ये योगासन की मदद से सेक्स लाइफ को बनाएं बेहतर

Make sex life better with the help of some special Yoga asanas
ये योगासन की मदद से सेक्स लाइफ को बनाएं बेहतर
ये योगासन की मदद से सेक्स लाइफ को बनाएं बेहतर


डिजिटल डेस्क । ये तो सभी जानते है कि योग हमारे शरीर और मस्तिष्क से जुड़ी कई समस्याओं को दूर करता है। योग करने से मन भी शांत रहता है और हमें हर तरह के हालात के लिए तैयार रखता है। योग जिस तरह से आपको दुरुस्त रखता है उसी तरह से आपको चुस्त भी रखता है। नियमित रूप से योग करने से आप पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से हर काम कर पाते है।  योग शारीरिक और मानसिक बल बढ़ता है, लेकिन क्या आप जानते है कि योग सेक्स लाइफ को बेहतर बनाने में भी मदद करता है। दरअसल जब आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होंगे तब किसी भी उम्र में एक स्वस्थ सेक्स लाइफ को जी पाएंगे। जीवन हो या शरीर किसी भी क्षेत्र में कोई भी समस्या हो उसका सीधा प्रभाव आपके सेक्स जीवन पर पड़ता है। 

 

 

अगर आप किसी भी वजह से अच्छी सेक्स लाइफ का आनंद नहीं उठा पा रहे है तो आपको योग का सहारा जरूर लेना चाहिए। असल में हमारा शरीर किसी भी प्रकार का कष्ट सेक्स के दौरान चरम अवस्था तक पहुंचने में परेशानी पैदा कर सकता है। खराब जीवनशैली या किसी भी प्रकार की बीमारी के कारण कई प्रकार के सेक्स संबंधी समस्याओं का सामना आपको करना पड़ सकता है, जैसे- इरेक्टाइल डिसफंक्शन (erectile dysfunction) या शीघ्रपतन (premature ejaculation) आदि। कहने का मतलब यह है कि सेक्स लाइफ का पूरा आनंद उठाने के लिए खुद को स्वस्थ रखना जरूरी होता है। तभी आप एक दूसरे को पूर्ण रूप से संतुष्ट और खुश कर पायेंगे। आइए जानते है कि वो कौन से योग आसन है जिनकी मदद से आप सेक्स जीवन का आनंद पूरी तरह से उठा सकते है। 

 

 

 

भुजंगासन- इस आसन को करने के लिए पहले पेट के बल सीधा लेट जाएं। इस अवस्था में पैर सीधा होना चाहिए। पैर के तलवे ऊपर की होने चाहिए और अंगुठे एक दूसरे से मिले होने चाहिए। अपने हाथों को छाती के पास इस प्रकार रखें ताकि आप अपने शरीर को नाभि तक धीरे-धीरे उठा सके। शरीर पेट से लेकर नाभि तक सीधा होना चाहिए और हथेली फर्श पर टिका होना चाहिए। इस अवस्था में साँस को दो-तीन सेंकेड तक रोककर रखने के बाद शरीर को धीरे-धीरे अपने पूर्व के अवस्था में लौटाकर लाना चाहिए।

फायदा- इससे आपको सेक्स करने के दौरान ऊर्जा मिलती है और इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से भी राहत मिलती है।

 

 

तितली आसन- फर्श पर एक आसन बिछाकर उस पर पैरों को फैलाकर बैठ जाएं। फिर घुटनों को इस तरह से मोड़े कि पैर के तलवे एक-दूसरे से मिल जाएं। उसके बाद हाथ से पैरों के अंगुलियों को पकड़े और तितली के पंखों की तरह पैरों को ऊपर और नीचे करें। धीरे-धीरे इसके गति को बढ़ाएं।

फायदा- इस आसन को करने से जननांग सुदृढ़ होने के साथ-साथ पेल्विक (pelvic) और ग्रॉइन (groin) अंगों में लचीलापन आ जाता है। साथ ही सेक्स के प्रति रूचि बढ़ने के साथ-साथ चरम आंनद का उपभोग भी कर पाते हैं।

 

 

 

हनुमानासन – कोई भी आसन हो खुले और हवादार जगह पर ही करना अच्छा होता है। इस आसन को करने के लिए चटाई पर पैरों को घुटनों से मोड़कर बैठ जाए। फिर पंजों के बल बैठने के बाद बाएं पैर को पीछे की ओर और दाएं पैर को सामने की ओर फैलाने की धीरे-धीरे कोशिश करनी चाहिए। जितना हो सके पैरों को फैलाये। सही स्थिति में आने के बाद प्रार्थना की मुद्रा में दो मिनट तक बैठने की कोशिश करें। इस प्रक्रिया को करने में कठिनाई होगी, इसलिए आराम से करने की कोशिश करें।

फायदा - इस आसन को करने से गुप्तांगों में रक्त का संचार अच्छी तरह से होने लगता है। साथ ही नीचे के अंगों की मांसपेशियों में तनाव कम होने के कारण लचीलापन आ जाता है। जिसके कारण सेक्स के दौरान कठिनाई कम होती है और चरम आनंद का अनुभव होता है

 

 

हलासन- इस आसन को करने के लिए पहले शवासन के मुद्रा में लेट जाए। फिर अच्छी तरह से साँस लेने के बाद कमर से पैरों को पीछे की ओर धीरे-धीरे ले जाए। और हाथों को उल्टे दिशा में सीधा करके रखें। कुछ सेंकेड इस अवस्था में रहने के बाद शरीर को पूर्व के अवस्था में लेकर जाए। 

फायदा- यह आसन करने से यौनांगों में उत्तेजना का संचार होता है जिसके कारण काम की इच्छा जागृत होती है। अगर किसी को नपुंसकता की समस्या है तो इस आसन के द्वारा इस समस्या से भी धीरे-धीरे राहत मिलने लगती है।

 

 

उष्ट्रासन- इस आसन को करने के लिए चटाई पर पहले घुटनों के बल बैठना चाहिए। फिर घुटनों को फर्श पर टिकाये रखते हुए शरीर को सीधा करके बैठ जाना चाहिए। फिर धीरे-धीरे शरीर को पीछे झुकाते हुए पैर के तलवों को छुने की कोशिश करनी चाहिए। कुछ सेंकेड तक इस अवस्था में रहने के बाद शरीर को फिर से पूर्व के अवस्था में लौटाकर लाना चाहिए। 

फायदा- इस आसन को करने से गुप्तागों में रक्त का संचार अच्छी तरह से हो पाता है। इसके कारण सेक्स के दौरान शरीर में ऊर्जा का संचार होने लगता है जो सेक्स के आनंद को उठाने में मदद करता है।

 

 

 

 

पद्मासन- फर्श पर पहले अच्छी तरह से बैठ जाए। फिर बायें पैर के एड़ी को दायें पैर के जांघ पर इस तरह से रखें कि वह नाभि के पास जाए। उसी तरह से दाये पैर के एड़ी को बायें पैर के जांघ पर भी उसी तरह से रखें। उसके बाद कमर से ऊपरी भाग को सीधा रखें। दोनों हथेलियों को गोद पर सीधा रखें। ध्यान के मुद्रा में बैठने के बाद साँस को नाक से ही निकालें।

फायदा - इस आसन को करने से मांसपेशियों, घुटना, मूत्राशय, पेट में मजबूती आती है। जिसके कारण खोई हुई काम की उत्तेजना वापस आ जाती है।

 

 

सर्वांगासन- इस आसन को करने के लिए पहले चटाई पर सीधा लेट जाए। फिर दोनों पैरों को मिलाते हुए हाथों के सहारे शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठायें। इस अवस्था में हथेली फर्श से सटी हुई होनी चाहिए। 

फायदा- जब किसी में सेक्स के प्रति बिल्कुल अरूची हो जाती है तो यह आसन उसके लिए रामबाण की तरह काम करता है। जिनको सेक्स के नाम से ही निराशा महसूस होने लगती है या सेक्स के दौरान कमजोरी महसूस होने लगती है उनको इस आसन के द्वारा सारे समस्याओं से निजात मिल जाएगी।

 

 

Created On :   8 July 2018 5:57 AM GMT

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