विरोध के बाद अब ऑनलाइन शराब नहीं बेचेगी महाराष्ट्र सरकार

Maharashtra government decided to cancel the plan of online liquor selling
विरोध के बाद अब ऑनलाइन शराब नहीं बेचेगी महाराष्ट्र सरकार
विरोध के बाद अब ऑनलाइन शराब नहीं बेचेगी महाराष्ट्र सरकार
हाईलाइट
  • आधार कार्ड के जरिए लोगों की पहचान करेंगे दुकान विक्रेता
  • योजना लागू होने पर ऐसा करने वाला पहला राज्य बना है महाराष्ट्र
  • समाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद वापस लिया फैसला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार शराब की होम डिलेवरी करने की योजना बना रही थी, लेकिन, सामाजिक कार्यकर्ताओं के विरोध के बाद सरकार को अपनी योजना से पीछे हटना पड़ा। पहले यह कहा गा था कि ड्रिंक एंड ड्राइव के बढ़ते मामलों में कमी लाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। योजना लागू होने पर महाराष्ट्र देश में ऑनलाइन और होम डिलेवरी शराब सप्लाई करने वाला पहला राज्य बन जाता। 

 

इससे पहले राज्य के मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा था ये कदम महाराष्ट्र की शराब इंडस्ट्री के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा था कि देश में कॉमर्स कंपनियां जिस तरह से काम करती हैं, शराब की होम डिलेवरी भी उसी तरह की जाएगी। बावनकुले ने कहा कि जिस तरह से लोगों को सब्जियां घर बैठे ही मिल जाया करती हैं। ठीक उसी तर्ज पर शराब की भी बिक्री की जाएगी। 


ये जानकारी सामने आने के बाद सरकार की इस योजना का सामाजिक कार्यकर्ता विरोध करने लगे थे, जिसके बाद बावनकुले ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई योजना नहीं है। इससे पहले बावनकुले ने कहा था कि इस योजना को शुरू करने से पहले यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शराब आर्डर करने वाला न्यूनतम आयु की शर्त को पूरा करता हो। शराब विक्रेता आधार कार्ड के जरिए खरीदार की पहचान करेंगे। मंत्री ने कहा कि बोतलों पर जियो टैक लगाया जाएगा, जिससे शराब की बोतलों की लोकेशन भी ली जा सके। 

 

बावनकुले ने कहा था कि बोतल के ढक्कन पर टैगिंग की जाएगी। मैन्युफैक्चरर से लेकर ग्राहक तक पहुंचने के बीच में कभी भी बोतल को ट्रैक किया जा सकता है। यह तस्करी और नकली शराब  की बिक्री को रोकने में भी मदद करेगा।

 

एनसीआरबी (नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2015 में हुए सड़क हादसों में 1.5 प्रतिशत हादसों के लिए नशे में ड्राइविंग करने वाले जिम्मेदार थे। इन घटनाओं में मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा थी। लापरवाही और तेजी से गाड़ी चलाने में हुई दुर्घटनाओं में 33 और 30 प्रतिशत लोगों की मौत हुई। नशे में गाड़ी चलाने वाले 42 प्रतिशत लोग हादसे के दौरान मारे गए।
 

Created On :   14 Oct 2018 9:59 AM GMT

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