महाराष्ट्र कर्जमाफी : इधर सीएम का स्वागत, उधर किसान नेताओं ने ठुकराई राहत

Maharashtra : Farmer leaders rejects debt waiver
महाराष्ट्र कर्जमाफी : इधर सीएम का स्वागत, उधर किसान नेताओं ने ठुकराई राहत
महाराष्ट्र कर्जमाफी : इधर सीएम का स्वागत, उधर किसान नेताओं ने ठुकराई राहत

दैनिक भास्कर न्यूज डेस्क, मुंबई। किसानों को कर्जमाफी की घोषणा के बाद एक ओर जहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का स्वागत हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ किसान नेताओं ने सीएम की कर्जमाफी को ठुकरा दिया है। साथ ही किसान नेताओं ने राज्य सरकार पर वादा-खिलाफी के विरोध में संघर्ष यात्रा निकालने का भी फैसला लिया है। उधर सरकार के सहयोगी दल शिवसेना ने भी यह कहकर सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं कि कर्जमाफी से कोई बड़ी मदद नहीं मिलने वाली है।

सीएम फडणवीस का स्वागत
किसान कर्ज माफी की घोषणा के बाद गृह नगर लौटने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नागपुर एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया गया। स्वागत करने के लिए केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री नितीन गडकरी, मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के साथ विधायक आशीष देशमुख, सुधाकर देशमुख, डॉ. मिलिंद माने, सुधीर पारवे, विकास कुंभारे, मल्लिकार्जुन रेड्डी व स्थानीय राजनीति के दिग्गज नेताओं ने शिरकत की। स्वागत के दौरान मीडिया से बातचीत में फडणवीस ने कहा कि किसान कर्जमाफी के लिए अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा लेकिन इसकी भरपाई कर ली जाएगी। सीएम ने किसान कर्ज माफी के लिए निधी तैयार करने का आश्वासन भी दिया। साथ ही उन्होंने किसानों को तत्काल 10 हजार रुपए का कर्ज देने का निर्णय लिए जाने की बात को भी दोहराया।

किसान नेताओं ने ठुकराई कर्जमाफी
किसान आंदोलन को संचालित कर रहे किसान नेताओं ने आज फडणवीस सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी को ठुकरा दिया है। किसान नेताओं का कहना है कि कर्जमाफी में अपर लिमिट नहीं होनी चाहिए। सीएम फडणवीस को किसानों का पूरा कर्ज माफ करना चाहिए. बता दें कि फडणवीस सरकार ने किसानों का डेढ़ लाख तक का कृषि लोन माफ किया है। किसान नेताओं ने इसे वादा खिलाफी बताते हुए कहा है कि 9 जुलाई को सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी पर चर्चा होगी। इसके बाद पूरे राज्य में सरकार के खिलाफ 23 जुलाई तक संघर्ष यात्रा निकाली जाएगी।

कर्जमाफी पर उद्धव ठाकरे के बोल
राज्य सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी की घोषणा को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने अनुपयोगी बताया है। उद्धव ठाकरे ने कहा है कि इस कर्जमाफी से किसानों को कोई वास्तविक राहत नहीं मिलेगी। नासिक जिले में पार्टी की शेतकारी संवाद यात्रा शुरू करते हुए शिवसेना प्रमुख ने कहा कि किसानों को फायदा पहुंचाना है तो स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिये।

शिवसेना प्रमुख ने फडणवीस सरकार द्वारा केवल 30 जून 2016 तक के बकाया कर्ज को माफ करने के फैसले का विरोध करते हुए कहा कि सरकार को जून 2017 तक के बकाया कर्ज को माफ करने की आवश्यकता थी। साथ ही उद्धव ठाकरे ने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों के मुद्दे को देखूंगा। मैं सुनिश्चित करूंगा कि ये आरोप वापस लिये जाएं।

Created On :   25 Jun 2017 3:24 PM GMT

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