मुंबई और दिल्ली से ज्यादा नागपुर की जनसंख्या, सरकारी वेबसाइट बता रही चौंकाने वाले आंकड़े

Many errors found in the government database of the population
मुंबई और दिल्ली से ज्यादा नागपुर की जनसंख्या, सरकारी वेबसाइट बता रही चौंकाने वाले आंकड़े
मुंबई और दिल्ली से ज्यादा नागपुर की जनसंख्या, सरकारी वेबसाइट बता रही चौंकाने वाले आंकड़े

लिमेश कुमार जंगम, नागपुर। किसी भी शहर की जानकारी के लिए आजकल सबसे पहले जिले की अधिकृत सरकारी वेबसाइट देखकर जानकारी ली जाती है। यदि आपने इसी तर्ज पर नागपुर कलेक्ट्रेट की वेबसाइट पर यकीन कर लिया, तो आपका चकराना वाजिब है। इसके अनुसार नागपुर की जनसंख्या 6.03 करोड़ है, जो मुंबई की जनसंख्या 2.13 करोड़ से तीन गुना और दिल्ली की जनसंख्या 1.70 करोड़ से करीब चार गुना ज्यादा है।

डिजिटलाइजेशन के जमाने में यह स्थिति प्रशासन को शर्मसार करने के लिए काफी है। जहां छोटे-छोटे शहर डिजिटल इंडिया की तर्ज पर रोज नए कदम उठा रहे हैं, ऐसे में महाराष्ट्र की उपराजधानी में अफसरों और कर्मचारियों की लापरवाही रोज मूखर्ता के नए-नए रिकॉर्ड बनाने में आमादा है। उक्त सरकारी वेबसाइट में एक नहीं ढेरों खामियां हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रशासन डिजिटल इंडिया में किस स्थिति में है। 

पुलिस चौकियों की नहीं जानकारी
अंग्रेजी के होम पेज पर जहां पुलिस स्टेशनों की संख्या दर्शाई जा रही है, वहां आंकड़ा केवल 2 है। जिस पर क्लिक करते ही नागपुर एसपी ग्रामीण कार्यालय एवं शहर पुलिस का पता दिखाई पड़ता है, जबकि पुलिस स्टेशन का अंग्रेजी से मराठी अनुवाद करने वाले विशेषज्ञों ने मराठी पेज पर इसे पुलिस चौकी नामक शब्द दिया है। हालांकि यहां भी पुलिस चौकियों की संख्या महज 2 बताई गई है। इस स्थान पर क्लिक करने पर उन्हीं दो मुख्यालयों का पता दिखाई देता है। ऐसे में जिले में कुल पुलिस स्टेशन या चौकियां कितनी हैं? यह सवाल यदि इस वेबसाइट पर भरोसा करने वाले किसी छात्र से कभी पूछा जाए, तो वह कितना सच बता पाएगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।

मराठी और अंग्रेजी के आंकड़ों में भारी अंतर
नागपुर जिलाधिकारी कार्यालय के nagpur.gov.in पर विजिट करने पर जब हम अंग्रेजी भाषा के होम पेज को देखते हैं, तो यहां जनसंख्या का आंकड़ा 46 लाख 53 हजार 570 दिखाई पड़ता है, जबकि इसी ‘पापुलेशन’ नामक विषय पर क्लिक करते ही जो पेज निकलकर स्क्रीन पर आता है, उसमें दर्ज जनसंख्या 46 लाख 53 हजार 171 दिखाई पड़ती है। अर्थात 399 लोग गायब हो जाते हैं। यही हाल शहर की जनसंख्या के मामले में नजर आता है। मराठी पेज पर नागपुर शहर की जनसंख्या 24 लाख 5 हजार 911 है, ताे अंग्रेजी पेज पर शहर की जनसंख्या 24 लाख 5 हजार 421 दर्ज है।

मतलब साफ है कि मराठी से अंग्रेजी पेज पर जाते ही शहर की जनसंख्या 490 व्यक्ति तक घट जाती है। हैरत की बात यह है कि जिलाधिकारी कार्यालय की यह वेबसाइट अपने ही पेज में दो अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत कर असमंजस की स्थिति पैदा कर रही है।

सरकारी कार्यालय के सरकारी वेबसाइट के होम पेज पर 6 करोड़ 3 लाख 83 हजार 628 का आंकड़ा स्पष्ट तौर पर दिखाई पड़ता है। जब जिला प्रशासन की डिजिटल व्यवस्था ही चरमराई हो, तो अन्य विभागों से क्या उम्मीद की जा सकती है? नागपुर डॉट जीओवी डॉट इन को जैसे ही हम विजिट करते हैं, तो होम पर पर उपलब्ध नागपुर जिले की अनेक जानकारियां चौंकाने वाली नजर आती हैं। न केवल जनसंख्या, बल्कि साक्षरता का प्रमाण भी भिन्न-भिन्न देखा जा सकता है। भाषा बदलते ही यहां उपलब्ध आंकड़े भी बदल जाते हैं।

अंग्रेजी व मराठी में उपलब्ध यह जानकारियां असमंजस पैदा कर रही हैं। होम पेज पर जो आंकड़े दर्ज हैं, वह जानकारी भीतर के पेजों में भी बदली हुई दिखाई पड़ती है। होम पेज से अंदर प्रवेश करते ही जनसंख्या के मामले में 399 व्यक्ति गायब हो जाते हैं। प्रशासन की इस लापरवाहीपूर्ण कार्यप्रणाली से सर्वत्र आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है।

भौगोलिक क्षेत्र भी 86132 वर्ग किमी बढ़ा   
जिले का भौगोलिक क्षेत्र जानने के लिए जब जिलाधिकारी कार्यालय के अधिकृत वेबसाइट पर जाते हैं, तो हमें अंग्रेजी में उपलब्ध आंकड़ा सही-सही जानकारी देता है। यहां जिले का भौगोलिक क्षेत्र 9892 वर्ग किलोमीटर दर्शाया गया है, जबकि इसी जानकारी को यदि हम मराठी में देखना चाहें, तो यह आंकड़ा अचानक से हमें 86132 वर्ग किलोमीटर अधिक बताता है। अर्थात मराठी पेज पर नागपुर जिले का भौगोलिक क्षेत्र 96024 वर्ग किमी दर्शाया गया है। ऐसे में जिले से जुड़ी सही जानकारी की मंशा से सरकारी वेबसाइट पर आने वाले लोगों को गलत जानकारी प्राप्त हो रही है।

साक्षरता के 4 अलग आंकड़े
कलेक्ट्रेट की वेबसाइट को यदि हम गहनता से अध्ययन व पड़ताल करें, तो अनेक गड़बड़ियां उजागर होंगी। एक ही विषय पर 4 अलग-अलग आंकड़े पेश किए जा रहे हैं। अंग्रेजी भाषा के पेज पर जहां साक्षरता का प्रमाण हमें 89.50 प्रतिशत मिलता है, वहीं भीतर में यह जानकारी 89.52 प्रतिशत हो जाती है।

उल्लेखनीय है कि मराठी के होम पेज पर साक्षरता का प्रमाण 86.03 प्रतिशत दर्ज है। भीतर प्रवेश करने पर यह आंकड़ा फिर बदलकर 89.52 प्रतिशत हो जाता है, जबकि डिस्ट्रिक्ट सेंसेस हैंडबुक नागपुर के पीडीएफ वर्जन में साक्षरता का प्रमाण हमें 88.39 दिखाई देता है। ऐसे में 4 अलग-अलग आंकड़ों से साक्षरता का असली प्रमाण कौन सा समझा जाए? यह सवाल जेहन में आते ही जिला प्रशासन की लापरवाही पर नाराजगी का भाव निर्माण हो जाता है।

फ्रांस, थाईलैंड व इटली की जनसंख्या से नागपुर की बराबरी
जिला प्रशासन की वेबसाइट पर जैसे ही हम मराठी का होम पेज खोलते हैं, तो हमें फ्रांस, थाईलैंड व इटली की जनसंख्या की बराबरी करने वाला आंकड़ा दिखाई पड़ता है। कमोबेश इन देशों की जनसंख्या 6 करोड़ के आस-पास ही है। नागपुर जिले की जनसंख्या को इस मराठी के होम पेज पर 6 करोड़ 3 लाख 83 हजार 628 दर्शाया गया है, जबकि डिस्ट्रिक्ट सेंसेस हैंडबुक नागपुर में राज्य की जनसंख्या 11.23 करोड़ दर्ज है।

प्रशासन की इस घोर लापरवाही से जहां जानकारों में यह चर्चा का विषय बना हुआ है, वहीं सरकार के डिजिटल इंडिया को चुस्त-दुरुस्त करने की मुहिम पर यह सवाल बनकर उभर आया है। हालांकि इस मराठी होम पेज के जनसंख्या वाले विषय पर क्लिक करते ही भीतर का जब पेज खुलता है, तो वहां हमें नागपुर जिले की जनसंख्या 46 लाख 53 हजार 171 मिलती है।

वही रटा-रटाया जवाब... गलतियां हैं, सुधार लेंगे
जनसंख्या दर्शाने वाले आंकड़ों को लेकर जो गलतियां हुई हैं, वह बेहद मामूली हैं। कहां-कहां क्या गड़बड़ी है, हमने अभी देखा नहीं है। सोमवार को इसकी पड़ताल करेंगे। यदि सुधार की जरूरत हो, तो गलतियां सुधार लेंगे और आंकड़ों को अपडेट किया जाएगा। अभी इस वेबसाइट को अपडेट करने की प्रक्रिया चल रही है। 
रवींद्र खजांजी, निवासी उप जिलाधिकारी, नागपुर

Created On :   23 July 2018 6:25 AM GMT

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