महात्मा गांधी की देश को आज ज्यादा जरूरत : कमलनाथ

Mahatma Gandhis country needs more today: Kamal Nath
महात्मा गांधी की देश को आज ज्यादा जरूरत : कमलनाथ
महात्मा गांधी की देश को आज ज्यादा जरूरत : कमलनाथ

भोपाल, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर एक ब्लॉग लिखा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि महात्मा गांधी की आज भारत को ज्यादा जरूरत है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने लिखा है, वे लोग महान हैं, जिन्होंने इस धरती पर महात्मा गांधी को देखा और सुना था। महात्मा गांधी जैसा व्यक्तित्व सदियों में जन्म लेता है। महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने सच कहा था कि -आने वाली पीढ़ियां शायद ही विश्वास करें कि इस धरती पर गांधीजी जैसा हाड़-मांस का पुतला कभी चलता था।

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, आज पूरा देश गांधी जी की 150वीं जयंती मना रहा है। यह हम सब के लिए अभूतपूर्व अवसर है। सिर्फ भारत ही नहीं, भारत जैसे कई देशों के लिए यह विशेष अवसर है। क्योंकि महात्मा गांधी एक विश्व नागरिक थे। पूरी दुनिया यह जानकर आश्चर्यचकित थी कि सत्य और अहिंसा के दो दिव्य अस्त्रों के साथ भारत ने अपने नागरिक अधिकारों की लड़ाई कैसे लड़ी और जीती। पहले दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह और फिर स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करते हुए महात्मा गांधी विश्व के शीर्श नेताओं की श्रेणी में गिने जाने लगे थे। इसलिए स्वाभाविक रूप से महात्मा की 150वीं जयंती का वैश्विक महत्व है।

देश और दुनिया के वर्तमान हालात की चर्चा करते हुए कमलनाथ ने कहा, आज हमें महात्मा गांधी को याद करने और उनके दर्शन को समझने की सबसे ज्यादा जरूरत है। वह इसलिए कि भारत सहित विश्व के कई देशों की राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक स्थितियों में जो तनाव चल रहा है, उसका समाधान गांधी जी के दर्शन में है। नैतिक मूल्यों और मानवीय गरिमा पर जो संकट है, उसे दूर करने में गांधीजी मदद कर सकते हैं। धर्म और जाति को लेकर उन्माद की जो स्थिति बन रही है, उससे बचने का उपाय गांधी जी के विचारों में है।

उन्होंने कहा, महात्मा गांधी भारत की पहचान हैं। पूरे विश्व में भारत को गांधी का देश कहते हैं। गांधीजी के बिना भारत की कल्पना अधूरी है। गांधीजी भारत के कण-कण में दर्शनीय हैं। गांधीजी सर्वोदय आधारित समाज की स्थापना करना चाहते थे। सर्वोदय का सीधा अर्थ है सबका कल्याण। सबकी समृद्धि। वे पर्यावरण को भी जीवंत मानते थे। इसलिए पर्यावरण की रक्षा और विवेकपूर्ण उपयोग की बात करते थे। गांधी जी एक महान शिक्षक भी थे। आज भारत सहित पूरे विश्व में सर्वधर्म समभाव की जरूरत है। सत्य और शांति की स्थापना की जरूरत है। साथ ही व्यक्ति की गरिमा को ठेस पहुंचाए बिना तरक्की करने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने युवाओं से आह्वान किया, गांधी जी की 150वीं जयंती पर उनके जीवन और उनके लेखन को पढ़ें। महात्मा गांधी का जीवन पढ़ने पर खुद इस सवाल का जवाब मिल जाएगा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने उनके नहीं रहने पर क्यों कहा था कि हमारे जीवन से प्रकाश चला गया। गांधीजी को जितना पढ़ेंगे, उतना हमारा रास्ता आसान होगा। वे कहते थे कि शिक्षा का अर्थ है चारित्रिक दुर्गुणों के प्रति सचेत रहना और उन्हें दूर करना।

Created On :   1 Oct 2019 3:00 PM GMT

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