महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल बैठक : अब मराठवाड़ा में सरकार बांटेगी गाय- भैस

Maharashtra State Cabinet Meeting: government distribute cattles
महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल बैठक : अब मराठवाड़ा में सरकार बांटेगी गाय- भैस
महाराष्ट्र राज्य मंत्रिमंडल बैठक : अब मराठवाड़ा में सरकार बांटेगी गाय- भैस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मराठवाड़ा पैकेज के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रुप में शुरू की गई बकरी, गाय और भैंस बांटने की सामूहिक योजना जालना के बाद अब बीड़, उस्मानाबाद और यवतमाल जिलों में भी लागू की जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया है। राज्य सरकार ने ‘ए’ से ‘डी’ वर्ग की 26 महानगर पालिकाओं को दी जाने वाली निधि को 50 से बढ़ाकर 75 फीसदी कर दिया है। मंत्रिमंडल ने इस योजना के संशोधित वित्तीय संरचना व दिशा-निर्देशों को मंजूरी दे दी। महानगर पालिका क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए राज्य की 26 महानगर पालिकाएं अपने हिस्से के तौर पर 50 फीसदी निधि देती हैं।

जबकि बाकी 50 फीसदी राशि सरकार देती है। कई महानगर पालिकाएं आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण अपने हिस्से की निधि नहीं दे पा रही थीं। इसलिए 26 महानगर पालिकाओं को 75 फीसदी अनुदान देने का फैसला किया गया है और बाकी 25 फीसदी हिस्सा मनपा देगी।  जबकि बीएमसी को पहले की तरह 50 फीसदी निधि उपलब्ध कराई जाएगी।     

किसानों को मिलेंगे 80 हजार 729 कृषि पंप कनेक्शन

राज्य के विदर्भ और मराठवाड़ा में अगले एक साल में किसानों के 80 हजार 729 कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन दिया जाएगा। दोनों अंचल में महावितरण के माध्यम से बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल ने किसानों के कृषि पंपों को बिजली कनेक्शन देने लिए लागू विशेष योजना को शुरू रखने का फैसला लिया। इस योजना के लिए साल 2017-18 के बजट में मंजूर 266 करोड़ रुपए की निधि महावितरण को देने को मंजूरी दी गई है। राज्य सरकार ने क्षेत्रीय असंतुलन दूर करने की दृष्टि से यह योजना लागू की है। विदर्भ और मराठवाड़ा में साल 2015-16 और साल 2016-17 के जनवरी महीने तक 89 हजार 506 किसानों को बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है। 

यवतमाल, बीड़, उस्मानाबाद में भी लागू होगी गाय-भैंस बांटने की योजना

मराठवाड़ा पैकेज के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रुप में शुरू की गई बकरी, गाय, और भैंस बांटने की सामूहिक योजना जालना के बाद अब बीड़, उस्मानाबाद और यवतमाल जिलों में भी लागू की जाएगी। मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला किया गया है। साथ ही यह भी तय किया गया है कि योजना के लाभार्थियों को पहले साल ही पूरा अनुदान दे दिया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इससे कृषि पूरक व्यवसाय जोर पकड़ेंगे और दूध उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी।अब सभी वर्ग के लाभार्थियों को समूह स्थापना से पहले 50 फीसदी जबकि पहले छह महीनों के बाद 25 फीसदी जबकि अगले छह महीनों के बाद बची हुई राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में जमा कर दी जाएगी।

Created On :   11 Oct 2017 12:08 PM GMT

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