महाशिवरात्रि : 51 साल बाद बन रहा है महासंयोग, बन सकते हैं आप करोड़पति!
डिजिटल डेस्क। हिंदू कैलेंडर के अनुसार महाशिवरात्रि को हर साल फाल्गुन माह में 13वीं रात या 14वें दिन मनाया जाता है। साल 2018 में देश के कुछ शहरों में 13 फरवरी तो कुछ शहरों में 14 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जाएगी। शिवरात्रि मनाने के पीछे मुख्यतः दो मान्यताएं हैं। पहली मान्यता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ था और दूसरी मान्यता ये है कि इस दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती से हुआ था। इस महाशिवरात्रि के महापर्व पर 51 साल बाद महासंयोग बन रहा है, जो आपको करोड़पति बना सकता है।
अगर आपकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है तो ये उपाय करें- संध्या काल में उत्तर दिशा की तरफ मुंह करके बैठें और फिर इस मंत्र का जाप करें। इस चन्दन मंत्र को लगातार सात दिनों तक दिन में तीन बार जाप करें। सात दिन में ही आपको मंत्र का असर दिखने लगेगा।
ॐ चन्दनस्य महत्पुण्यं, पवित्रं पापनाशनम्।
आपदां हरते नित्यम्, नीलकण्ठे सर्वदा
इस मंत्र का उच्चारण इस प्रकार से है। मस्तिष्क को शान्त, शीतल एवं सुगन्धित रखने की आवश्यकता का स्मरण कराने के लिए चन्दन धारण किया जाता है। अन्तःकरण में ऐसी सद्भावनाएं भरी होनी चाहिए, जिनकी सुगंध से अपने को सन्तोष एवं दूसरों को आनन्द मिले। भावना करें कि जिस महाशक्ति ने चन्दन को शीतलता- सुगंध दी है, उसी की कृपा से हमें भी वे तत्त्व मिल रहे हैं, जिनके आधार पर हम चन्दन की तरह ईश्वर के सान्निध्य के अधिकारी बन सकें।
महाशिवरात्रि पर भगवान शिव का पूजन करने के लिए चार प्रहरों का मूहूर्त है। यह श्रद्धालुओं पर निर्भर करता है कि वे किस मुहूर्त में भगवान महादेव का पूजन करेंगे ।
रात्रि पहले प्रहर पूजा का समय : शाम 18:05 से 21:20 तक
रात के दूसरा प्रहर में पूजा का समय : रात 21:20 से 00:35 तक
तीसरा प्रहर पूजा का समय = 00:35 से 03:49 तक
चौथा प्रहर पूजा का समय = 03:49 से 07:04 तक
महाशिवरात्रि पर जलाभिषेक से ज्योर्तिलिंगों की पूजा का पूर्ण लाभ मिलता है। इस दिन पूजन के दौरान हमें चांदी, दूध, शक्कर, बिल्व पत्र, बेल फल, घी, चंदन, भस्म, धतूरा, भांग कपूर व श्वेत वस्त्र भगवान शिव को अर्पित करना चाहिए।
Created On :   10 Feb 2018 10:21 AM GMT