महाशिवरात्रि: ये रुद्राक्ष धारण करने से धन के देवी-देवता प्रसन्न होंगे
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रुद्राक्ष को भगवान शिव का आभूषण माना जाता है। शिवपुराण की विद्येश्वरसंहिता में रुद्राक्ष के प्रकार, इनसे होने वाले लाभ तथा धारण करते समय मंत्र जप के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। रुद्राक्ष के 14 प्रकार बताए गए हैं, इन सभी रुद्राक्ष का महत्व व धारण करने का मंत्र अलग-अलग है। इन्हें माला के रूप में पहनने से मिलने वाले फल भी भिन्न ही हैं। इन रुद्राक्षों को सही नियम और विधि-विधान से धारण करने से विशेष लाभ मिलता है। आपको बता दें कि इस बार महाशिवरात्रि का पर्व 4 मार्च 2019 को है, सोमवार को महाशिवरात्रि होने से इसका महत्व और भी बढ़ गया है। इस अवसर पर आइए जानते हैं रुद्राक्ष के प्रकार और इनसे होने वाले लाभ। साथ ही जानिए रुद्राक्ष को धारण करते समय जपने वाले मंत्रों के बारे में...
14- चौदह मुख वाला रुद्राक्ष परम शिव रूप है। इसे धारण करने पर समस्त पापों का नाश हो जाता है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ नम:
13- तेरह मुख वाला रुद्राक्ष विश्वदेवों का रूप है। इसे पहनने वाले मनुष्य भाग्यवान होता है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं नम:
12- बारह मुख वाले रुद्राक्ष को धारण करने वाले के जीवन में इज्जत, शोहरत, पैसा या अन्य किसी वस्तु की कोई कमी नहीं होती।
धारण करने का मंत्र-
ॐ क्रौं क्षौं रौं नम:
11- ग्यारह मुखवाला रुद्राक्ष रुद्र रूप है। जो इस रुद्राक्ष को पहनाता है, किसी भी क्षेत्र में उसकी कभी हार नहीं होती।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं हुं नम:
10- दस मुख वाला रुद्राक्ष भगवान विष्णु का रूप है। इसे धारण करने वाले मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं नम:
9- नौ मुख वाले रुद्राक्ष को भैरव तथा कपिलमुनी का प्रतीक माना गया है। भैरव क्रोध के प्रतीक हैं और कपिल मुनि ज्ञान के। यानी इस रुद्राक्ष को धारण करने से क्रोध पर नियंत्रण रखा जा सकता है। साथ ही, ज्ञान की प्राप्ति भी हो सकती है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं हुं नम:
8- आठ मुख वाला रुद्राक्ष अष्टमूर्ति भैरव स्वरूप है। जो भी इसे पहनता है उसकी आयु बढ़ जाती है और अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ हुं नम:
7- सात मुख वाला रुद्राक्ष अनंगस्वरूप और अनंग नाम से प्रसिद्ध है। इसे धारण करने वाला दरिद्र भी राजा बन जाता है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ हुं नम:
6- छ: मुख वाला रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरूप है। जो भी इस रुद्राक्ष को पहनाता है, उसके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं हुं नम:
5- पांच मुख वाला रुद्राक्ष कालाग्नि रुद्र स्वरूप है। इसको पहनने से मानसिक शक्ति का विकास होता है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं नम:
4- चार मुख वाला रुद्राक्ष ब्रह्मा का स्वरूप है। उसके दर्शन तथा स्पर्श से धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की प्राप्ति होती है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं नम:
3- तीन मुख वाला रुद्राक्ष सफलता दिलाने वाला होता है। इस पहनने वाले व्यक्ति उच्च शिक्षित होता है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ क्लीं नम:
2- दो मुख वाला रुद्राक्ष देवदेवेश्वर कहा गया है। इस रुद्राक्ष को धारण करने वाले की हर इच्छा पूरी होती है।
धारण करने का मंत्र-
ॐ नम:
1-एक मुख वाला रुद्राक्ष साक्षात् शिव का स्वरूप है। जहां इस रूद्राक्ष की पूजा होती है, वहां से लक्ष्मी दूर नहीं जाती अर्थात् जो भी इसे धारण करता है वह कभी गरीब नहीं होता। धारण करने का मंत्र-
ॐ ह्रीं नम:
Created On :   14 Feb 2019 6:19 AM GMT