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डैम का नहीं मिला पानी तो गुस्साए किसानों ने जला दी धान फसल, सरकारी नीति का विरोध
डिजिटल डेस्क, चामोर्शी/गड़चिरोली। सिंचाई के लिए डैम का पानी नहीं मिलने से गुस्साए किसानों ने सूखने की कगार पर पहुंची अपनी धान की फसलों को आग के हवाले कर दिया। बार-बार गुहार लगाने के बावजूद सिंचाई विभाग की अनदेखी से किसानों ने अपने खेत की धान फसल को ही आग लगा दी। घटना तहसील के दोटकुली गांव की है। किसानों ने संबंधित विभाग की कार्यप्रणाली पर तीव्र नाराजगी व्यक्त की है।
बता दें कि दोटकुली, वाघोली और वेलतुर तुकुम तहसील के अंतिम छोर पर बसा हुआ हैं। प्रतिवर्ष पानी के अभाव में इस क्षेत्र के किसानों के हाथों से धान फसल निकल जाती है। इस वर्ष स्थिति में बदलाव न होने की आशंका के मद्देनजर संबंधित गांवों के किसानों ने तहसील के भेंडाला स्थित सिंचाई विभाग के शाखा अभियंता कार्यालय में जाकर अभियंता को ज्ञापन सौंपकर गांवों में रेगड़ी डैम का पानी छोडऩे की मांग की थी। संबंधित विभाग ने इस क्षेत्र के किसानों की मांग की ओर अनदेखी की।
बताया जाता है कि पानी के अभाव में दोटकुली-वाघोली क्षेत्र के करीब 50 हेक्टेयर की धान फसल पूरी तरह सूखने की कगार पर पहुंच गई । किसानों ने संबंधित विभाग के अधिकारी और जनप्रतिनिधियों का ध्यानाकर्षण कराकर धान फसल को तत्काल पानी उपलब्ध कराने की मांग की थी किंतु किसी ने भी इस ओर ध्यान नहीं दिया। जिससे गुस्साए किसानों ने सिंचाई विभाग की लापरवाही कार्यप्रणाली पर तीव्र नाराजगी जताते हुए अपने ही धान फसल को आग लगा दी। ऐन दिवाली के पहले किसानों की फसल हाथ से निकल जाने से किसानों की दिवाली काली होते दिखाई दे रही है। किसानों में सरकार की नीति को लेकर भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
इस समय साईंनाथ ढोबे, सचिन पुटकमवार, दयाकर येलतीवार, जानकिराम ढोंबे, योगराज चुधरी, जिप सदस्य कविता भगत, पूर्व पंस सदस्य प्रमोद भगत, नीलकंठ भांडेकर, नारायण कुमरे, देविदास बोदलकर, परशुराम गोहणे, चंदू चुधरी, मधुकर पुटकमवार, धनराज नरूले, ज्योति गेडाम समेत बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।
Created On :   20 Oct 2018 11:22 AM GMT