महामस्तकाभिषेक: बसाए गए 12 नगर, भव्य उत्सव में लाखों लोग शामिल
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अति प्राचीन एवं सुप्रसिद्ध तीर्थस्थल श्रावणबलगोला में भगवान बाहुबली का महामस्ताभिषेक प्रारंभ हो गया। यह शनिवार से प्रारंभ होकर 26 फरवरी 2018 तक चलेगा। यह हर 12 वर्ष में आयोजित किया जाता है। इसमें शामिल होने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं। इस बार भी लोगों के ठहरने और महामस्ताभिषेक के लिए 12 नगर बसाए गए हैं। इस पूरे कार्यक्रम में लगभग 5 सौ करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
12 नगर 17 महाभोजनालय
वैसे तो कार्यक्रम का प्रारंभ 7 फरवरी को हो चुका है, किंतु 17 फरवरी से पंचमहाकल्याणक की शुरूआत हुई। 12 नगर में 17 महाभोजनालय बनाए गए हैं, जिनमें भक्तों के प्रसाद की व्यवस्था होगी। विशाल आयोजन में जितने लोग शामिल होने आए हैं उतने ही अधिक इसकी भव्यता को देखने वालों की संख्या है।
10 को विशाल मंच
जिस मंच पर खड़े होकर लोग भगवान बाहुबली का महामस्तकाभिषेक करेंगे, वह जर्मन तकनीक पर आधारित है। इसके संबंध में बताया जाता है कि इसे बनाने में करीब 10 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
मूर्तिकार को लगे 12 साल
कर्नाटक राज्य के हासन जिल में स्थित श्रावणबेलगोला में भगवान बाहुबली की यह विशाल प्रतिमा है जो कि एक पत्थर से निर्मित है। इसकी भव्यता मंे मूर्तिकार की मेहनत स्पष्ट नजर आती है। इसके संबंध में कहा जाता है कि इसे बनाने में मूर्तिकार को 12 साल लगे थे। इन्हें गोम्मेटेश्वर बाहुबली भी कहा जाता है।
जीतकर भाई को सौंपा पूरा राजपाठ
उत्तराधिकारी का युद्ध जीतने के बाद भी भगवान बाहुबली ने संपूर्ण सत्ता अपने भाई को सौंप दी थी और स्वयं सन्यास की राह पर चल पड़े थे। श्रावणबेलगोला में 26 फरवरी तक कुंभ के समान ही माहौल होगा। चंद्रगिरी यह स्थान विंध्यगिरि और चंद्रगिरि के मध्य स्थित है। शहर के मध्य में एक सुंदर श्वेत सरोवर के कारण यहां का नाम बेलगोला और फ़िर श्रवणबेलगोला पड़ा।
Created On :   17 Feb 2018 7:49 AM GMT