अनोखी परंपराः सफेद साड़ी में सिर्फ 4 फेरे लेती है दुल्हन

Mandla: Marriage in the white sari
अनोखी परंपराः सफेद साड़ी में सिर्फ 4 फेरे लेती है दुल्हन
अनोखी परंपराः सफेद साड़ी में सिर्फ 4 फेरे लेती है दुल्हन

टीम डिजिटल, मंडला. आदिवासियों की परंपराएं अब भी सबसे अलग और निराली हैं। ये बरबस ही लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। यहां हम आपको गोंड आदिवासी समुदाय की एक ऐसी परंपरा के बारे में बता रहे हैं। मध्यप्रदेश के मंडला जिले का भीमडोंगरी गांव इसका अपवाद बना हुआ है.इस गांव के आदिवासी समाज के लोग रंगीन साड़ी की बजाय सफेद साड़ी में दुल्हन को ब्याह कर घर लाते हैं. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि वधु पक्ष के घर में सिर्फ चार फेरे होते हैं और बचे तीन फेरे विदाई के बाद वर पक्ष के घर में होते हैं. 

बात सिर्फ दुल्हन की ही नहीं हैं. बल्कि, गांव का हर बाशिंदा सफेद लिबास में नजर आता है. यहां बच्चों से लेकर बुजुर्ग और दुल्हन से लेकर विधवा सभी सफेद पोशाक पहनते हैं. यहां मातम और जश्न का एक ही लिबास है. इस गांव के लोगों की माने तो सफेद रंग शांति का प्रतीक होता है. साथ ही सफेद रंग को पवित्र भी माना गया है. इसलिए ये लोग सफेद लिबास पहनना पसंद करते हैं. इनका मानना है कि सफेद लिबाज में बेटी को दुल्हन बनाकर विदा करने से उसका जीवन सुखी और खुशहाल व्यतीत होता है. 

Created On :   9 Jun 2017 9:42 AM GMT

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