ट में एडमिशन लेने के लिए तमिलनाडु की एक स्टूडेंट ने इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB) में 3.45 लाख रुपए के एजुकेशन लोन के लिए एप्लाय किया था, लेकिन बैंक ने लोन देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद ये स्टूडेंट हाईकोर्ट पहुंची थी, जहां सिंगल जज की बेंच ने स्टूडेंट के सपोर्ट में फैसला सुनाते हुए IOB को लोन पास करने का आदेश दिया था। इस आदेश के खिलाफ बैंक ने मद्रास हाईकोर्ट की बड़ी बेंच के सामने अपील की, जिसे जस्टिस केके शशिधरन और जस्टिस पी वेलमुरुगन की डबल बेंच ने भी खारिज करते हुए बैंक पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है।
 

 

Created On :   24 Feb 2018 4:20 AM GMT

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